स्नेहा कुशवाहा आत्महत्या मामला: माता – पिता ने योगी आदित्यनाथ से की मुलाकात, निष्पक्ष जांच का आश्वासन

टेन न्यूज़ नेटवर्क

वाराणसी (17 फरवरी 2025): बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की पहल पर राजद सांसद अभय कुशवाहा और सासाराम से राजद विधायक राजेश कुमार गुप्ता ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। यह मुलाकात सासाराम की बेटी स्नेहा कुशवाहा की आत्महत्या मामले की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर हुई।

स्नेहा के परिवार के साथ राजद नेताओं ने रखी मांग

लखनऊ में हुई इस मुलाकात में स्नेहा कुशवाहा के पिता सुनील कुशवाहा, माता जूही देवी और वाराणसी जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या भी शामिल रहीं। मुलाकात के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने राजद नेताओं और पीड़ित परिवार की बात ध्यानपूर्वक सुनी और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया।

सीएम योगी ने यूपी डीजीपी को दिए जांच के आदेश

लगभग 40 मिनट तक चली इस बैठक के बाद सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार को मामले की गहराई से जांच करने के निर्देश दिए। इसके तुरंत बाद डीजीपी ने दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित कर जांच शुरू करने का आदेश दिया।डीजीपी प्रशांत कुमार ने यह भी स्वीकार किया कि इस मामले में कहीं न कहीं पुलिस विभाग से चूक हुई है। उन्होंने आश्वस्त किया कि यदि जरूरत पड़ी तो CID जांच भी कराई जाएगी ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।राजद सांसद अभय कुशवाहा और विधायक राजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि, “हम अगले 15 दिनों तक यूपी पुलिस की जांच का इंतजार करेंगे। यदि जांच संतोषजनक नहीं हुई तो तेजस्वी यादव जी के निर्देशानुसार आगे की रणनीति तय की जाएगी। हमारा एकमात्र लक्ष्य है कि स्नेहा कुशवाहा को न्याय मिले और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।”

परिवार को मिला न्याय का भरोसा

इस पूरे घटनाक्रम के बाद स्नेहा कुशवाहा के परिवार ने भी उम्मीद जताई है कि इस बार उन्हें न्याय मिलेगा। परिजनों ने कहा कि अब तक इस मामले में कई लापरवाहियां हुईं, लेकिन यूपी सरकार की त्वरित कार्रवाई से अब निष्पक्ष जांच की उम्मीद बंधी है।

क्या है पूरा मामला?

सासाराम की स्नेहा कुशवाहा की संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या का मामला सामने आया था। उनका शव उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पाया गया था जहां वह पिछले कई दिनों से रह रही थी। परिजनों ने शोषण और उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की थी। इस मामले को लेकर बिहार और यूपी की राजनीति गरमाई हुई थी।

अब देखना होगा कि राजद नेताओं के हस्तक्षेप और सीएम योगी के आदेश के बाद यूपी पुलिस कितनी पारदर्शी और निष्पक्ष जांच करती है।


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