गोरखपुर को मिली हाई-टेक फॉरेंसिक लैब, अपराधियों पर होगी सख़्त कार्रवाई: सीएम योगी
टेन न्यूज नेटवर्क
Gorakhpur News (20/11/2025): उत्तर प्रदेश सरकार ने अपराधों पर त्वरित कार्रवाई और साक्ष्य-आधारित न्याय व्यवस्था को मज़बूत बनाने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला के उच्चीकृत जी+6 भवन का लोकार्पण किया। अत्याधुनिक तकनीक से लैस यह फॉरेंसिक लैब प्रदेश में आधुनिक पुलिसिंग के लिए गेम चेंजर साबित होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “नया उत्तर प्रदेश अपराध और अपराधियों को स्वीकार नहीं करता।” गोरखपुर में लोकार्पित की गई यह अत्याधुनिक फॉरेंसिक लैब अब डीएनए, बैलिस्टिक, साइबर, और विभिन्न वैज्ञानिक जांचों को समयबद्ध तरीके से पूरा कर सकेगी, जिससे अपराधियों को जल्द सजा दिलाना संभव होगा।
प्रदेश में वर्तमान में 18 कमिश्नरी हैं और हर कमिश्नरी में एक फॉरेंसिक लैब स्थापित की जा रही है। छह अन्य लैब भी निर्माणाधीन हैं। इन सभी के शुरू होने के बाद प्रदेश के पास कुल 18 अत्याधुनिक फॉरेंसिक लैब होंगी, जिनमें हर तरह की वैज्ञानिक जांच की सुविधा उपलब्ध होगी।
सीएम योगी ने कहा कि नई व्यवस्था से अपराध होने के कुछ ही घंटों में ठोस साक्ष्य जुटाना संभव होगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में दो-दो मोबाइल फॉरेंसिक वैन उपलब्ध कराई गई हैं, जो तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर साक्ष्य सुरक्षित करेंगी।
मुख्यमंत्री के अनुसार, प्रदेश में अब कोई अपराधी बच नहीं पाएगा क्योंकि डीएनए, बैलिस्टिक और अन्य फॉरेंसिक जांचों की सुविधा तेज़ी से उपलब्ध हो रही है। दुष्कर्म, हत्या के प्रयास, आतंकी घटनाओं जैसे मामलों में भी वैज्ञानिक जांच अब विलंबित नहीं होगी।
सीएम योगी ने युवाओं के लिए रोजगार अवसरों का उल्लेख करते हुए बताया कि फॉरेंसिक सेवाओं को मज़बूत करने के लिए लखनऊ में ‘UP State Forensic Institute’ की स्थापना की गई है, जहां सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री स्तर के कोर्स शुरू किए गए हैं।
2017 से पहले प्रदेश में केवल 4 FSL लैब थीं। पिछले आठ वर्षों में इनकी संख्या बढ़ाकर 12 कर दी गई है। केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए कानून — भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य संहिता 2023 — के बाद 7 वर्ष से अधिक सजा वाले सभी अपराधों में फॉरेंसिक साक्ष्य अनिवार्य हो गए हैं, जिसके लिए राज्य सरकार पहले से तैयारी कर चुकी है।
सीएम ने प्रदेश में पुलिस बल के विस्तार का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश पुलिस में 2,19,000 से अधिक भर्तियां की गई हैं। हाल ही में 60,244 नए पुलिसकर्मियों की भर्ती की गई है और उनकी ट्रेनिंग प्रदेश में ही विकसित नई क्षमता के अनुसार सुचारू रूप से चल रही है।
2017 में जहां केवल 6,000 पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग क्षमता थी, वहीं अब यह क्षमता बढ़ाकर 60,244 कर दी गई है। विभिन्न जिलों में पुलिस बैरक और प्रशिक्षण अवसंरचना को भी आधुनिक रूप दिया गया है।
समापन में मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक तकनीक, मजबूत फॉरेंसिक सिस्टम और बड़े पैमाने पर पुलिस भर्ती ने प्रदेश में कानून व्यवस्था को एक नया स्वरूप दिया है, जिससे हर पीड़ित को समय पर न्याय सुनिश्चित किया जा सकेगा।
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