भारतीय शेयर बाजार में ऐतिहासिक गिरावट, निवेशकों के 92 लाख करोड़ रुपये डूबे
टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली ( 06 मार्च 2025): भारत के शेयर बाजार में आई भारी गिरावट ने पिछले 29 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच लगातार पांच महीनों तक बाजार लाल निशान पर रहा, जिससे निवेशकों को कुल 92 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। यह राशि पाकिस्तान जैसे तीन देशों की अर्थव्यवस्था के बराबर मानी जा रही है। सेंसेक्स में 15% और निफ्टी में 16% की गिरावट दर्ज की गई है, जो हाल के वर्षों में सबसे बड़ी मंदी मानी जा रही है।
बड़ी कंपनियों को भी झटका
इस गिरावट का असर भारत के शीर्ष औद्योगिक घरानों पर भी पड़ा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज को 5,89,000 करोड़ रुपये, अदानी एंटरप्राइजेज को 1,75,000 करोड़ रुपये और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज को 3,92,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। जिन 4,000 कंपनियों की बाजार पूंजी 500 करोड़ रुपये से अधिक थी, उनमें से 1,500 कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई है। इसी तरह, 528 कंपनियों की बाजार पूंजी 8,700 करोड़ रुपये से अधिक थी, लेकिन उनमें से 412 कंपनियों के शेयर लगातार नीचे जा रहे हैं।
निवेशकों में डर, लाखों SIP अकाउंट्स हुए बंद
इस आर्थिक अस्थिरता के कारण पहली बार 61 लाख लोगों ने अपने म्यूचुअल फंड SIP (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) अकाउंट बंद कर दिए हैं। SIP वह योजना है जिसमें निवेशक हर महीने निश्चित राशि शेयर बाजार में निवेश करते हैं, लेकिन लगातार गिरावट के चलते निवेशकों का भरोसा टूट रहा है, और वे अपने खाते बंद करवा रहे हैं।
नए निवेशकों का भरोसा टूटा
पिछले कुछ वर्षों में भारत के युवा निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ी थी। 2018 में केवल 22.5% निवेशक 30 वर्ष से कम उम्र के थे, जबकि 2024 में यह संख्या 40% तक पहुंच गई। अधिकतर लोअर मिडिल क्लास और मिडिल क्लास युवाओं ने यह सोचकर शेयर बाजार में पैसा लगाया था कि उनकी संपत्ति तेजी से बढ़ेगी, लेकिन बाजार की गिरावट के कारण उनका भारी नुकसान हो गया।
भारत का शेयर बाजार ऐतिहासिक मंदी के दौर से गुजर रहा है, जिससे लाखों छोटे और मध्यम निवेशकों को बड़ा झटका लगा है। बड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट और SIP अकाउंट्स के बंद होने से यह स्पष्ट है कि बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है। निवेशकों की चिंता बढ़ रही है, और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले महीनों में यह स्थिति कैसे बदलती है।
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