मोदी राज में देश का शेयर मार्केट ध्वस्त, अर्थव्यवस्था आईसीयू में और पीएम शेरों के साथ फोटो शूट में मस्त- आप

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली, 06 मार्च 2025: आम आदमी पार्टी ने देश का शेयर मार्केट ध्वस्त होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर तीखा हमला बोला है। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता व सांसद संजय सिंह ने कहा कि मोदी राज में देश के शेयर मार्केट का बुरा हाल है और अर्थव्यवस्था आईसीयू में हैं, लेकिन मोदी जी शेरों के साथ फोटो शूट में मस्त हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी और अमित शाह ने लोगों को सलाह दी थी कि 4 जून के बाद शेयर मार्केट आसमान छू लेगा, शेयर मार्केट में खूब पैसा लगाएं। उन पर भरोसा कर लोगों ने अपनी जमा-पूंजी लगा दी और उनके 94 लाख करोड़ रुपए डूब गए। इसके बाद भी प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और भाजपा के लोग चुप्पी साधे बैठे हैं। उन्होंने कहा कि आज देश के 100 करोड़ लोगों के पास खर्च चलाने के लिए पैसे नहीं हैं। भारत पर 200 लाख करोड़ का कर्ज है, ऐतिहासिक बेरोजगारी है और डॉलर के मुकाबले रुपया अपने सबसे निचले स्तर पर है। यह सारा मुद्दा संसद सत्र में उठाएंगे।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य और जस्मीन शाह ने लगातार गिर रहे शेयर मार्केट को लेकर गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में पेशवार्ता की। संजय सिंह ने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति अत्यंत चिंता जनक है। अगर यह कहा जाए कि आज देश की अर्थव्यवस्था आईसीयू में है, तो गलत नहीं होगा। मोदी जी के राज में भारत के ऊपर 200 लाख करोड़ का कर्ज है, देश पर 50 वर्षों की बेरोजगारी की सबसे बड़ी मार है। भारत में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जब भाजपा की सरकार बनी तब एक डॉलर की कीमत 60 रुपए थी और आज एक डॉलर की कीमत 87 रुपए है। 2014 में खुद प्रधानमंत्री ने कहा था कि जब रुपए की कीमत गिरती है, तब हिंदुस्तान की इज्जत गिरती है। पिछले 10 वर्षों के मोदी राज में रुपए की कीमत लगातार गिरती गई है और एक डॉलर के मुकाबले भारत का रुपया 60 से 87 पर पहुंच गया।

संजय सिंह ने कहा कि पिछले 4 वर्षों में आज भारत की जीडीपी ग्रोथ सबसे कम है। आज देश की जीडीपी 6.4 फ़ीसद है। पिछले 5 महीने में शेयर मार्केट का बहुत बुरा हाल है। पूरा देश और दुनिया हैरान है कि 2024 में प्रधानमंत्री ने चुनाव के पहले एक इंटरव्यू में कहा कि खूब शेयर खरीदो। 4 जून के बाद भारत की अर्थव्यवस्था आसमान पर पहुंचने वाली है। देश के लोग शेयर मार्केट में जितना पैसा लगा सकते हैं। प्रधानमंत्री की बातों पर यकीन कर लोगों ने बचत का सारा पैसा शेयर मार्केट में लगा दिया। पिछले 5 महीने से शेयर मार्केट लगातार गिर रहा है और 94 लाख करोड़ रुपए देश के लोगों के शेयर बाजार में डूब चुके हैं लेकिन प्रधानमंत्री एक शब्द बोलने के लिए तैयार नहीं है और ना तो कोई जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं।

संजय सिंह ने शेयर मार्केट गिरने की वजहों को बताते हुए कहा कि देश के करोड़ों लोग कितनी बार ठगे जाएंगे। लोग बड़ी मेहनत से पैसा कमाकर बैंकों में रखते हैं और शेयर बाजार में लगाते हैं, लेकिन उनके साथ हर जगह धोखाधड़ी और लूट हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी अब तक अपने चंद मित्रों का 16 लाख करोड रुपए लोन माफ कर चुके है। यह पैसा प्रधानमंत्री, आरएसएस या बीजेपी वालों का नहीं पैसा है। यह पैसा देश के आम लोगों का है। देश के किसान, मजदूर, कर्मचारी, माताएं-बहनें ब्याज प्राप्त करनेके लिए अपना पैसा बैंक में जमा करते हैं, ताकि वह पैसा जरूरत पर काम आएगा। लेकिन प्रधानमंत्री ने बिना सोचे-समझे देश के आम लोगों का बैंक में जमा 16 लाख करोड़ रुपए उठाकर अपने चंद दोस्तों को दे दिया।

