शिक्षा–उद्योग साझेदारी को नई दिशा: इनोवेटिव ग्रुप ऑफ कॉलेजेस में राष्ट्रीय सम्मेलन का सफल आयोजन

इनोवेटिव ग्रुप ऑफ कॉलेजेस द्वारा आज “शिक्षा और फार्मास्यूटिकल उद्योग के बीच सेतु निर्माण और सहयोग को बढ़ावा देना” विषय पर आधारित राष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य एवं सफल आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य शिक्षा जगत और दवा उद्योग के बीच सहयोग को मजबूत करना, अनुसंधान एवं नवाचार को प्रोत्साहित करना तथा विद्यार्थियों के कौशल विकास के लिए एक प्रभावी मंच उपलब्ध कराना था।

कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्वलन से हुई, जिसका शुभारंभ संस्थान के अध्यक्ष डॉ. के.आर. शर्मा ने किया। इस अवसर पर अकादमिक निदेशक डॉ. त्रितिष्का शर्मा, प्रबंध निदेशक उषा शर्मा, सीईओ देवशिश, तथा एडमिशन डायरेक्टर डॉ. एस.एन. मिश्रा की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को और अधिक बढ़ाया।

उद्घाटन सत्र में शोभित विश्वविद्यालय, सहारनपुर के कुलपति डॉ. रणजीत सिंह का हार्दिक स्वागत किया गया। इसके पश्चात एमिल फ़ार्मास्यूटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली के उपाध्यक्ष डॉ. अनिल शर्मा और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, हरियाणा के प्रोफेसर डॉ. अनुराग खटकड़ का स्वागत किया गया।

इनोवेटिव कॉलेज ऑफ़ फ़ार्मेसी के प्राचार्य डॉ. अमरजीत सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि अध्यापन और उद्योग के बीच की खाई को पाटना अत्यंत आवश्यक है, और इस प्रकार के राष्ट्रीय सम्मेलन इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

मुख्य वक्ताओं ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि अकादमिक संस्थानों और फार्मास्यूटिकल उद्योग के बीच सहयोग से न केवल शोध की गुणवत्ता बढ़ती है, बल्कि नवाचार, कौशल विकास और उद्योग-उन्मुख शिक्षा को भी नई दिशा मिलती है। उन्होंने उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम विकास, संयुक्त शोध परियोजनाओं, एवं तकनीकी सहयोग की अत्यंत आवश्यकता पर विशेष बल दिया।

सम्मेलन के दौरान संस्थान की स्मारिका का विमोचन भी किया गया, जिसमें शोध लेख, विषयगत विचार तथा संस्थान की उपलब्धियाँ शामिल थीं। यह स्मारिका शिक्षा एवं उद्योग के बीच सेतु निर्माण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का सार प्रस्तुत करती है।

दोपहर के सत्र में पोस्टर प्रस्तुति और मौखिक प्रस्तुति का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागी छात्रों और शोधार्थियों ने अपने नवाचारी विचार, शोध निष्कर्ष और वैज्ञानिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किए। इन प्रस्तुतियों ने यह स्पष्ट किया कि युवा शोधकर्ता उद्योग और अकादमिक जगत के बीच सहयोग को नई गति देने में सक्षम हैं।

समापन समारोह में मुख्य अतिथि द्वारा उत्कृष्ट प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किए गए। कार्यक्रम के अंत में सौरभ सरस्वत ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और सम्मेलन को सफलतापूर्वक संपन्न घोषित किया।

यह राष्ट्रीय सम्मेलन शिक्षा और उद्योग के बीच सहयोग को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ, जिसने प्रतिभागियों को प्रेरित किया तथा भविष्य के लिए नए शोध एवं नवाचार के मार्ग प्रशस्त किए।


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