राकेश टिकैत ने जेवर एयरपोर्ट विस्थापन नीति में बदलाव की दी चेतावनी, क्या है किसानों की मांग?

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (15 फरवरी 2025): भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने जेवर एयरपोर्ट परियोजना के तहत विस्थापन नीति में बदलाव की मांग करते हुए कहा कि यदि नीति में संशोधन नहीं किया गया, तो किसानों को सड़कों पर उतरकर आंदोलन करना पड़ेगा। यह बयान उन्होंने आज जेवर के नीमका गांव में आयोजित पंचायत में दिया, जिसकी अध्यक्षता राजे प्रधान ने की और संचालन राजीव मलिक ने किया।

इस पंचायत में यमुना प्राधिकरण के अंतिम चरण में विस्थापन से प्रभावित होने वाले 14 गांवों के किसानों ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया और विस्थापन नीति में सुधार के लिए अपनी मांगें रखीं। उनके द्वारा उठाई गई प्रमुख मांगें इस प्रकार थीं:

1. कृषि भूमि का उचित मुआवजा: किसानों ने कृषि भूमि के अधिग्रहण के बदले 20% विकसित भूखंड देने की मांग की, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मन की बात में स्वीकार किया था।

2. सर्किल रेट में बदलाव: गौतम बुद्ध नगर क्षेत्र के औद्योगिक और शहरी विकास को ध्यान में रखते हुए सर्किल रेट में संशोधन किया जाए और भूमि अधिग्रहण कानून के तहत उचित मुआवजा दिया जाए।

3. विशेष गांवों का विस्थापन रोका जाए: नीमका खाजपुर और थोरा गांव का विस्थापन किसी भी दिशा में न किए जाने की किसानों ने कड़ी निंदा की और इस संबंध में S.I.A सर्वे टीम द्वारा की गई सिफारिशों को स्वीकार करने की अपील की।

4. विस्थापित किसानों को अधिक भूमि: किसानों ने कम से कम 100 मीटर के प्लॉट की मांग की, जबकि अधिकतम सीमा को 1000 मीटर तक बढ़ाने की भी जरूरत जताई।

5. घर के मुआवजे का सही आकलन: जिन किसानों के घर गांव में ज्यादा क्षेत्रफल में स्थित हैं, उन्हें बचे हुए हिस्से का मुआवजा YEIDA Rate के हिसाब से दिया जाए, जिससे किसानों को उचित भुगतान मिल सके।

6. घरों की कीमत का सही आकलन: किसानों के घरों के मूल्यांकन के लिए PWD और रेलवे के बदले हुए मानकों का पालन किया जाए, और हर घर के लिए एक समान मूल्य निर्धारण किया जाए, चाहे वह नया हो या पुराना।

7. बेरोजगार बच्चों के लिए रोजगार: हर परिवार के बेरोजगार बच्चों को उनकी योग्यतानुसार सरकारी नौकरी या एकमुश्त 30 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाए।

8. खेतीहर मजदूरों के लिए बेरोजगारी भत्ता: खेतीहर भूमिहीन मजदूरों को 20 लाख रुपये का बेरोजगारी भत्ता या घर के मुखिया को 50 लाख रुपये की एकमुश्त रकम देने की मांग की।

9. नाबालिग बच्चों को समान अधिकार: किसानों ने नाबालिग बच्चों को भी बालिग बच्चों के बराबर अधिकार देने की मांग की।

चौधरी राकेश टिकैत ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि अधिकारियों को किसानों से वार्ता करनी चाहिए और उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जिन किसानों को अपनी पुश्तैनी जमीन छोड़कर दूसरी जगह विस्थापित किया जा रहा है, वहां उन्हें सभी बुनियादी सुविधाएं जैसे मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, स्कूल, अस्पताल और तालाब उपलब्ध कराए जाएं।

अधिकारियों से की गई वार्ता में एडीएम प्रशासन बच्चू सिंह, मंगलेश दुबे (ओएसडी), शैलेंद्र सिंह (उप जिलाधिकारी), अभय सिंह सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि मार्च के पहले सप्ताह में एक उच्चस्तरीय समिति द्वारा 14 गांवों के किसानों से वार्ता की जाएगी।

इस मौके पर पवन खटाना, पवन चौरोली, रॉबिन नागर, सुनील प्रधान, अनित कसाना, पवन नागर, सुंदर खटाना, संदीप खटाना, जीते गुज्जर, हसरत प्रधान, गुलफान नेता जी, बिरजू सहित सैकड़ों किसान मौजूद रहे।


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