Jewar International Airport पर रोजगार वादे अधूरे : जमीन देने वाले सैकड़ों युवा क्यों कर रहे विरोध

टेन न्यूज नेटवर्क

Noida International Airport News (07/12/2025): नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर (Noida International Airport, Jewar) अब पूरे यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) क्षेत्र के लिए रोजगार, निवेश और आर्थिक विकास का एक बड़ा केंद्र बनता जा रहा है। एयरपोर्ट के निर्माण के साथ ही आसपास के गांवों, खास तौर पर जिनकी भूमि परियोजना में अधिग्रहित की गई है, उनके युवाओं को रोजगार दिलाने को लेकर लंबे समय से चर्चा और उम्मीदें बनी हुई हैं। इसी उम्मीद और असंतोष के बीच 2 दिसंबर को करीब 350 ग्रामीण युवा इंटरव्यू प्रक्रिया में शामिल होने पहुंचे, जहां उन्होंने रोजगार से जुड़ी अपनी मांगों को लेकर प्रशासन से खुलकर संवाद किया।

टेन न्यूज़ नेटवर्क की टीम ने मौके पर मौजूद ग्रामीण युवाओं से विस्तृत बातचीत की और उनकी चिंताओं, समस्याओं और शिकायतों को सामने लाया।

हमने पैसे नहीं लिए, नौकरी के भरोसे पर अपनी ज़मीन दी थी: नीरज शर्मा, निवास, बनवारीपुर

बनवारीपुर निवासी नीरज शर्मा ने बताया कि उनकी चार संताने हैं और जमीन अधिग्रहण के समय प्रशासन ने दो विकल्प दिए थे, पांच लाख रुपये का मुआवजा या परिवार के एक सदस्य को नौकरी। नीरज शर्मा ने कहा, हमने नौकरी के भरोसे पर पैसे लेने से मना कर दिया था। हमारी जमीन 2018 में ले ली गई थी। हमने समय–समय पर आवेदन भी दिया लेकिन हर बार कहा गया कि पोर्टल बनाया जा रहा है, उस पर प्रोफाइल डालिए। जमीन यमुना प्राधिकरण ने ली है, लेकिन नौकरी NIA या YIAPL नहीं दे रहे। सिर्फ छोटी–मोटी कंपनियों के जरिए नौकरी का प्रस्ताव मिलता है, वो भी 5 साल से ज्यादा वाले किसी टेंडर के बिना। इसका मतलब हमारी नौकरी भी सिर्फ 5 साल की होगी। हमने एसडीएम साहब से लिखित पुष्टि मांगी और उन्होंने कहा कि 15 दिन में पोर्टल पर जानकारी डाल दी जाएगी। फिलहाल हर बार सिर्फ 10–10 युवाओं को बुलाया जा रहा है।

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थर्ड पार्टी की नौकरी नहीं चाहिए, NIA/YIAPL के रोल पर रोजगार चाहिए: देवेंद्र शर्मा, रनेरा गांव

रनेरा के देवेंद्र शर्मा ने 2 दिसंबर को एयरपोर्ट परिसर में आयोजित इंटरव्यू प्रक्रिया का विरोध करने की बात कही। उन्होंने कहा, 2 दिसंबर को जब हम इंटरव्यू देने पहुंचे तो सभी कंपनियां तीसरी पार्टी की थीं। हमने इसका विरोध किया और एसडीएम साहब के सामने तीन मांगें रखीं। पहली, नौकरी सीधे NIA/YIAPL के पे–रोल पर हो। दूसरी, योग्यता के अनुसार इंटरव्यू NIA/YIAPL खुद लें। तीसरी, हमारी सैलरी, एचआर और अनुबंध एयरपोर्ट अथॉरिटी के तहत हो। हम थर्ड पार्टी को नहीं जानते, न ही कोई नौकरी सुरक्षा है।

हमने एयरपोर्ट के लिए जमीन दी थी, थर्ड पार्टी की नौकरी के लिए नहीं: अजय कुमार, नगला गणेशी

