नई दिल्ली (06 फरवरी 2025): वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट 2025-26 को भारत की अर्थव्यवस्था में बदलाव लाने वाला बताया जा रहा है। सरकार ने इस बार छह प्रमुख क्षेत्रों में परिवर्तनकारी सुधारों पर जोर दिया है, जिसमें खनन, वित्तीय क्षेत्र, विनियामक सुधार, कृषि, एमएसएमई और समग्र आर्थिक सुधार शामिल हैं। बजट का मुख्य उद्देश्य अर्थव्यवस्था के चार शक्तिशाली इंजनों, निवेश, निर्यात, गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा और कुशल कामगारों को गति देना है, जिससे भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में मजबूती मिले।
कराधान और निवेश पर जोर
सरकार ने कराधान नीति को अधिक संतुलित और प्रगतिशील बनाने के प्रयास किए हैं। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में संभावित बदलावों के साथ-साथ स्टार्टअप्स और एमएसएमई को टैक्स राहत देने पर भी विचार किया गया है। निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, विनिर्माण क्षेत्र और डिजिटल इंडिया को प्राथमिकता दी गई है।
विद्युत क्षेत्र और ऊर्जा आपूर्ति
ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर ध्यान केंद्रित किया है। सौर, पवन और हाइड्रोजन ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए नए प्रोत्साहन योजनाओं की घोषणा की गई है। बिजली उत्पादन और वितरण तंत्र को और अधिक सक्षम बनाने के लिए स्मार्ट ग्रिड और आधुनिक विद्युत अधोसंरचना पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
कृषि और ग्रामीण विकास
कृषि क्षेत्र में सुधार लाने के लिए सरकार ने नई तकनीकों, जैविक खेती और जल प्रबंधन को प्राथमिकता दी है। किसानों को सशक्त बनाने के लिए कृषि ऋण योजनाओं में बढ़ोतरी, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का विस्तार और नए बाजारों तक पहुंच के लिए योजनाएं बनाई गई हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास, सड़क, सिंचाई और डिजिटलीकरण को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
एमएसएमई को नई उड़ान
बजट में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को विशेष सहायता दी गई है। सस्ते ऋण, डिजिटल प्लेटफॉर्म तक पहुंच और ‘मेक इन इंडिया’ पहल को मजबूत करने के लिए नई योजनाएं पेश की गई हैं। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए व्यापारिक सुगमता सुधारों पर भी जोर दिया गया है।
बेहतरीन और सर्वसुलभ स्वास्थ्य सेवाएं
स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए आधुनिक अस्पतालों, टेलीमेडिसिन सुविधाओं और सस्ती दवाओं तक जनता की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए नई योजनाएं लागू की जाएंगी। सरकार का लक्ष्य है कि हर नागरिक को सुलभ और बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।
नवाचार और रोजगार सृजन
बजट में रोजगार सृजन और नवाचार पर विशेष ध्यान दिया गया है। स्टार्टअप्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और अन्य उभरती तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजनाएं लाई गई हैं। सरकार का उद्देश्य है कि युवाओं को कुशल बनाकर सार्थक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएं।
निर्यात और ‘मेक इन इंडिया’ को प्रोत्साहन
भारत को वैश्विक विनिर्माण हब बनाने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ और ‘प्रोडक्टिविटी लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम’ को और विस्तार दिया गया है। सरकार ने निर्यात को बढ़ाने और वैश्विक बाजारों में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता को सुधारने के लिए नई योजनाएं लागू की हैं।
समावेशी प्रगति की दिशा में कदम
बजट का लक्ष्य आर्थिक समावेशन को बढ़ावा देना है, जिससे गरीब, वंचित और पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा में लाया जा सके। नए ग्रामीण और शहरी विकास कार्यक्रमों के माध्यम से सामाजिक समृद्धि को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाएगा।
बजट 2025-26 को भारत के आर्थिक बदलाव का प्रमुख दस्तावेज माना जा रहा है। यह न केवल निवेश, रोजगार, निर्यात और कृषि क्षेत्र को गति देगा, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा और नवाचार के क्षेत्रों में भी देश को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा। सरकार का लक्ष्य 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है, और यह बजट उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।।
रंजन अभिषेक ( टेन न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली)
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