किसान नेता रूपेश वर्मा और विकास प्रधान गिरफ्तार, भारी पुलिस बल की तैनाती

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (6 दिसंबर 2024): किसान आंदोलन के एक नए चरण में, ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए किसान नेता रूपेश वर्मा और विकास प्रधान को गिरफ्तार कर लिया है। यह घटनाक्रम तब सामने आया जब किसान नेता रूपेश वर्मा ने एक वीडियो संदेश जारी कर किसानों से दिल्ली कूच करने का आह्वान किया था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया।

रूपेश वर्मा की अगुवाई में चल रहे आंदोलन ने हाल के दिनों में काफी जोर पकड़ लिया था। किसान संगठनों का कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर कई महीनों से प्रशासन से संवाद कर रहे थे, लेकिन उनकी बातों को नजरअंदाज किया गया। किसानों का मुख्य मुद्दा भूमि अधिग्रहण और उचित मुआवजे का रहा है।

इस आंदोलन ने ग्रेटर नोएडा समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी समर्थन हासिल किया। कई जगह किसान पंचायतों का आयोजन किया गया, जहां बड़े पैमाने पर किसान जुटे। वर्मा के दिल्ली कूच के आह्वान के बाद सरकार और प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई की योजना बनाई।

ग्रेटर नोएडा को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया। सीआरपीएफ, पीएसी, और स्थानीय पुलिस बल ने जगह-जगह तैनाती की। शहर के प्रवेश और निकासी बिंदुओं पर बैरिकेड लगाए गए, और किसानों के संभावित जमावड़े को रोकने के लिए कड़ी निगरानी की गई। पुलिस ने आंदोलन के नेतृत्वकर्ताओं की पहचान करने के बाद ही रूपेश वर्मा और विकास प्रधान को गिरफ्तार कर लिया। दोनों नेताओं को अज्ञात स्थान पर ले जाया गया, और सुरक्षा के मद्देनजर इस पर प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है।

गिरफ्तारी के बाद किसान संगठनों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। उनके अनुसार, प्रशासन की यह कार्रवाई लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। एक स्थानीय किसान ने कहा, “हम शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखना चाहते थे, लेकिन सरकार हमारी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। यह हमें और मजबूती से लड़ने के लिए प्रेरित करता है।”

इस पूरे प्रकरण पर प्रशासन ने कहा है कि शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है। रूपेश वर्मा और विकास प्रधान की गिरफ्तारी के बाद आंदोलन की अगली रणनीति क्या होगी, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं। सूत्रों के अनुसार, किसान संगठन जल्द ही एक आपात बैठक बुला सकते हैं और अगले कदम की घोषणा कर सकते हैं।जैसा कि सर्वविदित है, किसान नेता अपने हक और मांगों को लेकर बड़े प्रदर्शन की तैयारी कर रहे थे। दिल्ली कूच का ऐलान करने के बाद प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की।

इस घटना ने न केवल ग्रेटर नोएडा बल्कि पूरे क्षेत्र में हलचल मचा दी है। आने वाले दिनों में देखेंगे कि यह आंदोलन किस दिशा में जाता है और प्रशासन और किसान संगठनों के बीच बातचीत की कोई नई राह निकलती है या नहीं। फिलहाल, स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है, लेकिन आंदोलनकारियों ने कहा है कि वे अपने हक की लड़ाई जारी रखेंगे। प्रशासन और आंदोलनकारियों के बीच तनाव अभी भी बना हुआ है।।


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