बजट 2025: करदाताओं और उपभोक्ता उद्योगों के लिए “सपनों का बजट”

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (01 फरवरी 2025) : वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट 2025 को एक “ड्रीम बजट” कहा जा रहा है, खासकर उन लोगों के लिए जो मध्यम और निम्न आय वर्ग से आते हैं। इस बार कर ढांचे में बड़े बदलाव किए गए हैं, जिससे करदाताओं को राहत मिलेगी और उनकी क्रय शक्ति (purchasing power) में वृद्धि होगी। यह बजट न केवल आम जनता की जेब में ज्यादा पैसे डालने का प्रयास करता है, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी गति देने का वादा करता है।

कर ढांचे में बड़े सुधार, करदाताओं को राहत

सरकार ने आयकर स्लैब में बदलाव किए हैं, जिससे बड़ी संख्या में करदाताओं को लाभ मिलेगा। नए स्लैब के तहत, निम्न और मध्यम आय वर्ग को अधिक कर छूट मिलेगी, जिससे उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी। यह निर्णय अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने में मदद करेगा, क्योंकि जब लोगों के पास अधिक पैसा होगा, तो वे अधिक उपभोग करेंगे।

अगम्य-ई-स्टोर के उद्यमी राहुल जैन का मानना है कि “इस बजट में करदाताओं को सीधी राहत देने के साथ-साथ उनकी खर्च करने की क्षमता भी बढ़ाई गई है। जब लोगों के पास अधिक पैसा होगा, तो वे अधिक खरीदारी करेंगे, जिससे बाजार और उद्योगों को फायदा होगा।”

उपभोक्ता उद्योगों को मिलेगा बड़ा लाभ

इस बजट का सबसे अधिक सकारात्मक प्रभाव फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG), ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और खुदरा उद्योगों पर पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि आयकर में कटौती के चलते लोगों की जेब में ज्यादा पैसा बचेगा, जिससे वे अधिक खरीदारी करेंगे। इससे बाजार में मांग बढ़ेगी, उत्पादन को गति मिलेगी और आर्थिक विकास को बल मिलेगा।

उद्यमी राहुल जैन कहते हैं, “एफएमसीजी और खुदरा उद्योगों को इस बजट से बहुत बड़ा लाभ होगा। लोगों की क्रय शक्ति बढ़ने से बाजार में मांग भी बढ़ेगी, जिससे उत्पादन और रोजगार दोनों को बढ़ावा मिलेगा।”

व्यापारियों और उद्यमियों के लिए भी राहत

बजट 2025 में सरकार ने “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” पर विशेष ध्यान दिया है। अनुपालन बोझ (Compliance Burden) को कम करने के लिए कई नियमों को सरल बनाया गया है। स्वैच्छिक अनुपालन (Voluntary Compliance) को प्रोत्साहित करने के लिए नए प्रावधान लागू किए गए हैं, जिससे व्यापारियों और उद्यमियों को आसानी होगी। छोटे और मध्यम स्तर के कारोबारियों को ऋण सुविधाओं में भी कुछ राहत दी गई है, जिससे वे अपने व्यापार को विस्तार दे सकें।

राहुल जैन कहते हैं, “व्यापारियों के लिए अनुपालन नियमों में राहत देना एक स्वागत योग्य कदम है। इससे छोटे और मध्यम स्तर के उद्यमियों को कारोबार बढ़ाने में आसानी होगी, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।”

आर्थिक विकास को मिलेगा नया आयाम

इस बजट का मुख्य उद्देश्य देश की आर्थिक वृद्धि को तेज गति देना है। करदाताओं को राहत देने के साथ-साथ सरकार ने उपभोक्ता मांग को बढ़ाने पर भी जोर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बजट व्यक्तिगत बचत, खर्च और निवेश को प्रोत्साहित करेगा, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा मिलेगी।

राहुल जैन का कहना है, “यह बजट हर वर्ग के लिए लाभदायक है। करदाताओं को राहत, उद्योगों को बढ़ावा और व्यापार को सरल बनाने जैसे कदम आर्थिक वृद्धि को गति देंगे।”

कुल मिलाकर, बजट 2025 एक संतुलित और दूरदर्शी बजट है, जो करदाताओं को राहत देने के साथ ही उद्योगों को भी बढ़ावा देगा। यह बजट न केवल आम आदमी की क्रय शक्ति को मजबूत करेगा, बल्कि देश की आर्थिक वृद्धि को भी नए आयाम तक ले जाएगा।


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