सनातन दर्शन के 6 स्तंभ: भारतीय ज्ञान परंपरा का अद्वितीय योगदान | टेन न्यूज की विशेष रिपोर्ट

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (07 जनवरी 2025): भारत की प्राचीन सनातन परंपरा ने दुनिया को छह प्रमुख दर्शन शास्त्रों का वरदान दिया है। ये शास्त्र न केवल ज्ञान और विवेक के स्रोत हैं, बल्कि मानव जीवन को समग्रता से समझने में मददगार भी हैं।

1. न्याय शास्त्र

रचयिता: महर्षि गौतम
यह शास्त्र तर्क और न्याय की महत्ता को रेखांकित करता है।

2. योग शास्त्र

रचयिता: महर्षि पतंजलि
योग और ध्यान के माध्यम से मानसिक और शारीरिक संतुलन पर आधारित है।

3. सांख्य शास्त्र

रचयिता: महर्षि कपिल
यह सृष्टि और उसके तत्वों की व्याख्या करता है।

4. वैशेषिक शास्त्र

रचयिता: महर्षि कणाद
भौतिक और प्राकृतिक विज्ञान का आधार प्रस्तुत करता है।

5. वेदांत शास्त्र

रचयिता: महर्षि वेदव्यास
यह शास्त्र आत्मा और परमात्मा के अद्वैत संबंध पर प्रकाश डालता है।

6. मीमांसा शास्त्र

रचयिता: महर्षि जैमिनी
कर्मकांड और वेदों की व्याख्या में सहायक है।

भारत की गौरवशाली परंपरा

इन दर्शन शास्त्रों ने भारतीय ज्ञान परंपरा को विश्व स्तर पर अद्वितीय पहचान दी है। ये केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि मानव जीवन के हर पहलू को समझाने वाले विज्ञान और दर्शन के अनुपम उदाहरण हैं।

सनातन दर्शन न केवल भारतीय संस्कृति की आत्मा है, बल्कि यह पूरी मानवता के लिए एक मार्गदर्शक भी है। आधुनिक युग में भी इन शास्त्रों की प्रासंगिकता अक्षुण्ण है।।


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