दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन ने NCPCR और शिक्षा मंत्री से एपीजे स्कूल, पीतमपुरा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली, 23 जनवरी 2025: पेरेंट्स एसोसिएशन ने एपीजे स्कूल, पीतमपुरा के खिलाफ मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न, गलत तरीके से बंधक बनाने, अवैध फीस वृद्धि, और छात्रा को उसकी प्रैक्टिकल परीक्षा से दिल्लीवंचित करने के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) और दिल्ली की शिक्षा मंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है।
यह शिकायत श्री सुरमीत सिंह सग्गी की ओर से की गई है, जिनकी पुत्री बकक्षा 11 की छात्रा है। 21 जनवरी 2025 को छात्रा को 11 दिनों की फीस देरी के कारण उसकी कक्षा से सार्वजनिक रूप से बाहर निकाल दिया गया और 3 घंटे तक रिसेप्शन पर बंधक बनाकर रखा गया।
मुख्य बिंदु:
सार्वजनिक अपमान: छात्रा को उसकी कक्षा से सभी साथियों के सामने बाहर निकाला गया, जिससे उसे मानसिक और भावनात्मक आघात पहुँचा।
बंधक बनाना: छात्रा को सुबह 8:00 से 10:30 बजे तक रिसेप्शन पर बैठने के लिए मजबूर किया गया।
शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन: फीस की मामूली देरी के कारण छात्रा को उसकी प्रैक्टिकल परीक्षा में शामिल होने से वंचित कर दिया गया।
अवैध शुल्क वृद्धि: स्कूल ने शिक्षा विभाग की स्वीकृति के बिना फीस में वृद्धि की है और माता-पिता को अवैध शुल्क चुकाने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन ने अपनी शिकायत में यह भी उल्लेख किया है कि यह घटना न केवल छात्रा के अधिकारों का उल्लंघन है बल्कि मानसिक उत्पीड़न और भावनात्मक आघात का भी मामला है।
दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन की अपील:
NCPCR से अनुरोध: एपीजे स्कूल, पीतमपुरा के इस व्यवहार की गहन जाँच की जाए और बाल अधिकारों के उल्लंघन के लिए सख्त कार्रवाई की जाए।
शिक्षा मंत्री से अनुरोध:फीस वृद्धि की गहन जाँच की जाए और शिक्षा विभाग के नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए।स्कूलों को जवाबदेह ठहराया जाए और छात्रों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए जाएँ।छात्रा की छूटी हुई प्रैक्टिकल परीक्षा तुरंत पुनः आयोजित की जाए।
दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने कहा:“यह घटना यह दिखाती है कि कुछ स्कूल किस प्रकार छात्रों और अभिभावकों के अधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं। शिक्षा विभाग और NCPCR को ऐसे मामलों में तुरंत और सख्त कदम उठाने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।”
अपील: दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन ने इस मामले को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और दिल्ली सरकार से त्वरित और ठोस कार्रवाई की माँग की है ताकि छात्रों और उनके परिवारों को न्याय दिलाया जा सके।
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