नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट: 77.77% निर्माण कार्य पूरा, अप्रैल से उड़ान सेवाओं की होगी शुरुआत

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (28 जनवरी 2025): नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर एयरपोर्ट) का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है। एयरपोर्ट का लगभग 77.77% निर्माण पूरा हो चुका है, और परियोजना पर अब तक 9,024.12 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। पहले चरण का कार्य अप्रैल 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही 17 अप्रैल से विमान सेवाओं के संचालन की योजना बनाई जा रही है। एयरपोर्ट के निर्माण कार्य की जिम्मेदारी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) को सौंपी गई है।

एयरपोर्ट निर्माण: दो चरणों में हो रहा विकास

नोएडा एयरपोर्ट का निर्माण कार्य दो चरणों में किया जा रहा है। पहले चरण में 1,334 हेक्टेयर भूमि पर रनवे, टर्मिनल बिल्डिंग, टैक्सी-वे, और अन्य आवश्यक सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है। टर्मिनल बिल्डिंग का बाहरी ढांचा लगभग तैयार है, और अंदरूनी कार्य जैसे छत और फर्श का काम प्रगति पर है। एयरपोर्ट परिसर में पेयजल आपूर्ति, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), और वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) से जुड़े कार्य भी 89% तक पूरे हो चुके हैं।

कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान

एयरपोर्ट को अन्य क्षेत्रों से जोड़ने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने 700 मीटर लंबी सड़क का निर्माण किया है, जो एक्सप्रेसवे से सीधे एयरपोर्ट परिसर तक जाएगी। इसके अतिरिक्त, आंतरिक सड़कें और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर का काम तेजी से चल रहा है। एयरपोर्ट के यात्रियों और कर्मियों की सुगमता सुनिश्चित करने के लिए टैक्सी-वे का निर्माण भी प्राथमिकता पर है।

मार्च तक पूरा होगा टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण

टर्मिनल बिल्डिंग के निर्माण कार्य पर अब विशेष फोकस किया जा रहा है। छत को ढकने का काम तेजी से चल रहा है, और मार्च 2025 तक इसे पूरी तरह से तैयार कर लिया जाएगा। यात्री सुविधाओं के लिए अत्याधुनिक एस्केलेटर और अन्य आधुनिक उपकरण लगाए जा रहे हैं। नागरिक उड्डयन विभाग के निदेशक ईशान प्रताप सिंह ने हाल ही में निर्माण कार्य का निरीक्षण किया और कार्य प्रगति पर संतोष जताया।

लाइसेंस प्रक्रिया और संचालन की तैयारियां

यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने एयरोड्रम लाइसेंस के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) में आवेदन कर दिया है। मार्च 2025 तक लाइसेंस मिलने की उम्मीद है। इसके बाद एयरपोर्ट के संचालन की तैयारियां शुरू कर दी जाएंगी। रनवे का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है, और टिकट बुकिंग सेवाओं की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

17 अप्रैल से उड़ान सेवाओं का प्रस्ताव

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 17 अप्रैल 2025 से उड़ान सेवाओं की शुरुआत की योजना है। इस तारीख को यात्रियों के लिए विशेष रूप से प्रस्तावित किया गया है, जिससे दिल्ली-एनसीआर में यह दूसरा बड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन जाएगा। एयरपोर्ट के पहले चरण पर कुल 10,056 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है, जिसमें से 90% राशि खर्च की जा चुकी है।

परिवहन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा

एयरपोर्ट के संचालन से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय परिवहन को नई गति मिलेगी। साथ ही, यह परियोजना स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगी, जिससे हजारों रोजगार सृजित होंगे। यह एयरपोर्ट दिल्ली-एनसीआर के लिए एक नई पहचान बनेगा और भारत के विमानन उद्योग को नई ऊंचाई तक ले जाने में सहायक सिद्ध होगा।

संपूर्ण परियोजना का लक्ष्य

यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने बताया कि वे तय समय सीमा के भीतर एयरपोर्ट के सभी कार्य पूरे करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अप्रैल 2025 में एयरपोर्ट के उद्घाटन के बाद, यह भारत के सबसे आधुनिक और सुविधाजनक एयरपोर्ट में से एक होगा।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट न केवल यात्री सुविधाओं के मामले में बल्कि तकनीकी और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी एक मिसाल बनने जा रहा है। यह परियोजना भारत के उड्डयन क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगी।।


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