जेपी विशटाउन: हरित क्षेत्र और मास्टर प्लान में बदलाव को लेकर विवाद, निवासियों में नाराजगी
टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा (08 दिसंबर 2024): जेपी विशटाउन के निवासियों ने हरित क्षेत्र (ग्रीन एरिया) के उपयोग में अनियमितताओं और मास्टर प्लान में अवैध बदलावों को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। सेक्टर 128 से 134 तक फैले इस इलाके में जेपी एसोसिएट्स और जेपी इंफ्राटेक द्वारा विकास किया गया है। निवासियों का दावा है कि हरित क्षेत्र को अवैध रूप से गोल्फ कोर्स में परिवर्तित कर दिया गया, जिससे उनके अधिकारों का हनन हुआ है।
निवासियों का आरोप:
1. ग्रीन एरिया में कटौती और गोल्फ कोर्स का विकास:
2011 के मास्टर प्लान में कुल 154.43 एकड़ हरित क्षेत्र स्वीकृत किया गया था।
2015 के मास्टर प्लान में इसे घटाकर 152.93 एकड़ कर दिया गया।
इसमें से 108.75 एकड़ (71%) क्षेत्र को गोल्फ कोर्स के रूप में विकसित किया गया।
2. निवासियों की सहमति नहीं ली गई:
उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट एक्ट, 2010 के अनुसार, मास्टर प्लान में बदलाव के लिए 2/3 निवासियों की सहमति आवश्यक थी। यह सहमति नहीं ली गई और नोएडा प्राधिकरण की मिलीभगत से मास्टर प्लान में बदलाव किया गया।
3. गोल्फ कोर्स में बाहरी लोगों को सदस्यता बेचना:
जेपी ग्रुप ने 10-15 लाख रुपये लेकर बाहरी लोगों को गोल्फ कोर्स की सदस्यता दी। नियमों के अनुसार, हरित क्षेत्र का उपयोग केवल निवासियों के लिए होना चाहिए।
4. हरित क्षेत्र का असमान विभाजन:
78% हरित क्षेत्र सेक्टर 128 में है।
सेक्टर 129 और 134 में हरित क्षेत्र शून्य है, जबकि 134 में सबसे ज्यादा आबादी रहती है। यह दर्शाता है कि हरित क्षेत्र का असमान वितरण जानबूझकर किया गया।
5. सामुदायिक केंद्र और स्कूल की जगह टावर का प्रस्ताव:
सेक्टर 133 में सामुदायिक केंद्र (P-4) और स्कूल (I-8) की जगह 12 हाई-राइज टावर का प्रस्ताव रखा गया।
यह बदलाव भी निवासियों की सहमति के बिना किया गया।
6. फायर टेंडर रोड की जगह पार्किंग:
केंसिंग्टन पार्क अपार्टमेंट्स में फायर टेंडर रोड के स्थान पर पार्किंग बना दी गई। इससे आग लगने की स्थिति में फायर ब्रिगेड के पहुंचने में समस्या हो सकती है।
7. सुरक्षा और बाउंड्री वॉल का अभाव:
कई अपार्टमेंट्स में बाउंड्री वॉल और गेट बनाए गए, लेकिन केंसिंग्टन पार्क में ऐसा नहीं हुआ। बाउंड्री वॉल के स्थान पर पार्किंग बना दी गई, जिससे निवासियों की सुरक्षा को खतरा है।
8. नोएडा प्राधिकरण की निष्क्रियता:
निवासियों ने आरोप लगाया कि प्राधिकरण से शिकायतें की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। 19 नवंबर 2024 को प्राधिकरण ने जेपी इंफ्राटेक से जवाब मांगा, लेकिन अब तक जवाब नहीं मिला।
9. निवासियों की मांगें:
गोल्फ कोर्स को सभी निवासियों के लिए नि:शुल्क खोला जाए।
बाहरी लोगों की सदस्यता रद्द की जाए और उनकी ली गई राशि लौटाई जाए।
हरित क्षेत्र का समान वितरण सुनिश्चित किया जाए।
मास्टर प्लान में किए गए अवैध बदलाव रद्द किए जाएं।
10. न्यायालय जाने की चेतावनी:
निवासियों ने कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे न्यायालय का रुख करेंगे।
उक्त मामले को लेकर नोएडा प्राधिकरण के जीएम (प्लानिंग) इस्ताक अहमद ने टेन न्यूज को बताया कि “2013 में जब इस प्रॉजेक्ट के लिए मास्टर प्लान को स्वीकृति दी गई थी, उसे फिर बाद में 2015 में संशोधित किया गया, जिसके तहत निर्माण कार्य किया गया है और किसी भी नियमों की अनदेखी या उल्लंघन नहीं किया गया है।”
आगे उन्होंने कहा हरित क्षेत्र में बदलाव को लेकर कहा कि ” पहले यमुना के 10 किलोमीटर के क्षेत्र में NGT के नियम लागू थे लेकिन 2015 में लागू नॉर्म्स के मुताबिक अब महज 100 मीटर के भीतर ही ये नियम लागू हैं। जबकि ये प्रॉजेक्ट लगभग 5 से 6 किलोमीटर की दूरी पर है, इसीलिए इसमें NGT के किसी भी नियमों की अनदेखी या उल्लंघन नहीं किया गया है।”
जेपी विशटाउन में हरित क्षेत्र और मास्टर प्लान से जुड़े मुद्दों ने बिल्डर और प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह विवाद न केवल पर्यावरण संरक्षण का है, बल्कि निवासियों के अधिकारों और सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है।।
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