गौतमबुद्धनगर पुलिस का सराहनीय कार्य, डेढ़ वर्षीय अपहृता बच्ची को किया सकुशल बरामद

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (23 मार्च 2025): गौतमबुद्धनगर पुलिस ने थाना बिसरख क्षेत्र में एक सराहनीय कार्य करते हुए डेढ़ वर्षीय अपहृता बच्ची को सकुशल बरामद किया और दो अभियुक्तों, रेनू व दिनेश को गिरफ्तार किया। इस सफलता के लिए डीसीपी सेंट्रल नोएडा ने पुलिस टीम को 25,000 रुपये के पुरस्कार से सम्मानित किया है।

18 मार्च 2025 को वादी (बच्ची की मां) ने थाना बिसरख में तहरीर देकर बताया कि उनकी डेढ़ वर्षीय पुत्री 16 मार्च 2025 को सफाई का कार्य करने वाली रेनू और दिनेश द्वारा बिना किसी सूचना के अज्ञात स्थान पर ले जाई गई। वादी की तहरीर पर थाना बिसरख में मामला पंजीकृत किया गया और बच्ची की बरामदगी के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया।

पुलिस टीम ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू की। घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच करने पर यह जानकारी मिली कि रेनू बच्ची को अपनी गोद में लेकर जाते हुए दिखाई दी। इसके बाद पुलिस ने सर्विलांस और स्थानीय इंटेलिजेंस के माध्यम से जानकारी प्राप्त की और पता चला कि रेनू और दिनेश पहले भट्टों पर काम करते थे।

सूचना मिलने पर पुलिस टीम ने कासगंज, अलीगढ़, संत कबीर नगर, गाजियाबाद, राजस्थान, हरियाणा और भिवानी के विभिन्न भट्टों पर छानबीन शुरू की। एक सुराग मिला कि खोडी, भिवानी, हरियाणा में एक महिला और पुरुष एक बच्ची के साथ काम कर रहे हैं और अपना सामान लेने के लिए नोएडा आए हैं। इस सूचना के आधार पर 22 मार्च 2025 को थाना बिसरख पुलिस ने आम्रपाली रिवरव्यू सोसाइटी, बिसरख से रेनू और दिनेश को गिरफ्तार किया और उनकी गिरफ्तारी के बाद अपहृता बच्ची को सकुशल बरामद किया गया।

गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने रेनू से पूछताछ की, तो पता चला कि रेनू की शादी 25 साल पहले राजवीर से हुई थी, जिनसे उसे चार बच्चे हैं। लेकिन चार साल पहले रेनू की मुलाकात दिनेश से हुई, और दोनों के बीच प्रेम संबंध स्थापित हो गए। रेनू ने अपने पति और बच्चों को छोड़कर दिनेश के साथ नोएडा में रहना शुरू कर दिया, जहाँ उसने 14जी एवन्यू गौर सिटी में सफाई का काम शुरू किया। वहीं उसकी मुलाकात अपहृता बच्ची की मां से हुई, जिसके बाद दोनों के घर आना-जाना हुआ।

रेनू और दिनेश के बीच एक मानसिक तनाव था क्योंकि रेनू को कोई बच्चा नहीं हो रहा था, जिससे दोनों ने मिलकर 16 मार्च 2025 को बच्ची का अपहरण करने की योजना बनाई। रेनू ने मौका पाकर बच्ची को लेकर दिनेश के साथ हरियाणा भाग गई, जहां दोनों ने भट्टों पर काम करना शुरू कर दिया। पुलिस से बचने के लिए दोनों ने अपने पुराने मोबाइल और सिम को तोड़कर फेंक दिया था।

गौतमबुद्धनगर पुलिस की यह कार्यवाही पुलिस की तत्परता और जुझारूपन का परिचय देती है। डीसीपी सेंट्रल नोएडा ने टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें 25,000 रुपये का पुरस्कार दिया है, जो पुलिस बल की मेहनत और समर्पण को पहचानने का एक कदम है।


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