दिल्ली में 15 साल से अधिक पुरानी गाड़ियों को नहीं मिलेगा पेट्रोल, जानें कब से लागू होगा नियम
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली, (01 मार्च 2025): दिल्ली में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार ने एक और कड़ा कदम उठाया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने घोषणा की है कि 1 अप्रैल 2025 से 15 साल से अधिक पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को ईंधन नहीं दिया जाएगा। सरकार पहले से ही 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगा चुकी थी, लेकिन अब इस फैसले को और कठोर बनाया गया है।
सरकार ने इस फैसले को लागू करने के लिए विशेष निगरानी टीमों का गठन किया है, जो इन गाड़ियों की पहचान करेगी और सुनिश्चित करेगी कि उन्हें पेट्रोल नहीं दिया जाए। पेट्रोल पंप संचालकों को भी स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे ऐसी गाड़ियों में ईंधन भरने से बचें। इसके अलावा, सरकार ने वाहन मालिकों से अपील की है कि वे समय रहते वैकल्पिक व्यवस्था करें या अपने पुराने वाहनों को स्क्रैप कर दें ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो।
राजधानी में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए मास्टरप्लान तैयार किया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने अधिकारियों के साथ बैठक कर तीन स्तरों पर प्रदूषण नियंत्रण की रणनीति बनाई है। इसमें डस्ट प्रदूषण, वाहन प्रदूषण और कंस्ट्रक्शन प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त नियम लागू किए जाएंगे
सरकार ने प्राकृतिक वायु शुद्धिकरण के लिए नई हरित योजना भी बनाई है। इसके तहत दिल्ली में नए जंगल विकसित किए जाएंगे और विश्वविद्यालयों के छात्रों को वृक्षारोपण अभियानों से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, प्रदूषण फैलाने वाले बड़े संगठनों को विशेष गैजेट्स लगाने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे उनकी गतिविधियों से निकलने वाले प्रदूषण पर नजर रखी जा सके। साथ ही, नई हाई-राइज बिल्डिंगों के लिए भी सख्त नियम बनाए जा रहे हैं। अब स्मॉग गन लगाना अनिवार्य होगा, खासकर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स, होटल और बड़े निर्माण स्थलों पर।
दिल्ली में क्लाउड सीडिंग के जरिए कृत्रिम बारिश करवाने की योजना भी बनाई गई है, जिससे हवा में फैले जहरीले कणों को नीचे गिराकर प्रदूषण को कम किया जाएगा। साथ ही, एमसीडी को एंटी-स्मॉग गन लगाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने से पहले ही उसे नियंत्रित किया जा सके। सरकार ने यह भी घोषणा की है कि इस साल दिसंबर तक 90% CNG बसों को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा और उनकी जगह इलेक्ट्रिक बसें लाई जाएंगी, जिससे वाहन प्रदूषण में भारी कमी आएगी।
पर्यावरण मंत्री सिरसा ने पिछली सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आप सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार से मिले फंड का भी सही इस्तेमाल नहीं किया गया और दिल्ली की जनता को जहरीली हवा में जीने के लिए मजबूर किया गया। नई सरकार का दावा है कि यह मास्टरप्लान दिल्ली की हवा को साफ करने में गेमचेंजर साबित होगा और राजधानी को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
इस सख्त निर्णय का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना है, जो लंबे समय से दिल्लीवासियों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। हालांकि, इस कदम से पुरानी गाड़ियों के मालिकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन विशेषज्ञ इसे प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक प्रभावी कदम मान रहे हैं। सरकार की योजना है कि जल्द ही इस नियम को और सख्ती से लागू किया जाए, जिससे प्रदूषण को न्यूनतम स्तर तक लाया जा सके।
दिल्ली सरकार की इस नई नीति के तहत अगर कोई वाहन नियमों का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने यह भी संकेत दिया है कि भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं लागू की जा सकती हैं।
सरकार के इस फैसले से दिल्ली में प्रदूषण पर कितना असर पड़ेगा, यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा, लेकिन इतना तय है कि यह नियम राजधानी में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने की दिशा में एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।।
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