दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों पर नकेल कसने की तैयारी, फीस बढ़ोतरी की होगी जांच!

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (07 अप्रैल 2025): दिल्ली सरकार ने राजधानी के 1677 प्राइवेट स्कूलों की ऑडिट कराने का बड़ा फैसला लिया है। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि सरकार अब स्कूलों की फीस वसूली पर पूरी नजर रखेगी। इस ऑडिट का नेतृत्व संबंधित क्षेत्र के एसडीएम करेंगे और तीन सदस्यीय टीम काम करेगी। सरकार की वेबसाइट पर 10 दिन में फीस वृद्धि का पूरा डेटा सार्वजनिक किया जाएगा। पिछले दस सालों में किस स्कूल ने कितनी फीस बढ़ाई, इसकी भी जांच होगी। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगेगी। यह कदम अभिभावकों को राहत देने के उद्देश्य से उठाया गया है।

अभिभावक अब स्कूलों के खिलाफ सीधे सरकार से शिकायत कर सकेंगे। इसके लिए ईमेल आईडी ddeact1@gmail.com जारी की गई है। अगर कोई स्कूल किसी छात्र का नाम फीस न जमा होने पर काटता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने कहा है कि स्कूलों की मनमानी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बच्चों की पढ़ाई से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इस कदम से हजारों अभिभावकों को राहत मिलेगी जो फीस बढ़ोतरी से परेशान हैं। अब हर शिकायत पर समयबद्ध कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी।

दिल्ली के 1677 स्कूलों में से करीब 375 स्कूल सरकारी ज़मीन पर चल रहे हैं। ऐसे स्कूलों को सरकार की अनुमति के बिना कोई फीस वृद्धि करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। अब इन्हें भी नियमों के तहत लाया जाएगा ताकि कोई मनमानी न हो। सरकार का कहना है कि शिक्षा को कारोबार बनने से रोकना जरूरी है। इसलिए हर स्तर पर पारदर्शिता सुनिश्चित की जा रही है। फीस बढ़ाने से पहले सभी पहलुओं की जांच की जाएगी। इससे स्कूलों की जवाबदेही भी बढ़ेगी और भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी।

मंत्री आशीष सूद ने आम आदमी पार्टी की पिछली सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि कुछ स्कूलों ने भारी घपला किया, फिर भी उन्हें फीस बढ़ाने की मंजूरी दी गई। एक स्कूल में 15 करोड़ के घोटाले के बावजूद उसे 15% फीस बढ़ाने की इजाजत मिली थी। इसी तरह एक अन्य स्कूल ने 13% फीस बढ़ाई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार अब हर घोटाले की जांच कराएगी। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति लागू की जाएगी। शिक्षा में पारदर्शिता ही सरकार की प्राथमिकता है।

हर साल सभी स्कूलों का ऑडिट अनिवार्य होगा, नहीं चलेगी ढील

दिल्ली एजुकेशन एक्ट के अनुसार हर स्कूल का हर साल ऑडिट जरूरी है। लेकिन मंत्री ने बताया कि पिछली सरकार ने सिर्फ 75 स्कूलों का ऑडिट करवाया। अब नई सरकार सभी 1677 स्कूलों का वार्षिक ऑडिट सुनिश्चित करेगी। इससे वित्तीय अनियमितताओं पर रोक लग सकेगी। सरकार का लक्ष्य शिक्षा में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है। इस फैसले से माता-पिता को फीस के बोझ से राहत मिलेगी। हर स्कूल अब नियमों के तहत ही फीस निर्धारित कर पाएगा।

सरकार का कहना है कि शिक्षा का व्यवसायीकरण अब बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हर स्कूल को सामाजिक जिम्मेदारी के साथ काम करना होगा। फीस में कोई भी बढ़ोतरी नियमों के अनुसार होनी चाहिए। मनमानी और मुनाफाखोरी पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न हो। स्कूलों को जवाबदेह बनाना समय की जरूरत है। दिल्ली सरकार अब इस दिशा में पूरी सक्रियता से काम करेगी।

जनता की अपेक्षाएं प्राथमिकता, हर निर्णय होगा जनहित में

आशीष सूद ने कहा कि सरकार जनता की अपेक्षाओं के अनुसार काम कर रही है। पिछली सरकार की कमियों को सुधारना हमारी ज़िम्मेदारी है। कैबिनेट पूरी तरह सक्रिय है और शिक्षा में सुधार सबसे ऊपर है। हर फैसला बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर लिया जाएगा। कोई भी राजनीतिक दबाव या बयानबाज़ी अब काम नहीं आएगी। अब काम होगा, और उसका असर लोगों को दिखेगा। जनता ने बदलाव के लिए वोट दिया है, अब सरकार उस पर खरा उतरेगी।


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