आर्थिक उदारीकरण के दौर में बाबा कल्याणी ने भारत फोर्ज को बनाया वैश्विक शक्ति का केंद्र
टेन न्यूज नेटवर्क
National News (23/10/2025): साल 1991 के आर्थिक सुधारों के समय जब देश के अधिकांश उद्योगपति विदेशी प्रतिस्पर्धा से चिंतित थे, तब कल्याणी ग्रुप के चेयरमैन बाबा कल्याणी ने इस बदलाव को अवसर के रूप में देखा। उन्होंने अपनी कंपनी भारत फोर्ज को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए दूरदर्शी रणनीति अपनाई।
कल्याणी ने 100 करोड़ रुपये की भारी निवेश राशि अत्याधुनिक फोर्जिंग तकनीक में लगाई, जबकि उस समय कंपनी का कुल कारोबार केवल 230 करोड़ रुपये था। इस जोखिमपूर्ण निर्णय ने भारत फोर्ज को तकनीकी रूप से अग्रणी बना दिया।
इसके साथ ही उन्होंने कंपनी का पुनर्गठन किया और गैर-जरूरी व्यवसायों जैसे टेलीविजन और वीडियो उत्पादों को बंद कर, केवल ऑटोमोबाइल कंपोनेंट्स के क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया।
बाबा कल्याणी ने वैश्विक बाजार में प्रवेश के लिए विदेशी कंपनियों और ओईएम (Original Equipment Manufacturers) के साथ रणनीतिक साझेदारी की। यह साझेदारी केवल नए ग्राहकों के लिए नहीं, बल्कि संयुक्त उत्पाद विकास और नवाचार के लिए भी थी।
मानव संसाधन को प्राथमिकता देते हुए कंपनी ने उच्च शिक्षित युवाओं को नियुक्त किया। 1990 के दशक में भारत फोर्ज के लगभग एक-तिहाई कर्मचारी इंजीनियर थे, जो नई तकनीक के उपयोग में सहायक सिद्ध हुए।
इन दूरदर्शी कदमों ने भारत फोर्ज को एक घरेलू ऑटो पार्ट्स कंपनी से बदलकर एक वैश्विक तकनीकी दिग्गज में परिवर्तित कर दिया। आज यह कंपनी एयरोस्पेस, रक्षा और ऊर्जा जैसे उच्च तकनीकी क्षेत्रों में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा चुकी है।
डिस्क्लेमर: यह लेख / न्यूज आर्टिकल सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध जानकारी और प्रतिष्ठित /विश्वस्त मीडिया स्रोतों से मिली जानकारी पर आधारित है।।
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