दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: होटल और रेस्टोरेंट में जबरन सर्विस चार्ज नहीं वसूलेंगे
टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (29 मार्च 2025); दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया कि होटल और रेस्टोरेंट, खाने के बिल पर अनिवार्य रूप से सर्विस चार्ज नहीं जोड़ सकते। अदालत ने कहा कि सर्विस चार्ज का भुगतान पूरी तरह स्वैच्छिक होना चाहिए और इसे ग्राहकों पर जबरन नहीं थोपा जा सकता। यह फैसला उपभोक्ताओं के अधिकारों को प्राथमिकता देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
याचिकाओं को किया खारिज
जस्टिस प्रतिभा एम सिंह की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के दिशानिर्देशों को चुनौती देने वाली फेडरेशन ऑफ होटल्स एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) और नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) की दो याचिकाओं को खारिज कर दिया। अदालत ने स्पष्ट किया कि सीसीपीए एक महत्त्वपूर्ण प्राधिकरण है, जिसे अनुचित व्यापार प्रथाओं को रोकने और उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी करने का पूरा अधिकार है।
गैर-कानूनी और भ्रामक प्रथा
बेंच ने कहा कि खाने के बिल पर सर्विस चार्ज का अनिवार्य संग्रह न केवल उपभोक्ताओं के अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह एक प्रकार की भ्रामक प्रथा भी है। इससे ग्राहकों को यह गलतफहमी हो सकती है कि यह कोई सरकारी कर (सर्विस टैक्स या जीएसटी) है। अदालत ने इस प्रथा को अनुचित व्यापार व्यवहार की श्रेणी में रखते हुए इसे गैर-कानूनी करार दिया।
उपभोक्ताओं की जीत: केंद्र
केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस फैसले की सराहना करते हुए इसे उपभोक्ताओं की बड़ी जीत बताया। उन्होंने कहा कि इस फैसले से ग्राहकों को अनावश्यक शुल्क चुकाने से राहत मिलेगी और उनकी पसंद को प्राथमिकता दी जाएगी। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी होटल और रेस्टोरेंट को इस फैसले का पालन करना होगा।
रेस्टोरेंट संगठनों पर जुर्माना
दिल्ली हाईकोर्ट ने दोनों रेस्टोरेंट संगठनों पर उपभोक्ता कल्याण के लिए सीसीपीए में 1-1 लाख रुपये जमा करने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा हर हाल में की जानी चाहिए और इस प्रकार की अनुचित प्रथाओं पर रोक लगनी चाहिए।
क्या बदलेगा इस फैसले के बाद?
होटल और रेस्टोरेंट अब सर्विस चार्ज को अनिवार्य रूप से बिल में नहीं जोड़ पाएंगे। ग्राहक अपनी मर्जी से टिप दे सकते हैं, लेकिन यह उन पर जबरदस्ती नहीं थोपी जा सकेगी। उपभोक्ता किसी भी अनैच्छिक सर्विस चार्ज की शिकायत कर सकते हैं और कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
दिल्ली हाईकोर्ट का यह फैसला उपभोक्ताओं के हित में बड़ा कदम है, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित होगी।।
प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन नई दिल्ली, दिल्ली सरकार, दिल्ली राजनीति, दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस, दिल्ली नगर निगम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : हिंदी न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।
Discover more from टेन न्यूज हिंदी
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
टिप्पणियाँ बंद हैं।