यमुना एक्सप्रेस-वे पर सड़क सुरक्षा के 21 उपाय पूरे, राहगीरों को मिलेगी सुरक्षित यात्रा

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (31 मार्च 2025): यमुना एक्सप्रेस-वे पर सफर करने वाले यात्रियों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। उत्तर प्रदेश में विकास का प्रतीक माने जाने वाले इस एक्सप्रेस-वे पर अब सुरक्षा के 21 मानकों को पूरी तरह से लागू कर दिया गया है। दिल्ली आईआईटी की टीम द्वारा सुझाए गए इन सुरक्षात्मक उपायों को यमुना एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यीडा) ने सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है, जिससे अब इस हाईवे पर यात्रा पहले से अधिक सुरक्षित होगी।

सड़क सुरक्षा मानकों को किया पूरा

राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, यमुना एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षा को लेकर सभी जरूरी सुधार किए गए हैं। अगस्त 2018 में यीडा ने गौतमबुद्ध नगर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, आगरा और बुलंदशहर से होकर गुजरने वाले इस 165 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे की सुरक्षा का ऑडिट आईआईटी-दिल्ली से करवाया था। वर्ष 2019 में आईआईटी-दिल्ली ने अपनी रिपोर्ट सौंपते हुए सड़क सुरक्षा से संबंधित 8 विशेष सुझाव दिए थे, जिनके साथ अब 21 अतिरिक्त सुरक्षा उपायों को भी लागू कर दिया गया है।

बेहतर सुरक्षा के लिए अपनाए गए विशेष उपाय

यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण ने आईआईटी-दिल्ली द्वारा सुझाए गए सभी प्रमुख उपायों को प्रभावी रूप से लागू किया है। इनमें निम्नलिखित महत्वपूर्ण सुधार शामिल हैं:

•निकास रैंप से पहले अतिरिक्त साइनेज की स्थापना

•लेन प्रणाली को हटाना और प्रवेश व निकास बिंदुओं पर रंबल स्ट्रिप्स लगाना

•निकास रैंप पर ध्वनि की तीव्रता को कम करने के लिए क्रैश एटेन्यूएटर्स लगाना

•पूरे गलियारे में ऑडिबल शोल्डर मार्किंग की व्यवस्था

•रोड शोल्डर से साइनपोस्ट हटाकर मानक निर्देशों के अनुसार शोल्डर गार्ड रेल को पुनः स्थापित करना

•डिवाइडर को फ्लश मीडियन और केंद्रीय गार्ड रेल के साथ बदलना

इसके अलावा, आपातकालीन स्थिति में त्वरित सहायता के लिए 3 क्यूआरटी वाहन, 11 पेट्रोलिंग वाहन, 6 एंबुलेंस, 5 अग्निशमन गाड़ियां, 9 क्रेन और 2 जेसीबी तैनात की गई हैं। वहीं, दुर्घटना की स्थिति में त्वरित उपचार के लिए यमुना एक्सप्रेस-वे के समीप ही तीन ट्रॉमा सेंटर भी स्थापित किए गए हैं।

यमुना साथी एप और टोल-फ्री नंबर से मिलेगी त्वरित सहायता

यमुना एक्सप्रेस-वे पर अब प्रशासनिक व्यवस्थाओं को भी अधिक प्रभावी बनाया गया है। ‘यमुना साथी’ एप और टोल-फ्री नंबर के जरिए वाहन चालकों को किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही, सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन द्वारा सख्त कार्यवाही की जा रही है, जिसमें वाहन चालकों का ब्रेथ टेस्ट, हेलमेट और सीट बेल्ट की जांच, ओवरस्पीडिंग पर ई-चालान जैसी सुधारात्मक प्रक्रियाएं शामिल हैं।

सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान

यमुना एक्सप्रेस-वे पर सड़क सुरक्षा को लेकर लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। स्पीड लिमिट संकेतक और विभिन्न चेतावनी बोर्डों के माध्यम से वाहन चालकों को सतर्क किया जा रहा है। प्रशासन ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए हैं ताकि यात्रियों को एक सुरक्षित और सुगम यात्रा का अनुभव मिल सके।

यमुना एक्सप्रेस-वे पर लागू किए गए इन 21 सुरक्षात्मक उपायों से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है, जिससे यह हाईवे यात्रियों के लिए अधिक सुरक्षित बन गया है।।


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