दिल्ली में हवा की निगरानी होगी मजबूत: 6 नए हाई- टेक एयर क्वालिटी स्टेशन लगाने का प्लान
टेन न्यूज नेटवर्क
New Delhi News (27 नवंबर, 2025): दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता (Air Quality) की निगरानी क्षमता को और सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए 6 नए कंटीन्यूअस एंबिएंट एयर क्वॉलिटी मॉनिटरिंग स्टेशन (CAAQMS) स्थापित करने की प्रक्रिया तेज़ कर दी है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि सभी स्टेशन 15 जनवरी तक शुरू कर दिए जाएँगे, जिसके बाद शहर को 24×7 वास्तविक और सटीक प्रदूषण आंकड़े उपलब्ध हो सकेंगे।
परियोजना का क्रियान्वयन दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के माध्यम से किया जा रहा है, जिसमें स्टेशन की सप्लाई, इंस्टॉलेशन, कमिशनिंग और आगामी 10 वर्ष तक संचालन—सभी जिम्मेदारियाँ चयनित तकनीकी पार्टनर को सौंपी गई हैं। मंत्री सिरसा ने कहा कि नए स्टेशन दिल्ली की वैज्ञानिक मॉनिटरिंग क्षमता को कई गुना बढ़ाएँगे और प्रदूषण के स्रोतों (Pollution Sources) को पहचानने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU), ISRO अर्थ स्टेशन मलचा महल, दिल्ली कैंट, कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (West Campus)—इन छह प्रमुख स्थानों पर अत्याधुनिक मॉनिटरिंग यूनिट लगाए जा रहे हैं। ये इलाके दक्षिण, मध्य और दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के महत्वपूर्ण आवासीय और शैक्षणिक क्षेत्रों को कवर करेंगे, जिससे हवा की पारिस्थितिकी (Air Ecosystem) का अध्ययन और व्यापक होगा।
प्रत्येक स्टेशन PM2.5, PM10, SO₂, NOₓ, CO, O₃, NH₃ और BTEX जैसे प्रमुख प्रदूषकों को निरंतर रिकॉर्ड करेगा। साथ ही हवा की गति-दिशा, तापमान, नमी, वर्षा और सोलर रेडिएशन जैसी मौसम संबंधी जानकारी भी संग्रहित की जाएगी, जिससे प्रदूषण के फैलाव को वैज्ञानिक तरीके से समझा जा सके। डेटा निर्धारित मानकों के अनुरूप जाँचा जाएगा और दैनिक व मासिक रिपोर्टों में उपयोग किया जाएगा।
रीयल टाइम डेटा DPCC और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) से इंटीग्रेट रहेगा, जबकि आम लोगों के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड भी लगाए जाएँगे, ताकि हर व्यक्ति अपने क्षेत्र की हवा की स्थिति तुरंत देख सके। मंत्री ने कहा कि पारदर्शिता (Transparency) और तत्काल जानकारी प्रदूषण नियंत्रण की प्राथमिक शर्तें हैं, और नई तकनीक दिल्ली को दोनों मोर्चों पर मजबूत बनाएगी।
10 साल की ऑपरेशन-एंड-मेंटेनेंस व्यवस्था के तहत स्टेशन की गुणवत्ता 90 प्रतिशत से नीचे न जाने देने के लिए सख्त मानक और पेनल्टी तय की गई है। मंत्री ने स्पष्ट कहा कि दिल्ली की प्रदूषण-नियंत्रण रणनीति पूरी तरह डेटा-आधारित (Data-Driven) होगी और हर बड़ा निर्णय वैज्ञानिक प्रमाणों पर ही आधारित रहेगा।
मंत्री सिरसा ने उम्मीद जताई कि ये 6 नए हाई-टेक स्टेशन स्वच्छ ईंधन, बेहतर परिवहन, कचरा प्रबंधन और औद्योगिक नियमन जैसी बड़ी पर्यावरणीय पहलों को और मजबूत आधार देंगे तथा दिल्ली के लिए दीर्घकालिक पर्यावरण सुरक्षा कवच तैयार करेंगे।
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