दिल्ली के भूजल में बढ़ा ज़हर का खतरा, कई इलाकों में यूरेनियम और लेड मानक सीमा से अधिक

टेन न्यूज़ नेटवर्क

New Delhi News (02 December 2025)): राजधानी दिल्ली में पीने योग्य पानी को लेकर बड़ा खतरा सामने आया है। केंद्रीय भूमिजल बोर्ड (CGWB) की नई रिपोर्ट बताती है कि शहर के कई इलाकों के भूजल में यूरेनियम, लेड, फ्लोराइड, नाइट्रेट और अत्यधिक नमक जैसे ख़तरनाक तत्व सुरक्षित सीमा से ज़्यादा पाए गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार यह स्थिति सिर्फ एक तकनीकी चेतावनी नहीं है, बल्कि लोगों की सेहत पर सीधा असर डालने वाला बड़ा संकट है। रिपोर्ट में सामने आया है कि दिल्ली के लगभग 13 से 15 प्रतिशत ट्यूबवेल और कुओं का पानी अब पीने योग्य मानकों से बाहर हो चुका है। यह स्थिति राजधानी की जल सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

बढ़ते यूरेनियम स्तर ने बढ़ाई चिंता

रिपोर्ट में सबसे चिंताजनक बात यह है कि कई नमूनों में यूरेनियम की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा तय मानकों से कई गुना अधिक पाई गई है। यूरेनियम धीरे-धीरे शरीर में जमा होकर किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचाने वाला तत्व है, जिसकी पहचान पानी के स्वाद या रंग से नहीं होती। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि लंबे समय तक ऐसी जल गुणवत्ता वाली जगहों पर रहने वाले लोग बिना जाने गंभीर बीमारियों के जोखिम में आ जाते हैं। राजधानी के बाहरी और अर्ध-ग्रामीण इलाकों में यह समस्या अधिक पाई गई है।

नाइट्रेट, लेड और फ्लोराइड ने बढ़ाया स्वास्थ्य जोखिम

भूजल में नाइट्रेट की बढ़ोतरी septic पानी, कचरा और खाद के मिट्टी में घुलने की वजह से हो रही है। अधिक नाइट्रेट वाले पानी से बच्चों में ‘ब्लू बेबी सिंड्रोम’ जैसी जानलेवा समस्याएं पैदा हो सकती हैं। वहीं लेड यानी सीसा बच्चों के दिमागी विकास को प्रभावित करता है और गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद खतरनाक होता है। फ्लोराइड की अधिकता दांत और हड्डियों की मजबूती को प्रभावित कर लंबे समय में skeletal fluorosis जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है। रिपोर्ट बताती है कि कई इलाकों का पानी इन सभी कारणों से पीने योग्य नहीं बचा है।

पानी में बढ़ता नमक और स्थानीय कारण

अत्यधिक नमक यानी TDS का स्तर भी कई इलाकों में खतरनाक स्तर तक पहुँच चुका है, जिससे पानी न सिर्फ बेस्वाद होता है बल्कि किडनी और पाचन तंत्र पर भी भारी दबाव डालता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि दिल्ली में बेतहाशा भूजल दोहन, तेज़ी से हो रहा शहरीकरण, सीवेज रिसाव और औद्योगिक अपशिष्ट इस संकट के प्रमुख कारण हैं। लगातार घटते जलस्तर के कारण गहरे स्तर से ऐसा पानी पंप हो रहा है जिसमें खनिज और धातुएँ अधिक मात्रा में पाई जाती हैं।

सरकार और विशेषज्ञों की चेतावनी

केंद्र और राज्य एजेंसियों ने लोगों को भूमिगत पानी का सीधा उपयोग न करने और फ़िल्टरिंग के वैज्ञानिक तरीकों को अपनाने की सलाह दी है। CGWB ने उन इलाकों में तत्काल जल सुरक्षा योजना बनाने की सिफारिश की है जहां यूरेनियम, लेड या फ्लोराइड के स्तर बेहद अधिक पाए गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली को आने वाले वर्षों में भरोसेमंद जल स्रोत चाहिए, नहीं तो यह स्थिति बड़े स्वास्थ्य संकट का रूप ले सकती है। फिलहाल सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह प्रभावित इलाकों में वैकल्पिक पेयजल उपलब्ध कराने और भूजल संरक्षण पर तत्काल कदम उठाए।।


प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन भारत सरकार , दिल्ली सरकार, राष्ट्रीय एवं दिल्ली राजनीति ,   दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस तथा दिल्ली नगर निगम, NDMC, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : राष्ट्रीय न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।

टेन न्यूज हिंदी | Ten News English | New Delhi News | Greater Noida News | NOIDA News | Yamuna Expressway News | Jewar News | NOIDA Airport News.


Discover more from टेन न्यूज हिंदी

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

टिप्पणियाँ बंद हैं।