नई दिल्ली (11 दिसंबर 2024): पूर्व राष्ट्रपति और ‘एक देश, एक चुनाव’ समिति के अध्यक्ष रामनाथ कोविंद ने इस विचार को राष्ट्रीय हित में एक अहम कदम बताया है। उन्होंने कहा, “यह मुद्दा किसी पार्टी का नहीं, बल्कि देश का है। केंद्र सरकार को इसके लिए आम सहमति बनानी होगी। यह एक गेम चेंजर साबित होगा।”
उन्होंने आगे कहा कि यह केवल उनकी राय नहीं है, बल्कि अर्थशास्त्रियों का भी मानना है कि ‘एक देश, एक चुनाव’ लागू होने के बाद देश की GDP में 1-1.5% की वृद्धि होगी।
क्या है ‘एक देश, एक चुनाव’?
‘एक देश, एक चुनाव’ का मतलब है कि लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं। इससे बार-बार होने वाले चुनावों पर खर्च होने वाले समय और संसाधनों की बचत होगी।
आर्थिक विशेषज्ञों का क्या कहना है?
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस नीति से चुनावी खर्च में कटौती होगी और देश में विकास कार्यों की गति तेज होगी।
रामनाथ कोविंद ने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र सरकार को विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ मिलकर आम सहमति बनानी होगी। “यह कोई आसान कदम नहीं है, लेकिन देश के लिए यह एक महत्वपूर्ण बदलाव होगा,” उन्होंने कहा।
इस नीति के लागू होने पर न केवल संसाधनों की बचत होगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी सुधार देखने को मिलेगा।।
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