फर्जी एनकाउंटर मामले में 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (9 अप्रैल 2025): गौतमबुद्ध नगर के जेवर क्षेत्र में हुए एक फर्जी एनकाउंटर के मामले में न्यायालय के आदेश पर 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इसमें जेवर कोतवाली के तत्कालीन थाना प्रभारी समेत अन्य पुलिसकर्मी शामिल हैं। पीड़ित ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने बिना किसी वारंट के उनके बेटे को उठाया और उसके साथ मारपीट की। इसके बाद पुलिस ने एक फर्जी एनकाउंटर का रूप दे दिया। इस मामले में पुलिस द्वारा गहन जांच की जा रही है।

कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ मामला

गौतमबुद्ध नगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने फरवरी महीने में जेवर के तत्कालीन थाना प्रभारी समेत 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ फर्जी एनकाउंटर के आरोप में मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। यह आदेश मथुरा निवासी तरुण गौतम की अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया गया था। अदालत ने पुलिस को केस रजिस्टर करने से पहले पुलिस कमिश्नर से अनुमति लेने के लिए कहा था, जिसके बाद पुलिस ने मामले में कार्रवाई शुरू की और मुकदमा दर्ज किया।

पीड़ित का आरोप
मथुरा के निवासी तरुण गौतम ने अदालत में एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया था, जिसमें उन्होंने 4 सितंबर 2022 को हुई घटना का विवरण दिया। उनका कहना था कि देर शाम कुछ पुलिसकर्मी बिना वर्दी के उनके घर पहुंचे और खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए गाली-गलौज की। इसके बाद उन्होंने घर में तोड़फोड़ की और अलमारी से 22 हजार रुपये निकाल लिए। पुलिसकर्मी उन्हें जबरन गाड़ी में डालकर अज्ञात स्थान पर ले गए, जहां उनकी बुरी तरह से पिटाई की गई।

पीड़ित के अनुसार, पुलिसकर्मियों ने उनसे पूछा कि उनका बेटा कहां है। पुलिस का आरोप था कि उनके बेटे का नाम थाना जेवर क्षेत्र के नीमका गांव में हुए एक मर्डर केस में सामने आया है। इसके बाद पीड़ित ने बताया कि उनका बेटा बीटेक की पढ़ाई कर रहा है और दिल्ली में कोचिंग करता है। पुलिसकर्मी फिर पीड़ित को दिल्ली लेकर गए, जहां उनके बेटे सोमेश गौतम को बुरी तरह से पीटा गया और बाद में उसे जबरन थाना जेवर ले आया गया।

फर्जी एनकाउंटर का आरोप
पीड़ित का कहना है कि पुलिस ने उनके बेटे को अज्ञात स्थान पर ले जाकर उसकी आंखों पर पट्टी बांधकर उसके पैर में गोली मार दी। इस घटना को पुलिस ने एक फर्जी मुठभेड़ का रूप दे दिया। इसके बाद पीड़ित के बेटे के खिलाफ कई फर्जी मामले दर्ज कर दिए गए। पीड़ित ने कई बार उच्च अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन उनकी ओर से कोई सुनवाई नहीं की गई। अंततः न्याय की उम्मीद में पीड़ित ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, और कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया।

कोर्ट के आदेश के बाद कार्रवाई
कोर्ट के आदेश के बाद जेवर कोतवाली के तत्कालीन थाना प्रभारी अंजनी कुमार, अनिरुद्ध, राकेश बाबू, शरद यादव, चांदवीर, सन्नी कुमार, नीलकांत, सोहित कुमार, भूरी, जयप्रकाश, नोस कुमार और छितर सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। अब इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी गई है। गौरतलब है कि इन पुलिसकर्मियों में कई अभी भी जनपद में तैनात हैं।

न्याय की उम्मीद में अदालत का दरवाजा खटखटाया
यह मामला उस समय सामने आया जब पीड़ित ने कई बार उच्च अधिकारियों से शिकायत की थी, लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने न्याय के लिए अदालत का रुख किया। अदालत ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया, जिससे पीड़ित को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। इस मामले की जांच जारी है और यह देखना बाकी है कि क्या इन पुलिसकर्मियों को फर्जी एनकाउंटर के आरोप में सजा मिलती है।।


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