ग्रेटर कैलाश विधानसभा के सियासी हालात: सेव आवर सिटी के संयोजक राजीव काकरिया ने क्या कहा?
टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (5 जनवरी 2025): दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर टेन न्यूज नेटवर्क की टीम समाज में प्रभावशाली और जागरूक व्यक्तियों से बातचीत कर रही है और प्रबुद्ध लोगों के राजनीतिक विचार को जानने का प्रयास कर रही है। टेन न्यूज नेटवर्क विशेष साक्षात्कार (Ten News Special Interview) के माध्यम से ऐसे महानुभावों से बात कर रही है जो जनता की समस्याओं और उनके समाधान को लेकर स्पष्ट दृष्टिकोण रखते हैं। इसी सिलसिले में आज हमारे साथ ग्रेटर कैलाश विधानसभा से जाने-माने समाजसेवी, सेव आवर सिटी (Save Our City) और GS SP चेतना एनजीओ के संयोजक राजीव काकरिया से बातचीत की गई। राजीव काकरिया ने न केवल समाज की वर्तमान समस्याओं पर बेबाकी से अपनी राय रखी, बल्कि दिल्ली के विकास और राजनीति में सुधार के लिए अहम सुझाव भी दिए। विकास में आ रही चुनौतियों और केंद्र व राज्य सरकारों के बीच समन्वय की कमी पर अपने विचार साझा किए। राजीव काकरिया, जो सामाजिक मुद्दों और समाधान को लेकर स्पष्ट दृष्टिकोण रखते हैं, ने दिल्ली सरकार के कार्यकाल, विकास योजनाओं और चुनावी संभावनाओं पर अपनी बेबाक राय रखी।
केजरीवाल सरकार के 10 साल: क्या बदला?
राजीव काकरिया ने अरविंद केजरीवाल सरकार के पिछले दस वर्षों के कार्यकाल पर मिश्रित विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि,”सार्वजनिक गवर्नेंस के स्तर पर कोई बड़ी मुश्किल नहीं आई है। कई क्षेत्रों में सरकार ने अच्छा काम किया है, खासकर मोहल्ला क्लीनिक, सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधारने और बिजली सब्सिडी में।”हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली जैसी राजधानी में बड़े बदलावों की संभावनाएं सीमित हैं क्योंकि पहले से ही बुनियादी ढांचे का काफी विकास हो चुका है।”सरकार ने चीज़ों को मेंटेन रखने में काम किया है, लेकिन कोई क्रांतिकारी बदलाव नहीं दिखा।”उन्होंने सरकारी स्कूलों और बिजली सब्सिडी मॉडल की सराहना की, लेकिन यह भी जोड़ा कि सब्सिडी का मौजूदा मॉडल अमीर और गरीब के बीच असमानता को पूरी तरह दूर नहीं कर पाया।
सौरभ भारद्वाज के कार्यकाल पर क्या बोले
ग्रेटर कैलाश क्षेत्र के विधायक और आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज के कार्यकाल पर उन्होंने सकारात्मक टिप्पणी की। उन्होंने कहा,”सौरभ भारद्वाज युवा और ऊर्जावान नेता हैं। उनकी एक्सेसिबिलिटी बहुत अच्छी है और उन्होंने इलाके के बुनियादी ढांचे पर ध्यान दिया है। हालांकि, दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्चर पर और काम करने की जरूरत है, क्योंकि कई जगहों पर यह चरमराया हुआ दिखता है।”
चुनावी संभावनाएं: किसकी बनेगी सरकार?
दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजीव काकरिया ने अपनी राय रखते हुए कहा,”जो पार्टी 67 और फिर 62 सीटें लेकर आई थी, वह अभी भी मजबूत स्थिति में दिख रही है। आम आदमी पार्टी का कोर वोट बैंक अभी भी उनके साथ जुड़ा हुआ है।”उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि दिल्ली के मध्यम और निम्न वर्ग के लोगों को मुफ्त बस सेवा, सस्ती बिजली और बच्चों की बेहतर शिक्षा जैसी योजनाओं ने काफी प्रभावित किया है।”जो लोग घरों में घरेलू सहायक, गार्ड, ड्राइवर और अन्य कामगारों के रूप में काम करते हैं, वे अरविंद केजरीवाल सरकार से खुश हैं। वे मानते हैं कि उनके बच्चों की शिक्षा में सुधार हुआ है।”
बीजेपी और कांग्रेस पर टिप्पणी
राजीव काकरिया ने बीजेपी को एक “प्रोफेशनल पॉलिटिकल पार्टी” बताते हुए कहा कि उनके प्रयासों में कमी नहीं होती, लेकिन दिल्ली में आम आदमी पार्टी का कोर वोट बैंक बीजेपी को आगे बढ़ने से रोकता है।
कांग्रेस के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा,”शीला दीक्षित के कार्यकाल में दिल्ली में बुनियादी ढांचे का शानदार विकास हुआ, लेकिन भ्रष्टाचार और आम जनता की आवाज़ न सुनने के कारण कांग्रेस अपनी लोकप्रियता खो बैठी।”
दिल्ली में गवर्नेंस के मॉडल पर सवाल
उन्होंने दिल्ली में गवर्नेंस सिस्टम की खामियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा,”दिल्ली में केंद्र और राज्य सरकार के बीच अधिकारों का टकराव जनता के लिए बड़ी समस्या बन गया है। मल्टीप्लिसिटी ऑफ अथॉरिटी के कारण गवर्नेंस प्रभावी नहीं हो पा रहा।”उन्होंने सुझाव दिया कि या तो दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए या केवल एक प्रणाली से इसे चलाया जाए।
राजीव काकरिया का परिचय
राजीव काकरिया, सेव आवर सिटी और GS SP चेतना एनजीओ के संयोजक, दिल्ली के सामाजिक और शहरी विकास के मुद्दों पर गहरी समझ और सक्रियता रखते हैं। उन्होंने वर्षों से आरडब्ल्यूए के माध्यम से स्थानीय मुद्दों को संबोधित करने और लोगों की आवाज़ को प्रशासन तक पहुंचाने का काम किया है। उनके विचार दिल्ली के विकास और राजनीति को समझने के लिए महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।
राजीव काकरिया के विचार न केवल दिल्ली की राजनीति की मौजूदा स्थिति का आकलन करते हैं, बल्कि विकास और गवर्नेंस को लेकर गहरी समझ भी प्रदान करते हैं। उनका मानना है कि जनता की मूलभूत जरूरतें पूरी करना और गवर्नेंस को अधिक जवाबदेह बनाना दिल्ली के विकास के लिए जरूरी है।।
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