नई दिल्ली (07 अप्रैल 2025): भारत की राजधानी क्षेत्र को लेकर अक्सर लोगों के मन में भ्रम होता है कि दिल्ली, नई दिल्ली, NCT और NCR आखिर क्या है और कैसे एक-दूसरे से अलग है। ये चारों शब्द एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, लेकिन इनके अर्थ, कार्यक्षेत्र और प्रशासनिक जिम्मेदारियां बिल्कुल अलग-अलग हैं। आम भाषा में लोग इनका इस्तेमाल एक-दूसरे के स्थान पर कर लेते हैं, लेकिन प्रशासनिक दृष्टिकोण से इनमें स्पष्ट अंतर है।
सबसे पहले बात करें दिल्ली की तो यह भारत का एक केंद्रशासित प्रदेश (Union Territory) है, जिसे 11 जिलों में बांटा गया है। उत्तर, दक्षिण, पश्चिम, पूर्व, मध्य दिल्ली जैसे जिले इसी के अंतर्गत आते हैं। ऐतिहासिक दृष्टि से भी दिल्ली का काफी महत्व रहा है, और यह हमेशा से देश की राजनीति और संस्कृति का केंद्र रही है। आमतौर पर जब लोग “दिल्ली” कहते हैं, तो वे पूरे केंद्रशासित प्रदेश की बात कर रहे होते हैं।
अब बात करें नई दिल्ली (New Delhi) की, तो यह दिल्ली के भीतर स्थित एक विशेष क्षेत्र है, जिसे 1911 में ब्रिटिश सरकार ने भारत की राजधानी के रूप में बसाया था। आज भी यह भारत सरकार की प्रशासनिक राजधानी है। यहीं पर संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय और अधिकांश केंद्रीय मंत्रालय स्थित हैं। इसलिए, नई दिल्ली को भारत की ‘राजधानी’ कहा जाता है, जबकि दिल्ली एक व्यापक भौगोलिक और प्रशासनिक इकाई है। नई दिल्ली पूरे दिल्ली के केवल 3% क्षेत्र में फैला है।
एनसीटी (NCT – National Capital Territory of Delhi), दिल्ली का संवैधानिक नाम है। यह केंद्रशासित प्रदेश वही दिल्ली है, लेकिन इसका औपचारिक नाम एनसीटी है। इसे सीमित स्वायत्तता प्राप्त है । यहां एक मुख्यमंत्री, विधानसभा और कैबिनेट तो है, लेकिन पुलिस, भूमि और कानून-व्यवस्था जैसे विषय केंद्र सरकार के अधीन रहते हैं। 1991 में संविधान में 69वां संशोधन करके इसे विशेष दर्जा दिया गया था।
अब आते हैं एनसीआर (NCR – National Capital Region) पर। यह कोई प्रशासनिक इकाई नहीं, बल्कि एक क्षेत्रीय विकास योजना क्षेत्र है, जिसमें दिल्ली (NCT) के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के कुछ जिले शामिल हैं। इसका उद्देश्य यह है कि दिल्ली पर जनसंख्या और संसाधनों का दबाव कम किया जा सके और आसपास के क्षेत्रों का संतुलित विकास हो। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में दिल्ली के अलावा चार राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान के कई जिले शामिल हैं। दिल्ली (NCT) के सभी 11 जिले पूरी तरह NCR का हिस्सा हैं। हरियाणा से इसमें गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, रोहतक, झज्जर, पानीपत, रेवाड़ी, करनाल, महेंद्रगढ़, भिवानी और नूंह (मेवात) शामिल हैं। उत्तर प्रदेश से गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर (नोएडा और ग्रेटर नोएडा), मेरठ, हापुड़, बागपत, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर और शामली को NCR में शामिल किया गया है। राजस्थान से अलवर और भरतपुर जिले भी इस क्षेत्र का हिस्सा हैं। हाल ही में मध्य प्रदेश के मुरैना और ग्वालियर जिलों को भी NCR में शामिल करने का प्रस्ताव दिया गया है, जो फिलहाल विचाराधीन है। NCR क्षेत्र का उद्देश्य दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में संतुलित विकास और शहरीकरण सुनिश्चित करना है।
इस तरह, दिल्ली, नई दिल्ली, NCT और NCR चारों शब्द अलग-अलग प्रशासनिक और भौगोलिक संरचनाओं को दर्शाते हैं। नई दिल्ली केवल एक छोटा क्षेत्र है जो राजधानी है, NCT एक पूर्ण केंद्रशासित प्रदेश है, दिल्ली उसी NCT का आम नाम है, और NCR एक बड़ा क्षेत्रीय विकास क्षेत्र है जो दिल्ली के बाहर तक फैला हुआ है। इन सभी को जानना ज़रूरी है क्योंकि ये न केवल प्रशासनिक रूप से अलग हैं, बल्कि इनकी भूमिका और काम भी एक-दूसरे से भिन्न है।।
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