ELECRAMA 2025: भारत के ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति, नवाचार और विकास की नई दिशा

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (22 फरवरी 2025): ऊर्जा क्षेत्र के सबसे बड़े आयोजनों में से एक ELECRAMA 2025 का शुभारंभ केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के उद्घाटन भाषण के साथ 22 फरवरी 2025 को शुरू हुआ। यह आयोजन भारतीय विद्युत एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माताओं के संगठन IEEMA ने इंडिया एक्सपो मार्ट, ग्रेटर नोएडा में आयोजित किया जो वैश्विक स्तर पर उभरती नवीनतम तकनीकों, अक्षय ऊर्जा समाधानों और नवाचारों का मंच प्रदान करता है।

ELECRAMA केवल एक प्रदर्शनी नहीं है, बल्कि यह ऊर्जा उद्योग के लिए एक प्रेरक मंच है, जो नवीनतम तकनीकों, बाजार के रुझानों और सरकार की नीतियों को साझा करने का अवसर देता है। IEEMA (Indian Electrical & Electronics Manufacturers’ Association) भारतीय विद्युत उद्योग का एक प्रमुख संगठन है, जो 800 से अधिक कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है। यह संगठन विद्युत उपकरणों, नवीकरणीय ऊर्जा, ट्रांसमिशन और वितरण क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

इस अवसर पर अपने उद्घाटन भाषण में मनोहर लाल ने कहा, हम सभी जानते हैं कि कार्य करने वाले नेता ही असली बदलाव लाते हैं। शब्दों से अधिक, हमारे कार्य ही हमारी पहचान बनाते हैं। आज, मैं आपके सामने इस यात्रा, इसकी संभावनाओं और इसे आगे बढ़ाने के मार्ग पर चर्चा करने आया हूँ।

उन्होंने IEEMA और ELECRAMA के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ,IEEMA भारत का प्रतीक है और ELECRAMA बिजली और राम का मेल है। वास्तव में, IEEMA ELECRAMA की ‘माँ’ है, और माँ एवं राम मिलकर वास्तविक बदलाव ला सकते हैं।

भारत के ऊर्जा क्षेत्र का भविष्य: लक्ष्य और रणनीतियाँ

भारत वर्तमान समय में आर्थिक क्रांति के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। माननीय मंत्री ने इस अवसर पर सरकार की ऊर्जा क्षेत्र के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि 2027 तक भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें बिजली क्षेत्र का अहम योगदान होगा।

भारत सरकार का लक्ष्य अर्थव्यवस्था में 1.5 ट्रिलियन डॉलर का योगदान देना है और अगले कुछ वर्षों में इसे 3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लिए कार्य किया जा रहा है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए तेजी से विकास और ऊर्जा उत्पादन को प्रेरक शक्ति में बदलने की आवश्यकता होगी।

नवीकरणीय ऊर्जा और नई तकनीक का महत्व

भारत ने 2030 तक अक्षय ऊर्जा क्षमता को 500 गीगावॉट तक ले जाने का निर्णय लिया है। यह उपलब्धि तभी संभव होगी जब आधुनिक तकनीक, स्टार्टअप्स और अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। ऊर्जा दक्षता को ध्यान में रखते हुए, सरकार संसाधनों के न्यूनतम उपयोग में अधिकतम उत्पादन सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य कर रही है।

2014 से अब तक, भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता 2.81 गुना बढ़ी है। पिछले 10 वर्षों में सौर ऊर्जा क्षेत्र में 38 गुना वृद्धि दर्ज की गई है। कुल मिलाकर ऊर्जा उत्पादन प्रणाली में 87% की वृद्धि देखी गई है। यह न केवल आंकड़ों का प्रदर्शन है, बल्कि इस बात का प्रमाण है कि भारत केवल सुधार ही नहीं कर रहा, बल्कि तेजी से आगे बढ़ रहा है।

इलेक्ट्रिक वाहनों और ऊर्जा भंडारण पर जोर

मंत्री जी ने आगे कहा कि सरकार का अगला लक्ष्य उत्पादन क्षमता को बढ़ाना और आधुनिक ऊर्जा वितरण प्रणालियों का विकास करना है। इलेक्ट्रिक परिवहन प्रणाली को प्रदूषण कम करने के लिए महत्वपूर्ण बताया गया।

सरकार फास्ट चार्जिंग तकनीक और ई-वाहन क्रांति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और उद्योग जगत को इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नवाचार और तकनीकी खोज को बढ़ावा देना आवश्यक है।

भविष्य की ऊर्जा तकनीक और नवाचार

मनोहर लाल जी ने नवाचार के महत्व को बताते हुए एक व्यक्तिगत अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि जब वे 20 वर्ष के थे, तब एक 13 वर्षीय बच्चे ने उन्हें अपने घर बुलाकर एक अनोखा आविष्कार दिखाया। शाम का समय था, अंधेरा था। उस बच्चे ने कमरे में ताली बजाई और बल्ब जल उठा। यह 70 के दशक की बात है। तब मुझे एहसास हुआ कि ध्वनि भी एक प्रकार की ऊर्जा है। इसी तरह, यदि हम किसी ऐसी मशीन का निर्माण कर सकें, जो ध्वनि प्रदूषण को ऊर्जा में परिवर्तित कर सके, तो मैं उसे संसद में रखने के लिए तैयार हूँ।

यह अनुभव यह दर्शाता है कि कैसे नई तकनीकों और रचनात्मक विचारों के माध्यम से ऊर्जा संकट का समाधान खोजा जा सकता है।

सरकार की प्रतिबद्धता और उद्योग जगत की भूमिका

भारत सरकार इस क्षेत्र के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सरकार द्वारा ऊर्जा उद्योग को विभिन्न सुविधाएँ और रियायतें प्रदान करने की योजना बनाई गई है, जिससे यह क्षेत्र और अधिक सशक्त हो सके। IEEMA और ELECRAMA के माध्यम से सरकार जनता तक इन तकनीकों को पहुँचाने का प्रयास कर रही है। मंत्री ने सभी हितधारकों को इस ऊर्जा क्रांति का महत्वपूर्ण हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया।

मंत्री ने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा, हमारा अंतिम उद्देश्य जनता की सेवा करना है। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि आज से शुरू हुआ यह आयोजन सफल सिद्ध होगा और हम अपने लक्ष्यों की ओर तीव्र गति से आगे बढ़ेंगे।

ELECRAMA 2025 भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे ले जाने और नवाचार, अक्षय ऊर्जा और तकनीकी विकास को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक मंच साबित होगा।


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