New Delhi News (21 October 2025): नई दिल्ली में मंगलवार को राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर आयोजित पुलिस स्मृति दिवस समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीर पुलिसकर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा में पुलिसकर्मियों और अर्धसैनिक बलों की भूमिका अतुलनीय है।जिन जवानों ने राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए अपने प्राण न्योछावर किए हैं, उनकी वीरता आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करती रहेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने किया पुलिस बलों के समर्पण का सम्मान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस अवसर पर देश के पुलिसकर्मियों के साहस और समर्पण को सलाम किया। उन्होंने एक्स (X) पर लिखा कि “पुलिस स्मृति दिवस पर हम अपने पुलिसकर्मियों के सर्वोच्च बलिदान को नमन करते हैं। संकट और चुनौती की हर घड़ी में उनके अदम्य साहस और समर्पण ने भारत को सुरक्षित रखा है।” पीएम मोदी ने कहा कि पुलिस बल हमारे देश की रीढ़ हैं, जो अपने कर्तव्य को सर्वोपरि मानते हुए दिन-रात जनता की सेवा में जुटे रहते हैं।
नक्सलवाद पर निर्णायक प्रहार की घोषणा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि नक्सलवाद लंबे समय से देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती रहा है, लेकिन अब यह अपने अंतिम चरण में है। “हम इस समस्या को बढ़ने नहीं देंगे। हमारी पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या बेहद कम रह गई है। हमें पूरा विश्वास है कि मार्च 2026 तक यह समस्या पूरी तरह समाप्त हो जाएगी।”
रेड कॉरिडोर से विकास कॉरिडोर तक का सफर
रक्षा मंत्री ने बताया कि जो इलाके कभी नक्सलियों के आतंक से भयभीत रहते थे, वहां अब सड़कें, अस्पताल और स्कूल खड़े हैं। “वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इलाकों में आज विकास की गूंज सुनाई देती है। जो क्षेत्र पहले ‘रेड कॉरिडोर’ के नाम से जाने जाते थे, वे अब ‘विकास के गलियारे’ बन चुके हैं,”। राजनाथ सिंह ने यह भी जोड़ा कि इस परिवर्तन के पीछे पुलिस और सुरक्षाबलों के अथक प्रयास हैं, जिन्होंने अपने परिश्रम और बलिदान से शांति का माहौल बनाया है।
आधुनिकीकरण और तकनीकी सशक्तिकरण पर जोर
राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार पुलिस बलों के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान दे रही है। “आज हमारी पुलिस फोर्स आधुनिक तकनीक, ड्रोन, फोरेंसिक लैब, निगरानी प्रणाली और डिजिटल उपकरणों से सुसज्जित है। राज्यों को पर्याप्त संसाधन दिए जा रहे हैं ताकि पुलिस बल और अधिक सक्षम बन सके।” उन्होंने स्वीकार किया कि देश में लंबे समय तक पुलिस बलों के योगदान को उचित सम्मान नहीं दिया गया, लेकिन अब स्थितियाँ बदल रही हैं।
1959 के शहीदों की याद में मनाया जाता है स्मृति दिवस
21 अक्टूबर, 1959 को लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में चीनी सैनिकों के हमले में दस भारतीय पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। उनके बलिदान की स्मृति में हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक को राष्ट्र को समर्पित किया था। यह स्मारक ‘वीरता की दीवार’, 30 फुट ऊंची ग्रेनाइट प्रतिमा और एक संग्रहालय के रूप में पुलिस बलों की बहादुरी और सेवा भावना का प्रतीक है।
वीरों के सम्मान में सप्ताहभर कार्यक्रम
इस अवसर पर सीआरपीएफ 22 से 30 अक्टूबर तक राष्ट्रीय पुलिस स्मारक परिसर में कई स्मारक कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। इनमें वीर परिजनों का सम्मान, मोटरसाइकिल रैली, रक्तदान शिविर, बच्चों के लिए निबंध और चित्रकला प्रतियोगिताएँ शामिल हैं। इसके साथ ही देशभर के पुलिस बल अपने-अपने क्षेत्रों में इसी तरह के श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित करेंगे, ताकि शहीद जवानों के अदम्य साहस और बलिदान को याद किया जा सके।।
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