तेलंगाना (23 फरवरी 2025): तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम सुरंग नहर परियोजना का एक हिस्सा ढह जाने के बाद 8 मजदूर पिछले 19 घंटे से मलबे में फंसे हुए हैं। ये मजदूर जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं, जबकि बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें सुरंग के अंदर 13 किलोमीटर तक पहुंच गई हैं, लेकिन कीचड़ और पानी के कारण राहत कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। अब भारतीय सेना को भी बचाव अभियान में मदद के लिए बुलाया गया है।
सेना की इंजीनियर टास्क फोर्स (ETF) की मदद
बचाव कार्य में सेना की इंजीनियर टास्क फोर्स (ETF) को लगाया गया है, जो अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। सेना की यह टीम दुर्घटनास्थल पर मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) अभियान चला रही है। बचावकर्मियों के मुताबिक, सुरंग का 200 मीटर हिस्सा मलबे से भरा हुआ है और जब तक इसे पूरी तरह हटाया नहीं जाता, तब तक मजदूरों की सटीक स्थिति का पता नहीं लगाया जा सकता। ड्रोन भी सुरंग के अंदर नहीं पहुंच पा रहे, जिससे राहत कार्य में और बाधाएं आ रही हैं।
पानी बना सबसे बड़ी चुनौती
NDRF के डिप्टी कमांडर सुखेंदु ने बताया कि सुरंग के 11 से 13 किलोमीटर के हिस्से में पानी भरा हुआ है। जब तक पानी को बाहर नहीं निकाला जाता, तब तक मलबा हटाने का काम शुरू नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि बचाव दल ने सुरंग में फंसे मजदूरों के नाम पुकारे, लेकिन मलबे की मोटी परत के कारण कोई जवाब नहीं मिला। हालांकि, मजदूरों तक ताजा हवा पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
विशेषज्ञों की मदद से बचाव कार्य तेज
तेलंगाना के सिंचाई मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी ने बताया कि राज्य सरकार विशेषज्ञों की मदद ले रही है, जिनमें उत्तराखंड में इसी तरह की घटना में फंसे श्रमिकों को बचाने वाले विशेषज्ञ भी शामिल हैं। सेना की विशेष टीमों को भी राहत अभियान में लगाया गया है। बचाव दल 13 किलोमीटर तक पहुंच चुका है और अब मलबा हटाने का काम शुरू किया जा रहा है। सरकार को उम्मीद है कि जल्द ही सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से कल शनिवार को फोन पर बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया।
राहुल गांधी ने जताई चिंता
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस घटना पर चिंता जताई है और मजदूरों की सुरक्षा की उम्मीद जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि बचाव अभियान जारी है और राज्य सरकार आपदा राहत दलों के साथ मिलकर फंसे लोगों को बचाने का हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने सभी मजदूरों के सुरक्षित बाहर निकलने की कामना की। गौरतलब है कि तेलंगाना में वर्तमान में कांग्रेस की सरकार है।
कैसे हुआ हादसा?
यह हादसा 22 फरवरी की सुबह तब हुआ, जब श्रीशैलम सुरंग नहर परियोजना में 200 मीटर लंबी टनल बोरिंग मशीन के साथ 50 से ज्यादा कर्मचारी पहली शिफ्ट में सुरंग के अंदर गए थे। वे लगभग 13.5 किलोमीटर अंदर पहुंचे ही थे कि अचानक सुरंग का एक हिस्सा ढह गया। इस दौरान मशीन के आगे चल रहे दो इंजीनियर समेत 8 मजदूर मलबे में फंस गए, जबकि 42 कर्मचारी तेजी से भागकर बाहर निकलने में सफल रहे। अब बचाव दल पूरी कोशिश कर रहा है कि जल्द से जल्द मलबे में फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा सके।।
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