अजय कुमार ने बताया कि उन्हें वादा किया गया था कि नौकरी स्थाई रूप से 60 वर्ष तक मिलेगी, पर वास्तविकता अलग थी। उन्होंने कहा, सरकार ने जमीन ली और कहा कि या तो पांच लाख ले लो या नौकरी लो। 11 सितंबर 2025 को हमें नौकरी देने के नाम पर बुलाया गया लेकिन तब भी नौकरी थर्ड पार्टी की थी, इसलिए हमने स्वीकार नहीं किया। 2 दिसंबर को फिर बुलाया गया, एसडीएम साहब भी थे, लेकिन इस बार भी थर्ड पार्टी की नौकरी थी। हमें साफ–साफ स्थाई नौकरी का वादा किया गया था। हमने जमीन NIA को दी है, किसी प्राइवेट कंपनी को नहीं।

सात साल में न प्रशिक्षण मिला, न संवाद- अब कह रहे हैं बच्चे योग्य नहीं : रवि प्रकाश, जयंतीपुर

जयंतीपुर निवासी रवि प्रकाश ने प्रशासन पर “फर्जी वादे” करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, बच्चों को नौकरी देने का जो वादा था, वह जूठा निकला। फिर से हमें थर्ड पार्टी की नौकरी दी जा रही थी। कोई लिखित आश्वासन प्रशासन ने नहीं दिया। हम लगातार विधायक धीरेंद्र सिंह से मिल रहे हैं और अब सिर्फ उसी उम्मीद पर टिके हुए हैं।

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7 साल में प्रशिक्षण तक नहीं दिया, अब योग्यता पर सवाल उठा रहे हैं: सौरभ कुमार शर्मा, स्थानीय

ग्रामीण युवा सौरभ शर्मा ने सबसे विस्तृत आरोप लगाए। उन्होंने कहा, जब एयरपोर्ट प्रस्ताव आया, जमीन ली गई और वादा किया गया कि प्रभावित परिवारों को रोजगार मिलेगा यह हमारा कानूनी अधिकार भी है ड्राफ्ट लैंड एक्विज़िशन एक्ट के तहत।
लेकिन 7 साल में न प्रशिक्षण दिया, न किसी तरह का संवाद किया। अब कहा जा रहा है कि ‘बच्चे योग्य नहीं’ तो प्रशासन बताए: सात साल में बच्चों को योग्य बनाने के लिए क्या किया? 11 सितंबर को जो नौकरी प्रस्तावित थी, उसमें 6 महीने के अंदर निकाल देने का प्रावधान था, बिना किसी सुरक्षा के। 2 दिसंबर को साफ–साफ लिखकर दिया गया कि इंटरव्यू ‘प्राइवेट जॉब’ के लिए है और प्रशासन की कोई भूमिका नहीं है। हम अगर ऐसी नौकरी ले भी लें और 6 महीने बाद निकाल दिया जाए तो न नौकरी मिलेगी, न पांच लाख मुआवजा। हमने पैसे नौकरी के बदले छोड़े थे, लेकिन बदले में नौकरी की गारंटी नहीं दी जा रही। हमें सिर्फ जॉब गारंटी (Job Guarantee) चाहिए बस एक यही मांग है सरकार से।

टेन न्यूज़ नेटवर्क ने इस संदर्भ में यमुना प्राधिकरण से बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी। जैसे ही उनकी प्रतिक्रिया प्राप्त होगी, खबर को अपडेट किया जाएगा।

युवाओं की मुख्य मांगें हैं:

नौकरी सीधे NIA/YIAPL के पे–रोल पर हो

लिखित जॉब गारंटी मिले

प्रशिक्षण व क्षमता–विकास की व्यवस्था की जाए

थर्ड पार्टी की नौकरी नहीं दी जाए

जो वादे जमीन अधिग्रहण के दौरान किए गए, उन्हें पूरा किया जाए

जेवर एयरपोर्ट से जुड़े रोजगार को लेकर स्थानीय युवाओं की नाराज़गी अब साफ़ तौर पर सामने आ गई है। उनका कहना है कि वे किसी समझौते के बजाय उसी नौकरी की मांग कर रहे हैं, जिसका आश्वासन जमीन अधिग्रहण के समय दिया गया था। फिलहाल गेंद प्रशासन और संबंधित एजेंसियों के पाले में है—युवाओं को अब एक स्पष्ट और ठोस निर्णय का इंतज़ार है।


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