रोती – बिलखती बेटी की गुहार, “पापा सीरियस हैं…”, डॉक्टर इलाज करने से कर रहे इनकार

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (16 फरवरी 2025): नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुई भगदड़ में कई लोगों की जान चली गई और दर्जनों लोग घायल हो गए। इस हादसे में नीतू के पिता राम बहादुर भी घायल हो गए, लेकिन जब रोती- बिलखती नीतू उन्हें अस्पताल लेकर गई, तो वहां उन्हें इलाज नहीं मिला। नीतू का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने उनके पिता की गंभीर हालत को नजरअंदाज किया और उन्हें डिस्चार्ज कर दिया।

नीतू अपने पिता को सबसे पहले हिंदूराव अस्पताल लेकर गई थी, जहां डॉक्टरों ने उनका इलाज करने से मना कर दिया और उन्हें डिस्चार्ज कर दिया। उनके अनुसार, उनके पिता गंभीर रूप से घायल थे, लेकिन फिर भी उन्हें वहां से बिना इलाज के ही भेज दिया गया। अस्पताल प्रशासन ने हादसे में उनके पिता के घायल होने की बात को भी नकार दिया, जिससे नीतू और उनके परिवार की परेशानी और बढ़ गई।

नीतू और उसकी बहन फिर अपने पिता को लेकर LNJP अस्पताल पहुंची, लेकिन वहां भी डॉक्टरों ने इलाज करने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि उनके पिता इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए हैं, लेकिन डॉक्टर और अधिकारी यह मानने को तैयार नहीं हैं कि उनकी चोटें भगदड़ के कारण लगी हैं। उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पिता को सही इलाज न मिलने के कारण उनकी हालत और बिगड़ सकती है।

नीतू ने आरोप लगाया कि स्टेशन पर भगदड़ के दौरान उनका हैंडबैग और अन्य सामान गायब हो गया, लेकिन प्रशासन इस पर भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने अन्य यात्रियों के साथ उनके सामान को ऐसे साफ कर दिया, जैसे कुछ हुआ ही न हो। भगदड़ के दौरान कई लोग घायल हुए और कई मारे गए, लेकिन सरकारी आंकड़ों में यह संख्या बहुत कम बताई जा रही है।

घायलों और मृतकों की संख्या छुपा रही सरकार?

नीतू ने दावा किया कि घायलों और मृतकों की संख्या सरकारी आंकड़ों से कहीं अधिक है। उन्होंने कहा कि प्रशासन सही आंकड़े छुपाने की कोशिश कर रही है और असल पीड़ितों को मदद नहीं मिल रही। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर उनके पिता इस हादसे में घायल नहीं हुए, तो फिर उन्हें चोटें कैसे आईं?

नीतू की अपील – पीड़ितों को मिले न्याय

नीतू ने सरकार और अस्पताल प्रशासन से अपील की कि उनके पिता समेत सभी घायल लोगों को सही इलाज मिले। उन्होंने कहा कि इस हादसे के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसा कोई हादसा न हो। उनका कहना है कि अगर सही समय पर इलाज मिल जाता, तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी।।


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