दिल्ली में बीजेपी सरकार का एक माह पूरा, राजनीतिक खींचतान, बजट घोषणाएं और शिक्षा पर टकराव!
टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (09 अप्रैल 2025): दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को सत्ता संभाले आज एक महीना पूरा हो गया है। इस एक महीने में दिल्ली की राजनीति में कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। नई सरकार ने जहां विधानसभा में अपना पहला बजट पेश किया, वहीं विपक्षी आम आदमी पार्टी लगातार सरकार पर हमलावर रही है। बजट से लेकर शिक्षा व्यवस्था तक, दोनों दलों के बीच सियासी ज़मीन पर जबरदस्त टकराव देखने को मिला है। मौजूदा हालात को समझने के लिए पिछले एक महीने की घटनाओं को खंगालना ज़रूरी हो जाता है।
भारतीय जनता पार्टी की नई सरकार ने दिल्ली विधानसभा में एक लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया, जिसे उन्होंने ‘विकासोन्मुख और जनहितकारी’ बताया। लेकिन इस बजट को लेकर आम आदमी पार्टी ने सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि ये आंकड़े महज एक जुमला हैं और ज़मीन पर इनका कोई असर नहीं दिखने वाला है। आप का आरोप है कि बजट में जिन वादों को दोहराया गया, जैसे महिलाओं को ₹2500 मासिक सहयोग और हर साल दो फ्री गैस सिलेंडर, वे सिर्फ चुनावी वादे साबित हुए। होली बीत गई, पर सिलेंडर नहीं मिले और न ही किसी महिला को ₹2500 की सहायता मिली।
जनता झेल रही मंगाई की मार
दिलचस्प बात यह रही कि सरकार बनने के एक महीने पूरे होने से ठीक पहले यानी 8 अप्रैल को दिल्ली में गैस सिलेंडर के दाम ₹50 बढ़ा दिए गए, जिससे विपक्ष को सरकार पर हमला बोलने का और मौका मिल गया। आम आदमी पार्टी ने कहा कि चुनाव के समय ₹500 में सिलेंडर देने का वादा करने वाली भाजपा अब महंगाई की मार जनता पर थोप रही है। इस फैसले को सरकार की कथनी और करनी का अंतर बताकर आम आदमी पार्टी सोशल मीडिया और ज़मीनी स्तर पर हमलावर हो गई।
शिक्षा के बढ़ती फीस पर राजनीति
शिक्षा के मोर्चे पर भी राजनीति गर्म है। प्राइवेट स्कूलों में फीस वृद्धि को लेकर आम आदमी पार्टी ने बीजेपी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। आप का आरोप है कि बीजेपी की सरकार शिक्षा माफिया के दबाव में काम कर रही है और जानबूझकर फीस वृद्धि के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। भरत अरोड़ा जैसे नामों को लेकर आप ने शिक्षा माफिया और बीजेपी के गठजोड़ का आरोप लगाया और पूरे मसले को “शिक्षा और सत्ता की सौदेबाज़ी” बताया। पिछले एक सप्ताह से आम आदमी पार्टी लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही है और जनता के बीच इसे बड़ा मुद्दा बनाकर उभार रही है।
विकास कार्य तेज गति से चल रहे है
वहीं भाजपा सरकार का दावा है कि वे पिछली सरकारों द्वारा अधूरे छोड़े गए कार्यों को पूरा करने में जुटी है। सीएजी की तीन रिपोर्टें विधानसभा में रखी गईं, जिसमें पूर्व आम आदमी पार्टी सरकार के कई घोटालों और वित्तीय अनियमितताओं का ज़िक्र किया गया। बीजेपी का कहना है कि उनके पास पुख्ता सबूत हैं कि पूर्व सरकार ने जनहित के नाम पर बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां कीं और अब नई सरकार उन कमियों को दूर करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। सीवर, जल निकासी और प्रदूषण जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दी जा रही है।
कुल मिलाकर, दिल्ली की मौजूदा राजनीतिक तस्वीर दो ध्रुवों में बंटी दिख रही है। एक तरफ बीजेपी है, जो अपने वादों को पूरा करने और भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी है, जो सरकार को हर मोर्चे पर घेरने में जुटी है। शिक्षा से लेकर महंगाई और बजट से लेकर आधारभूत संरचनाओं तक, दोनों दल अपनी-अपनी रणनीति से जनता के बीच पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। आने वाले महीनों में यह टकराव और तीखा हो सकता है, क्योंकि जनता अब वादों का हिसाब मांगने लगी है।
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