दिल्ली को इस महीने मिल सकता है नया मेयर, बीजेपी के पास बहुमत?

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (07 अप्रैल 2025): अप्रैल के आखिरी सप्ताह में दिल्ली में मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है। जैसे ही चुनाव होगा, एमसीडी में सत्ता परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। निगम सचिव की तरफ से पहले ही मेयर को चुनाव कराने के निर्देश दिए जा चुके हैं। अब बस मौजूदा मेयर महेश कुमार द्वारा तारीखों की घोषणा बाकी है। आंकड़ों के लिहाज से बीजेपी के पास इस बार भी दोनों पदों पर जीत हासिल करने का स्पष्ट मौका है। बीजेपी के उम्मीदवारों के पक्ष में बहुमत से ज़्यादा वोट माने जा रहे हैं। जून 2025 तक एमसीडी की सभी प्रमुख कमेटियों के गठन की प्रक्रिया भी पूरी कर ली जाएगी।

मेयर चुनाव में सिर्फ निगम पार्षद ही नहीं, दिल्ली के विधायक और सांसद भी मतदान करते हैं। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इस संबंध में विधायकों के नाम पहले ही घोषित कर दिए हैं। वोटों की गणना करें तो बीजेपी के पास इस समय कुल 135 वोट हैं, जबकि आम आदमी पार्टी के पास 119 वोट हैं। कांग्रेस के पास एमसीडी में 8 पार्षद हैं, जिनका समर्थन भी समीकरण बदल नहीं सकता। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कांग्रेस मतदान से दूर रह सकती है, या फिर आम आदमी पार्टी को समर्थन भी दे सकती है। इन दोनों ही स्थितियों में बीजेपी की जीत तय मानी जा रही है। यानी बीजेपी के लिए फिलहाल इस चुनाव में कोई बड़ी चुनौती नहीं दिख रही।

भाजपा की तरफ से मेयर पद के लिए अभी तक किसी एक नाम की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन संभावित चेहरों को लेकर चर्चा तेज है। एमसीडी में अनुभव और वरिष्ठता को देखते हुए योगेश अरोड़ा, राजा इकबाल सिंह, संदीप कपूर, सत्या शर्मा और परवेश वाही जैसे नेताओं के नाम मेयर पद की दौड़ में माने जा रहे हैं। इन नेताओं का एमसीडी में लंबा अनुभव है और वे निगम से जुड़े प्रमुख मुद्दों की समझ रखते हैं। पार्टी नेतृत्व इन नामों पर अंतिम निर्णय लेगा, लेकिन दावेदार खुद को पूरी तरह तैयार मान रहे हैं। उनमें से एक पार्षद ने कहा कि अगर पार्टी मुझे मौका देती है, तो मैं निगम में शानदार काम करके दिखाऊंगा।

दिल्ली की राजनीति में एमसीडी चुनाव हमेशा से अहम रहे हैं, क्योंकि निगम के कामकाज का सीधा असर शहर की व्यवस्था पर पड़ता है। बीजेपी की रणनीति अब सत्ता को बनाए रखने की है, ताकि विकास योजनाओं को लागू किया जा सके। वहीं आम आदमी पार्टी इन चुनावों को एक मौके के तौर पर देख रही है ताकि अपनी पकड़ को फिर से मज़बूत कर सके। दोनों ही दल अपनी रणनीतियों में व्यस्त हैं, लेकिन फिलहाल आंकड़ों का खेल बीजेपी के पक्ष में है। अगले कुछ दिनों में मेयर और डिप्टी मेयर पदों के लिए नामांकन और वोटिंग की तारीखें स्पष्ट हो जाएंगी।

आखिरी बार फरवरी 2023 में दिल्ली में मेयर चुनाव हुए थे, जिसमें आम आदमी पार्टी की शैली ओबरॉय ने जीत हासिल की थी। इस बार सत्ता समीकरण बदल चुका है और बीजेपी को जन समर्थन भी अधिक मिला है। पार्टी नेताओं का कहना है कि अब निगम में स्थिरता और तेज़ गति से विकास कार्यों पर ज़ोर दिया जाएगा। इसके अलावा जून तक स्थायी समितियों और अन्य विभागीय कमेटियों का गठन भी कर लिया जाएगा। इससे एमसीडी की कार्यक्षमता बेहतर होने की उम्मीद है। फिलहाल दिल्ली की जनता की निगाहें इस चुनाव पर टिकी हैं।

बीजेपी के लिए यह समय खुद को साबित करने का है, क्योंकि उन्हें जनता से मिले बहुमत के भरोसे को कार्यों में बदलना होगा। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी के लिए यह चुनाव सत्ता वापसी की उम्मीद से कम नहीं है। हर तरफ से राजनीतिक गतिविधियां तेज़ हो रही हैं, और दोनों ही दल अपने संभावित उम्मीदवारों के नाम तय करने में जुटे हैं। आने वाले दिनों में दिल्ली की राजनीति फिर से करवट लेने वाली है। इसके साथ ही राजधानी में स्थानीय प्रशासनिक संरचना एक नए दौर में प्रवेश करने को तैयार है।


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