संसद में बुधवार को पेश होगा वक्फ संशोधन विधेयक, विपक्ष ने जताई आपत्ति!

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (1 अप्रैल 2025): संसद के बजट सत्र के दौरान बुधवार को वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पेश किया जाएगा। मंगलवार को बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की बैठक में इस फैसले पर अंतिम मुहर लगी। इस बैठक में विपक्षी दलों के नेता भी शामिल थे। बैठक के दौरान यह तय किया गया कि बिल पर 6 से 8 घंटे तक चर्चा की जाएगी, और आवश्यकता पड़ने पर समय बढ़ाया जा सकता है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि सरकार बिल पर विस्तृत चर्चा कराना चाहती है, और सभी दलों को अपनी बात रखने का अवसर मिलेगा।

बैठक से नाराज विपक्षी दलों ने किया वॉकआउट

बैठक के दौरान विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह विपक्ष से जुड़े मुद्दों को गंभीरता से नहीं ले रही है। इसी के चलते विपक्षी सदस्यों ने बैठक से वॉकआउट कर दिया। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, “हमने बिजनेस एडवाइजरी कमेटी से वॉकआउट किया क्योंकि सरकार अपना एजेंडा जबरदस्ती थोप रही है और विपक्ष की किसी भी मांग को स्वीकार नहीं कर रही है।” विपक्ष का यह भी कहना था कि संसद में केवल सत्ताधारी दल के मुद्दों को प्राथमिकता दी जा रही है, जबकि अन्य महत्वपूर्ण विषयों को नजरअंदाज किया जा रहा है।

विपक्ष ने की व्यापक चर्चा की मांग

विपक्षी दलों ने वक्फ संशोधन बिल पर विस्तार से चर्चा करने की मांग की। साथ ही, उन्होंने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करने और वोटर कार्ड को आधार से जोड़ने के मुद्दे पर चर्चा की जरूरत बताई। हालांकि, विपक्ष का आरोप है कि सरकार इन मुद्दों पर बहस से बच रही है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, “हम लगातार वोटर कार्ड और आधार लिंकिंग के मुद्दे को उठा रहे हैं, लेकिन हमारी मांगों को अनसुना किया जा रहा है।”

सरकार ने विपक्ष के आरोपों को किया खारिज

सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि बिल पर व्यापक चर्चा के लिए सभी दलों को पर्याप्त समय दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा उठाए गए कुछ मुद्दों पर पहले ही अन्य प्लेटफॉर्म पर चर्चा हो चुकी है, और सरकार का फोकस इस सत्र में महत्वपूर्ण विधेयकों को पास करवाने पर है। रिजीजू ने यह भी कहा कि सरकार किसी भी सार्थक बहस से पीछे नहीं हटेगी और हर पार्टी को अपनी बात रखने का पूरा अवसर मिलेगा।

बिल को लेकर बढ़ा सियासी घमासान

वक्फ संशोधन बिल को लेकर संसद के भीतर ही नहीं, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी चर्चाएं तेज हो गई हैं। कुछ विपक्षी दलों का कहना है कि यह बिल एक विशेष समुदाय को प्रभावित करने वाला हो सकता है, इसलिए इसे और अधिक विचार-विमर्श के बाद पेश किया जाना चाहिए। वहीं, सत्ताधारी दल का तर्क है कि बिल पूरी पारदर्शिता के साथ लाया गया है और इससे देश के हितों की रक्षा होगी।

क्या है वक्फ संशोधन बिल?

वक्फ संशोधन बिल का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और उनके उपयोग को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। सरकार का मानना है कि कुछ मामलों में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का दुरुपयोग हुआ है, और इस बिल के जरिए इसे रोकने के लिए सख्त प्रावधान किए जाएंगे। हालांकि, विपक्षी दलों का कहना है कि इस बिल में ऐसे कई प्रावधान हो सकते हैं जो वक्फ संपत्तियों के मौजूदा नियमों को बदल सकते हैं, इसलिए इस पर सावधानीपूर्वक चर्चा की जानी चाहिए। अब देखना होगा कि संसद में इस बिल पर क्या बहस होती है और विपक्ष इसे किस हद तक चुनौती देता है।


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