नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बनेंगे चार श्रमजीवी महिला छात्रावास | नोएडा – ग्रेटर प्राधिकरण

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (5 अप्रैल 2025): नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कामकाजी महिलाओं के लिए चार नए श्रमजीवी महिला छात्रावास बनाए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य उन महिलाओं को आवास सुविधा प्रदान करना है, जो औद्योगिक क्षेत्रों में काम करती हैं। इन छात्रावासों का निर्माण नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा किए जाने वाले एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में किया जाएगा, जो विशेष रूप से कामकाजी महिलाओं की सुविधाओं में सुधार के लिए शुरू किया गया है।

इस परियोजना के लिए नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने भूमि आवंटन का निर्णय लिया है, जिसमें एक रुपये के वार्षिक किराए पर यह भूमि दी जाएगी। भूमि आवंटन के तहत, कुल 26,560 वर्ग मीटर (6.56 एकड़) जमीन इस उद्देश्य के लिए प्रदान की जाएगी। इन छात्रावासों की कुल क्षमता 500 महिलाओं की होगी, और यह सभी महिला श्रमिकों के लिए विशेष रूप से बनाई जाएंगी जो इन दोनों क्षेत्रों की फैक्ट्रियों और औद्योगिक इकाइयों में काम करती हैं।

नोएडा में ए-79 सेक्टर-83 में 3647.09 वर्ग मीटर भूमि एक रुपये के वार्षिक किराए पर दी गई है। वहीं, ग्रेटर नोएडा में तीन अलग-अलग स्थानों पर भूमि आवंटित की गई है। इकोटेक-2 क्षेत्र में दो भूखंड (4503 वर्ग मीटर और 4650 वर्ग मीटर) और इकोटेक-1 एक्सटेंशन में एक भूखंड (11,811 वर्ग मीटर) को एक रुपये के किराए पर लीज पर दिया गया है।

नोएडा और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक नगरी के रूप में प्रसिद्ध हैं। नोएडा में करीब 7,000 से अधिक रजिस्टर्ड फैक्ट्रियां हैं, जिनमें लगभग 12 लाख लोग काम करते हैं। वहीं, ग्रेटर नोएडा में भी एमएसएमई और बड़ी औद्योगिक इकाइयां स्थित हैं, और यहां भी 3,000 से ज्यादा फैक्ट्रियां रजिस्टर्ड हैं। इन औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाली महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, और इनमें से अधिकांश महिलाएं बाहर से आकर काम करती हैं। ऐसे में इन श्रमजीवी महिला छात्रावासों की जरूरत और भी अधिक महसूस होती है, जो उन्हें काम करने के साथ-साथ उचित आवास की सुविधा प्रदान करें।

नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। महिला कल्याण और बाल विकास विभाग, लखनऊ को भूमि आवंटित करने के बाद, इन छात्रावासों का निर्माण शासन स्तर पर किया जाएगा। प्राधिकरण का कार्य भूमि आवंटन तक सीमित है, जबकि छात्रावासों का निर्माण सरकारी स्तर पर किया जाएगा।

इस योजना का उद्देश्य कामकाजी महिलाओं को एक सुरक्षित और सुविधाजनक आवास प्रदान करना है, ताकि वे अपनी कार्यस्थलों पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित कर सकें और उनके लिए जीवनयापन की कठिनाइयाँ कम हो सकें। यह परियोजना 31 मार्च 2026 तक पूरी की जाएगी। राज्य सरकार की यह पहल उन श्रमिक महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो औद्योगिक क्षेत्र में काम करती हैं और जिनके पास उचित आवास की सुविधा नहीं है।

यह योजना महिला श्रमिकों के जीवन में सुधार लाने और उन्हें एक सुरक्षित आवास मुहैया कराने के उद्देश्य से तैयार की गई है, जो न केवल उन्हें कामकाजी क्षेत्र में समर्थन प्रदान करेगा, बल्कि उनके समग्र जीवनस्तर में भी सुधार करेगा।।


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