संजय सिंह ने कहा कि मोदी जी के दोस्तों ने जनता का पैसा लूट लिया, फर्जी कंपनियों में लगाया और मॉरीशस समेत दुनिया के अलग-अलग देशों में लेकर चले गए। जब उन पर कार्रवाई की बात हुई तब प्रधानमंत्री ने अपने दोस्तों से कहा कि भारत से भाग जाओ। नीरव मोदी, विजय माल्या, मेहुल चौकसी समेत मोदी जी के कई दोस्त भारत छोड़कर भाग गए और देश के आम लोगों का पैसा डूब गया। लोगों का बैंकों में जमा पैसा डूब जाता है, शेयर मार्केट में पैसा डूब जाता है, जरूरत की सारी चीजों पर सरकार अनाप-सनाप टैक्स लगा देती है। मोदी राज में आर्थिक असमानता के मामले में आज भारत 100 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ चुका है। अंग्रेजों के शासनकाल में भारत में जो आर्थिक असमानता थी, आज प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में भी वही असमानता है।

संजेय सिेंह ने कहा कि आज भारत की 100 करोड आबादी के पास अपनी जरूरी खर्च के अतिरिक्त कुछ भी खरीदने के लिए पैसा नहीं है। भारत सरकार खुद मानती है कि देश के 81 करोड लोगों के पास खाने के लिए 5 किलो राशन नहीं है, वह खुद राशन दे रही है। देश के बाकी लोग इसी आर्थिक असमानता के चक्कर में ठोकर खा रहे हैं। आज देश की व्यवस्था इस हालत में पहुंच गई है। यह बहुत अफसोस की बात है कि आज भाजपा, उसकी सरकार का कोई प्रतिनिधि, प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, गृह मंत्री इस पर एक शब्द भी बोलने के लिए तैयार नहीं हैं। यही लोग चिल्ला चिल्ला कर देश के लोगों को शेयर मार्केट मे ंपैसे लगाने के लिए प्रेरित कर रहे थे। इन्होंने देश की जनता को चौराहे पर छोड़ दिया है कि आप अपनी बदहाली की जिंदगी में जिएं, आत्महत्या करते हैं तो कर लें, महंगाई बढ़ रही है, बढ़ती रहे, देश कर्ज में डूब रहा तो डूबने दो, आर्थिक असमानता बढ़ रही है, तो बढ़ने दो, बेरोजगारी बढ़ रही है तो पढ़ने दो, किसान आत्महत्या कर रहा है तो करने दो। आज देश की अर्थ व्यवस्था की यह हालात है। यह वक्त देश को बचाने, डूबती अर्थव्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाने का है। संसद सत्र में महंगाई, कर्ज, शेयर मार्केट, आर्थिक असमानता समेत सारे सवाल उठाए जाएंगे।

संजय सिंह ने कहा कि पिछले 12 महीने में सब्जियों के दाम में 26.5 फीसद, टमाटर का 247, आलू का 180 फीसद, अदरक के दाम में 128 फीसद की वृद्धि हुई है। सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं और पॉपकॉर्न पर भी टैक्स लिया जा रहा है। प्रधानमंत्री को सामने आकर के देश की जनता को जवाब देना चाहिए कि आपने देश के लोगों का बैंकों में रखा पैसा खाली करवा कर अपने दोस्तों में लुटा दिया, शेयर मार्केट का पैसा अपने दोस्तों के चक्कर में डूबा दिया, ईडी-सीबीआई का दुरुपयोग करके ऐसे माहौल बना दिए कि कोई भी विदेशी निवेशक भारत में निवेश नहीं करना चाहता है और भारत सेेेे निवेशक अपना पेैसा लेकर के भाग रहे हैं, क्योंकि उनको भारत के अर्थव्यवस्था और बाजार पर भरोसा नहीं है। निवेशकों को भरोसा इसलिए नहीं है क्योंकि उनको प्रधानमंत्री पर भरोसा नहीं है।

