EPCH ने यूएई में “इंडियन हैंडीक्राफ्ट्स- मैजिक ऑफ गिफ्टेड हैंड्स” का प्रदर्शन किया

नई दिल्ली – 11 नवम्बर 2025 – संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दुबई में 11 से 13 नवंबर तक गिफ्ट्स एंड लाइफस्टाइल मिडिल ईस्ट, का आयोजन दुबई वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में किया गया। इसमें ईपीसीएच की थीमैटिक प्रदर्शनी “इंडियन हैंडीक्राफ्ट्स- मैजिक ऑफ गिफ्टेड हैंड्स” भी प्रस्तुत की गई।

ईपीसीएच इंडिया पैवेलियन का उद्घाटन यूएई के दुबई में भारत के महावाणिज्य दूत सतीश कुमार सिवन द्वारा किया गया। इस अवसर पर हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) के अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना; ईपीसीएच के मुख्य संयोजक अवधेश अग्रवाल; ईपीसीएच के वरिष्ठ अधिकारी, सदस्य प्रदर्शकगण एवं टेरेसा हेइटर, पोर्टफोलियो निदेशक, उपहार एवं जीवनशैली; मोहम्मद अलमनसूरी, सरकारी संबंध निदेशक, मेसे फ्रैंकफर्ट मध्य पूर्व की गरिमामयी उपस्थिति भी रही, हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) के कार्यकारी निदेशक आर के वर्मा ने जानकारी दी।

यूएई के दुबई में भारत के महावाणिज्य दूत सतीश कुमार सिवन ने उद्घाटन के अवसर पर परिषद द्वारा भारतीय हस्तशिल्प को वैश्विक बाजारों तक पहुँचाने और देश से हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने के निरंतर प्रयासों की सराहना की। उन्होंने सदस्य प्रतिभागियों से संवाद भी किया और भविष्य में व्यापारिक प्रचार-प्रसार हेतु हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

ईपीसीएच के अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने इस अवसर पर कहा, “वर्षों में भारत–यूएई संबंधों के गहरे होने के साथ-साथ यूएई के साथ हमारा हस्तशिल्प व्यापार निरंतर बढ़ा है, जो सक्षम नीतियों, कुशल लॉजिस्टिक्स, मजबूत खरीदार–विक्रेता संबंधों और सीईपीए समझौते के कारण कई अन्य बाजारों से आगे निकल गया है। गिफ्ट्स एंड लाइफस्टाइल मिडिल ईस्ट 2025 में हमारी उपस्थिति एक रणनीतिक दृष्टिकोण को दर्शाती है, क्योंकि यह शो क्षेत्र का प्रमुख बी2बी मंच है, जो रचनात्मकता, नवाचार और उत्कृष्टता का अंतरराष्ट्रीय द्वार है।” अपनी बात को विस्तार देते हुए उन्होंने कहा “भारतीय निर्यातकों के लिए यह वास्तुकारों, डिज़ाइनरों, खुदरा विक्रेताओं और प्रोजेक्ट डेवलपर्स से जुड़ने तथा विरासत, नवाचार और संस्टेनेबिलिटी से युक्त संग्रह प्रस्तुत करने का आदर्श मंच है।”

ईपीसीएच के मुख्य संयोजक अवधेश अग्रवाल ने साझा किया कि “गिफ्ट्स एंड लाइफस्टाइल मिडिल ईस्ट 2025 में ईपीसीएच इंडिया पैवेलियन न केवल हमारे देश की रचनात्मक क्षमता को दर्शाता है, बल्कि डिज़ाइन उत्कृष्टता और गुणवत्ता शिल्पकला को बनाए रखने में हमारे निर्यातकों के सामूहिक प्रयास को भी रेखांकित करता है।” उन्होंने यह भी कहा कि “प्रत्येक प्रतिभागी विशिष्ट उत्पाद श्रृंखलाएं प्रस्तुत करता है जो क्षेत्रीय कलात्मकता और नवाचार को दर्शाती हैं, जिससे भारत अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के बीच एक सशक्त छाप छोड़ता है।”

ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर.के.वर्मा ने जानकारी दी ,”इस संस्करण में ईपीसीएच इंडिया पैवेलियन के अंतर्गत ईपीसीएच के 10 सदस्य निर्यातक भाग ले रहे हैं, जो होम टेक्सटाइल्स एवं फर्निशिंग्स, वॉल डेकोर, संगमरमर से बने उत्पाद, बैग्स और लेदर एक्सेसरीज़ आदि प्रदर्शित कर रहे हैं। उन्होनें यह भी बताया कि “इस आयोजन के दौरान परिषद ‘इंडिया – ए प्रॉफिटेबल सोर्सिंग डेस्टिनेशन फॉर हैंडीक्राफ्ट’ विषयक एक इंटरएक्टिव सत्र का भी आयोजन करेगी। इस सत्र का उद्देश्य वैश्विक खरीदारों, सोर्सिंग पेशेवरों और भारतीय हस्तशिल्प निर्यातकों को एक मंच पर लाकर अवसरों की उपलब्धता तलाशना, बाज़ार ट्रेंड्स पर चर्चा और वैश्विक हस्तशिल्प वैल्यू चेन में भारत की विश्वसनीय भागीदार की भूमिका को उजागर करना होगा।”

हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) दुनिया भर के विभिन्न देशों में भारतीय हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विदेशों में भारत की छवि और होम, लाइफस्टाइल, टेक्स्टाइल, फर्नीचर और फैशन जूलरी ऐंड एक्सेसरीज प्रॉडक्ट के उत्पादन में लगे क्राफ्ट क्लस्टर के लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के प्रतिभाशाली हाथों के जादू की ब्रांड इमेज बनाने के लिए जिम्मेदार एक नोडल संस्थान है। इस अवसर पर ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर के वर्मा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान हस्तशिल्प का कुल निर्यात 33,123 करोड़ रुपये (3,918 मिलियन डॉलर) रहा। वहीं यूएई को वित्तीय वर्ष 2024-45 के दौरान में होने हस्तशिल्प का कुल निर्यात 2544.92 करोड़ (300.90 मिलियन डॉलर) रुपए रहा। इस अवधि में रुपए के हिसाब से 24 प्रतिशत वृद्धि और डॉलर के हिसाब से 18 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गयी।


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