“हर मिनट कीमती है – स्ट्रोक में समय पर उपचार ही सबसे बड़ा बचाव है” : Dr. Anil Kumar | ShardaCare HealthCity
टेन न्यूज नेटवर्क
National News (29/10/2025): ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा केयर हेल्थसिटी में वर्ल्ड स्ट्रोक डे के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मीडिया से बातचीत के दौरान हेड आईसीयू न्यूरोलॉजी डॉ. अनिल कुमार ने स्ट्रोक की पहचान, कारणों और समय पर उपचार की अहमियत पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड स्ट्रोक डे का मुख्य उद्देश्य लोगों में जागरूकता फैलाना है ताकि वे स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों को पहचानकर तुरंत चिकित्सीय सहायता प्राप्त कर सकें। डॉ. कुमार ने कहा कि स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी है और इसके उपचार में हर मिनट बेहद कीमती होता है।
डॉ. कुमार ने बताया कि आज के दौर में स्ट्रोक के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसका सबसे बड़ा कारण आधुनिक जीवनशैली और असंतुलित दिनचर्या है। उन्होंने कहा कि अत्यधिक तनाव, धूम्रपान, शराब का सेवन, खराब खानपान, नींद की कमी और एक्सरसाइज न करना ऐसे प्रमुख कारण हैं जो स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन जोखिम कारकों को समय रहते नियंत्रित करना ही सबसे बेहतर रोकथाम का तरीका है।
स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों को समझना और पहचानना बेहद आवश्यक है। इसके लिए डॉ. कुमार ने “BE FAST” फॉर्मूला अपनाने की सलाह दी —
B (Balance): अचानक संतुलन बिगड़ना या चक्कर आना।
E (Eyes): एक या दोनों आंखों से देखने में परेशानी।
F (Face): चेहरे का एक हिस्सा झुक जाना या मुंह का टेढ़ा होना।
A (Arms): एक हाथ या पैर में कमजोरी या सुन्नपन।
S (Speech): बोलने में अटकना या अस्पष्ट भाषा।
T (Time): इन लक्षणों के दिखते ही तुरंत अस्पताल पहुंचना, क्योंकि समय ही जीवन है।
डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि अगर मरीज विंडो पीरियड यानी लगभग 4.5 घंटे के भीतर अस्पताल पहुंच जाए, तो थ्रॉम्बोलाइटिक थेरेपी के ज़रिए स्ट्रोक का उपचार सफलतापूर्वक किया जा सकता है। लेकिन अधिकतर मरीज देरी से अस्पताल पहुंचते हैं, जिससे उनके ठीक होने की संभावना कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि स्ट्रोक के उपचार में सही समय पर सही फैसिलिटी का चयन बेहद जरूरी है।
यह भी बताया कि मरीज को ऐसे अस्पताल में ले जाना चाहिए जहां न्यूरोलॉजिस्ट, सीटी स्कैन, न्यूरोलॉजिकल केयर और आईसीयू सुविधाएं उपलब्ध हों। शारदा केयर हेल्थसिटी में इन सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ अनुभवी चिकित्सकों की टीम मौजूद है, जो स्ट्रोक मरीजों को बेहतर देखभाल और तेज़ रिकवरी प्रदान करती है।
डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि स्ट्रोक के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है जागरूकता और त्वरित चिकित्सा। उन्होंने कहा, “हर साल वर्ल्ड स्ट्रोक डे हमें यह याद दिलाता है कि ‘Every Minute Counts’, और यही संदेश हमें अपने आसपास के लोगों तक पहुंचाना चाहिए ताकि कोई भी जीवन सिर्फ देरी के कारण न खोए।”
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