‘‘आप’’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता जस्मीन शाह ने कहा कि देश के आम निवेशकों का 94 लाख करोड रुपए शेयर मार्केट में डूब चुका है। बीएसई सेंसेक्स में करीब 15 फीसद की गिरावट है। पिछले 5 महीने में शेयर मार्केट ने 30 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है। आज देश के आम परिवारों की क्या हालत होगी, यह हम सोच भी नहीं सकते। शेयर मार्केट में 12 करोड़ निवेशक हैं। इनमें से 11 करोड लोग रिटेल निवेशक यानी आम आदमी है। शेयर मार्केट में भारी गिरावट का सबसे बड़ा असर देेश के आम निवेशकों पर पड़ रहा है। इसलिए यह सवाल बहुत वाजिब है कि इसके पीछे किसका हाथ है। यह बड़ी हैरान करने वाली बात है कि आज जब देश का शेयर मार्केट ध्वस्त है, तब प्रधानमंत्री मोदी जी शेरों के साथ फोटो शूट करने मस्त हैं। प्रधानमंत्री को यह चिंता नहीं है कि देश के आम आदमी के साथ क्या हो रहा है? मैं क्या करूं, देश के सामने क्या संदेश दूं, मेरी रणनीति क्या है, शेयर मार्केट कैसे ठीक करेंगे अर्थव्यवस्था को पटरी पर कैसे लाएंगे। देश के आम निवेशकों को यह जानना बहुत जरूरी है कि स्टॉक मार्केट में यह गिरावट क्यों आई है?

जस्मीन शाह ने कहा कि मुख्य तौर पर शेयर मार्केट में इसलिए गिरावट आ रही है, क्योंकि हमारी प्राइवेट सेक्टर की कंपनियां हैं, पिछले चार क्वॉर्टर से उनका मुनाफा लगातार गिरता जा रहा है। क्योंकि कोई निवेश ही नहीं हो रहा है। आज देश में प्राइवेट सेक्टर इंवेस्टमेंट ऐतिहासिक निचले स्तर पर है। 2014 में जब मोदी जी ‘अबकी बार मोदी सरकार’ का नारा लेकर आए थे, तब देश में प्राइवेट कंपनियों का निवेश जीडीपी का 21 फीसद था और 2024 आते-आते यह घटकर 11 फीसद हो गया। पिछले 10 साल में प्राइवेट सेक्टर में निवेश घटकर आधा हो गया है। इन लोगों ने कहा कि हम तो भारत को विश्व गुरु बनाएंगे, दुनिया भर के निवेशक भारत में आकर निवेश करेंगे। 2014 में फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (एफडीआई) जीडीपी का 1.7 फ़ीसदी हिस्सा था, जो 2023 में गिरकर 0.8 फीसद हो गया। यह भी गिर कर आधा हो गया है। आज न तोेे घेरेलू और विदेशी निवेशक दोनों भारत में निवेश नहीं करना चाह रहे हैं।

जस्मीन शाह ने कहा कि निवेशक इसलिए नहीं आ रहे हैं, क्योंकि मोदी जी ने भारत की पूरी अर्थव्यवस्था अपने चंद दोस्तों के हाथों में दे दी है। निवेशक तो यह सोचकर आएगा कि उसे पारदर्शी कानून मिलेगा, अच्छा माल बेचेगा तो लोग खरीदेंगे और सरकार भी प्रोत्साहन देगी, लेकिन यहां मोदी जी अपने एक ही दोस्त को कोयला, खदान, पोर्ट, एयरपोर्ट सब कुछ दे रहे हैं। अगर गलती से भी कोई प्राइवेट कंपनी अच्छा काम करती है तो उसके ऊपर ईडी-सीबीआई की जांच बैठा दी जाती है। कई ऐसे उदाहरण है। एसीसी अंबुजा सीमेंट पर केंद्र सरकार ने रेड करवाई और कुछ समय बाद अडानी सीमेंट में उसका अधिग्रहण कर लिया। जीवीके ग्रुप पर रेड की गई, परिणाम स्वरुप जीवीके एयरपोर्ट का अधिका हिस्सा अडानी को दे दिया गया। मुंबई एयरपोर्ट पर भी रेड डाली गई। इससे मीडिया भी इसे अछूता नहीं है। द क्विंट पर भी इनकम टैक्स की रेड डाली गई और उसको भी अडानी ने अधिग्रहित कर लिया। नेल्लौर कृष्णन पत्तनम पोर्ट पर भी आईटी की रेड हुई और कुछ समय बाद अडानी उसको अधिग्रहित कर लिया। इसका मतलब यह है कि भारत में कोई कंपनी सफलता पूर्वक मोदी जी के इशारे पर ही चल सकती है। इसीलिए बड़ी संख्या में निवेशक भारत में निवेश करने से बच रहे हैं और देश की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे डूब रही है।

