दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई, साइबर ठगी के चार आरोपियों को दबोचा

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (21 मार्च 2025): दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए इंटर-स्टेट साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह हाईटेक ठगी के जरिए लोगों की गाढ़ी कमाई लूटता था। गिरोह के चार मुख्य सरगनाओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इनका नेटवर्क झारखंड के देवघर-जामताड़ा और राजस्थान के मेवात जैसे कुख्यात इलाकों तक फैला हुआ था, जिन्हें साइबर अपराध की राजधानी कहा जाता है। इस गिरफ्तारी से आम जनता को बड़ी राहत मिली है, जो लगातार साइबर ठगी का शिकार हो रही थी।

DRDO वैज्ञानिक बने साइबर ठगों का शिकार

यह मामला एक रिटायर्ड DRDO वैज्ञानिक से जुड़ा है, जिनसे गिरोह ने 40 लाख रुपये की ठगी की। 7 जनवरी 2025 को वैज्ञानिक Yahoo कस्टमर केयर का नंबर खोज रहे थे। उन्होंने गूगल पर सर्च किया और मिले नंबर पर कॉल कर दिया। कॉल रिसीव करते ही ठगों ने उन्हें अपने जाल में फंसा लिया। आरोपियों ने वैज्ञानिक को व्हाट्सएप पर एक APK फाइल भेजी और उसे डाउनलोड करने के लिए कहा। जैसे ही वैज्ञानिक ने इस फाइल को इंस्टॉल किया, उनका मोबाइल पूरी तरह से साइबर अपराधियों के कंट्रोल में चला गया। धीरे-धीरे, सात दिनों के भीतर, उनके बैंक अकाउंट से 40 लाख रुपये गायब हो गए, और उन्हें इसकी भनक तक नहीं लगी।

दिल्ली पुलिस का ‘ऑपरेशन क्लीन स्वीप’

जब वैज्ञानिक को ठगी का एहसास हुआ, तो उन्होंने तुरंत दिल्ली पुलिस से शिकायत की। 18 जनवरी 2025 को दक्षिण-पश्चिम जिले के साइबर पुलिस स्टेशन में FIR संख्या 04/2025 के तहत मामला दर्ज किया गया। ACP साइबर क्राइम विक्रम सिंह और SHO राजेश वर्मा की अगुवाई में एक विशेष टीम गठित की गई। पुलिस टीम ने टेक्निकल एनालिसिस (CDR, IPDR, बैंक लॉग और गूगल रिपोर्ट्स) और जमीनी निगरानी के आधार पर अपराधियों का पीछा किया। गिरोह लगातार सिम और डिवाइस बदल रहा था ताकि पकड़ा न जा सके, लेकिन पुलिस की सूझबूझ और रणनीति काम आई। मुख्य आरोपी इकबाल अंसारी को झारखंड के देवघर से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद मेवात (राजस्थान) से तीन अन्य आरोपियों को भी दबोच लिया गया।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान और उनका रोल

1. इकबाल अंसारी (27 वर्ष), देवघर, झारखंड – गिरोह का मास्टरमाइंड, फर्जी गूगल एड्स और कॉल फॉरवर्डिंग का एक्सपर्ट।

2. साजिद खान (32 वर्ष), मेवात, राजस्थान – ठगी के लिए फर्जी बैंक अकाउंट खोलता था।

3. सलमान खान (24 वर्ष), मेवात, राजस्थान – सोशल मीडिया से डेटा चोरी करके टारगेट ढूंढता था।

4. नरेंद्र कुमार (29 वर्ष), मेवात, राजस्थान – ठगी की रकम ATM से कैश निकालने में माहिर।

पुलिस को मिले सबूत और चौंकाने वाले खुलासे

गिरोह के पास से 5 स्मार्टफोन, कई फर्जी बैंक खाते और देशभर के हजारों लोगों की संवेदनशील जानकारी वाली एक्सेल शीट्स बरामद हुईं। आरोपियों ने खुलासा किया कि वे BSES, IGL, क्रेडिट कार्ड कंपनियों के नाम पर फर्जी कस्टमर केयर नंबर बनाते थे। जब कोई पीड़ित इन नंबरों पर कॉल करता था, तो उसे APK फाइल डाउनलोड करवाकर उसके मोबाइल का पूरा कंट्रोल अपने हाथ में ले लेते थे।

कैसे करता था गिरोह साइबर ठगी?

1. गूगल पर फर्जी कस्टमर केयर नंबर डालना।

2. कॉल करने वाले पीड़ित से दोस्ताना बातचीत कर भरोसा जीतना।

3. व्हाट्सएप पर खतरनाक APK फाइल भेजना।

4. पीड़ित के फोन का रिमोट कंट्रोल अपने हाथ में ले लेना।

5. धीरे-धीरे बैंक अकाउंट से पैसे निकाल लेना और कैश आउट कर देना।

दिल्ली पुलिस की जनता से अपील

ACP विक्रम सिंह ने जनता को चेतावनी दी है कि कभी भी थर्ड-पार्टी एप्स या फाइलें डाउनलोड न करें। गूगल पर मिले किसी भी कस्टमर केयर नंबर पर बिना जांचे भरोसा न करें। किसी भी बैंकिंग या सेवा संबंधी समस्या के लिए केवल आधिकारिक वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर का ही इस्तेमाल करें। साइबर अपराधों से बचने के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है। यदि कोई संदिग्ध कॉल, मैसेज या ईमेल मिले, तो तुरंत साइबर पुलिस हेल्पलाइन 1930 या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत करें।


प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन नई दिल्ली, दिल्ली सरकार, दिल्ली राजनीति, दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस, दिल्ली नगर निगम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : हिंदी न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।


Discover more from टेन न्यूज हिंदी

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

टिप्पणियाँ बंद हैं।