नाबालिग मासूम के साथ रेप के आरोपी को मिली सजा-ए-मौत

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (01 मार्च 2025): दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने शुक्रवार को 2019 में एक सात साल की मासूम के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में एक व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि दोषी समाज के लिए खतरा है और उसके अपराध को दुर्लभतम श्रेणी में रखा गया है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बबीता पुनिया की अदालत ने मुख्य आरोपी राजेंद्र के पिता राम सरन को भी अपने बेटे के अपराध के सबूत मिटाने के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि राजेंद्र में सुधार की कोई संभावना नहीं है और उसे समाज से दूर रखना ही उचित है। अदालत ने राजेंद्र को पॉक्सो एक्ट और आईपीसी के प्रावधानों के तहत सजा सुनाई।अदालत ने कहा कि कानून उच्च न्यायालयों द्वारा मृत्युदंड के लिए निर्धारित सभी मानदंडों का पालन कर रहा है। राजेंद्र और उसके पिता को 24 फरवरी को मामले में दोषी ठहराया गया था। नाबालिग लड़की 9 फरवरी, 2019 को लापता हो गई थी। उसका शव दो दिन बाद एक पार्क में प्लास्टिक की रस्सी से बंधा हुआ पाया गया था।

अदालत ने कहा कि अपराध की प्रकृति और समाज के कमजोर बच्चों को भयावह अनुभवों से बचाने के प्रयास के कारण उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए। पीड़िता की उम्र और उसकी असहाय स्थिति के अलावा, अदालत इस तथ्य से विशेष रूप से अवगत है कि दोषी राजेंद्र ने अपनी यौन भूख को शांत करने के लिए मासूम और कमजोर लड़की को अपना शिकार बनाया।अदालत ने फैसला सुनाते समय दोषी के आपराधिक रिकॉर्ड का हवाला दिया। अदालत ने कहा कि उसने पहले भी एक नाबालिग लड़की का अपहरण किया था। दोषी पर यौन उत्पीड़न करने और किशोर होने का नाटक करके जमानत प्राप्त करने का आरोप लगाया गया था। अदालत ने कहा कि जमानत पर रहते हुए उसने पीड़िता को अपनी हवस का शिकार बनाया और अपने पिता की मदद से उसकी बेरहमी से हत्या कर दी।

अदालत ने कहा कि पहले यौन अपराध में जमानत देकर उसे कानून की अदालत ने खुद को सुधारने का मौका दिया था। हालांकि, खुद को सुधारने और देश का अच्छा नागरिक बनने के लिए उस अवसर का लाभ उठाने के बजाय, दोषी राजेंद्र ने एक और भी जघन्य अपराध किया। उसने मासूम लड़की के साथ दुष्कर्म किया और फिर अपने पिता के साथ मिलकर उसकी निर्मम हत्या कर दी। अदालत ने कहा कि अगर दोषी के साथ नरमी बरती जाती है, तो वह पीड़ित और समाज के प्रति अपने कर्तव्य निभाने में विफल रहेगा। उसके पूर्व के कृत्य ऐसा ही दिखाते हैं, इसलिए यह अपराधी जघन्य अपराधों के लिए कड़ी सजा का हकदार है। पिता-पुत्र की जोड़ी को आईपीसी के तहत हत्या और साझा इरादे का दोषी ठहराया गया। बेटे को सबूत नष्ट करने के अलावा यौन अपराध और अपहरण का दोषी ठहराया गया। अदालत ने संबंधित प्रावधानों के तहत दोनों पर जुर्माना भी लगाया है।


प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन नई दिल्ली, दिल्ली सरकार, दिल्ली राजनीति, दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस, दिल्ली नगर निगम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : हिंदी न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।


Discover more from टेन न्यूज हिंदी

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

टिप्पणियाँ बंद हैं।