जस्मीन शाह ने कहा कि 2015 में मेक इन इंडिया बहुत जोर-शोर से लाया गया था। लेकिन आज मेक इन इंडिया की वास्तविकता कुछ और कहानी बयां कर रही है। 2013 में भारत में मैन्यूफैक्चरिंग जीडीपी का 15 फीसद हिस्सा थी। मेक इन इंडिया ने खुद कहा था कि हम 10 साल में मैन्यूफैक्चरिंग की हिस्सेदारी जीडीपी का 15 बढ़ाकर 25 फीसद कर देंगे। 2014 से 2024 के बीच मैन्युफैक्चरिंग बढ़ा नहीं, बल्कि 15 से घटकर के 13 फीसद हो गया। फिर मेक इन इंडिया स्कीम में हजारों करोड़ रुपए खर्च करने का क्या फायदा। आज कोई भी भारत में निवेश करने पर विश्वास नहीं कर रहा है। उसको पता है कि मोदी जी, भाजपा और आरएसएस के इशारे पर ही भारत की अर्थव्यवस्था चल रही है। कोई भी आम निवेशक अगर अपना काम करना चाहे तो ईडी-सीबीआई के डर के बगैर नहीं कर सकता। यह शेयर बाजार के गिरने का सबसे बड़ा कारण है। इस पर संकेत भी साफ है कि इस प्रकार की जो अर्थव्यवस्था केंद्र सरकार चल रही है, जहां पर कुछ चंद लोगों को ही ठेके मिलेंगे और उनके पक्ष में सरकार काम करेगी और बाकी सारे लोग बाहर जाएं तो इससे देश का कभी भला नहीं होने वाला है।

जस्मीन शाह ने कहा कि आज शेयर मार्केट का इतना बुरा हाल इसलिए भी है, क्योंकि आज देश में मांग बहुत निम्न स्तर पर है। एक आम आदमी के जेब में कुछ भी पैसा नहीं बचा है। लोगों के पास नौकरियां नहीं हैं। केंद्र सरकार का आर्थिक सर्वेक्षण कहता है कि पिछले 6 सालों में औसत वेजेस बढ़ने के बजाय घटी हैं। यह बहुत चिंता की बात है कि 6 साल में अडानी समेत मोदी जी के तमाम दोस्तों की आमदनी बढ़कर कहां से कहां पहुंच गई। लेकिन आम आदमी की जेब में एक भी पैसा नहीं बचा है। मोदी जी ने 2 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन आज इस सवाल पर चुप हैं। आम आदमी की जेब में कुछ नहीं टिक रहा है, महंगाई हर दिन बढ़ती जा रही है। देश में 100 करोड़ की आबादी ऐसी है, जिनके पास रोजमर्रा की ज़रूरतें को छोड़कर किसी और चीज पर खर्च करने के लिए एक अठन्नी नहीं है। भाजपा की केंद्र सरकार नौकरियों में काम नहीं करेगी, बेजेज नहीं बढ़ाएगी, निवेशकों को देश से बाहर भागने में लगे हुए हैं और जवाब भी नहीं देते हैं कि स्टॉक मार्केट क्यों ध्वस्त हो रहा है। आज देश के लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। आज यह मोदी सरकार का बहुत बड़ी असफलता है। आम आदमी पार्टी मांग करती है कि प्रधानमंत्री मोदी बाहर आएं और देश को जवाब दें कि जो यह पूरी अर्थव्यवस्था बैठ गई है, रुपया गिर गया है, स्टॉक मार्केट ध्वस्त हो गया है, जीडीपी 4 साल में सबसे निम्न स्तर पर है, उसको ठीक करने का क्या प्लान है?


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