दिल्ली सरकार ने लागू किया विंटर एक्शन प्लान: 7 थीम और 25 एक्शन प्वाइंट पर काम शुरू
टेन न्यूज़ नेटवर्क
New Delhi News (17 October 2025): दिल्ली में तापमान में गिरावट के साथ ही वायु गुणवत्ता में गिरावट को देखते हुए सरकार ने 2025–26 का विंटर एक्शन प्लान लागू कर दिया है। इस प्लान को प्रदूषण के खिलाफ “टोटल वॉर” के रूप में पेश किया गया है, जो अक्टूबर से फरवरी तक चलने वाले स्मॉग सीजन को काबू में लाने के लिए तैयार किया गया है। योजना के तहत 7 प्रमुख थीम और 25 एक्शन पॉइंट्स पर काम होगा। इनमें सड़क की धूल और निर्माण प्रबंधन, वाहन उत्सर्जन, उद्योग और ऊर्जा क्षेत्र का नियंत्रण, कचरा और आगजनी रोकथाम, नागरिक भागीदारी, ग्रीन इनोवेशन और मॉनिटरिंग शामिल हैं। इस पूरी मुहिम में 30 से अधिक एजेंसियां रियल टाइम निगरानी करेंगी ताकि प्रदूषण नियंत्रण के हर बिंदु पर जवाबदेही तय हो सके।
ग्रीन वॉर रूम की मॉनिटरिंग
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में तय किया गया कि हर विभाग अपने तय लक्ष्य और समय सीमा में प्रदूषण नियंत्रण के उपाय पूरे करे। पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, एनडीएमसी, डीएसआईआईडीसी, डीपीसीसी और दिल्ली पुलिस को रोज़ाना समन्वय बनाकर रिपोर्ट देनी होगी। मंत्री सिरसा ने कहा कि “धूल नियंत्रण से लेकर उद्योगों के ईंधन तक, किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” ग्रीन वॉर रूम से सभी कार्रवाइयों की रियल टाइम ट्रैकिंग होगी और प्रदूषण स्रोतों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
ग्रीन दिल्ली एप से जुड़ें नागरिक, अब तक 96 हजार शिकायतों का निपटारा
दिल्ली सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे भी इस मुहिम में भागीदार बनें और ग्रीन दिल्ली एप के माध्यम से प्रदूषण से जुड़ी शिकायतें दर्ज करें। अब तक इस एप पर 96,000 से अधिक शिकायतें निपटाई जा चुकी हैं और प्रतिक्रिया समय को और घटाने की तैयारी है। साथ ही, मार्च 2026 तक छह नए एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन शुरू करने की योजना है। वहीं, आईआईटी कानपुर और आईएमडी के सहयोग से क्लाउड सीडिंग का पायलट प्रोजेक्ट भी तैयार है ताकि आपात स्थिति में वैज्ञानिक तरीके से प्रदूषण घटाने की संभावना पर काम किया जा सके।
सड़क धूल और निर्माण स्थलों के लिए सख्त प्रोटोकॉल, नई मशीनें तैनात
दिल्ली की सड़कों और निर्माण स्थलों से निकलने वाली धूल को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर तकनीकी कदम उठाए जा रहे हैं। इस समय 86 मैकेनिकल रोड स्वीपर, 300 स्प्रिंकलर और 362 एंटी-स्मॉग गन सक्रिय हैं, जिनमें 70 नए उपकरण और जोड़े जाएंगे। 500 वर्गमीटर से बड़े हर निर्माण स्थल का ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य किया गया है, जबकि 3,000 वर्गमीटर से बड़े और G+5 से ऊंचे प्रोजेक्ट्स पर एंटी-स्मॉग गन लगाना जरूरी होगा। सरकार ने 698 किलोमीटर सड़क किनारे पेविंग और 85 किलोमीटर मिड-वर्ज ग्रीनिंग का लक्ष्य तय किया है ताकि धूल को स्थायी रूप से कम किया जा सके।
वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर सख्ती, ईवी को बढ़ावा और पार्किंग शुल्क दोगुना
वाहन उत्सर्जन नियंत्रण के लिए 578 प्रवर्तन टीमों को तैनात किया गया है, जो सड़कों पर पीयूसी और इंजन चालू रखे जाने के उल्लंघन पर नजर रखेंगी। 953 पीयूसी केंद्रों को ट्रांसपोर्ट विभाग के लाइव डैशबोर्ड से जोड़ा गया है। गंभीर प्रदूषण की स्थिति (GRAP III/IV) में निजी वाहनों के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए पार्किंग शुल्क दोगुना किया जाएगा। साथ ही, डीएमआरसी की ई-ऑटो फ्लीट 2,299 तक पहुंच चुकी है और नए पंजीकरणों में ईवी का हिस्सा 12% से अधिक हो गया है। प्रदूषित ट्रकों की एंट्री पर सुप्रीम कोर्ट और CAQM के निर्देशों का सख्ती से पालन किया जा रहा है।
उद्योग और ऊर्जा क्षेत्र में सख्त निगरानी, गैर-अनुपालक इकाइयों पर कार्रवाई शुरू
दिल्ली के सभी उद्योग अब पीएनजी पर चल रहे हैं, जबकि डीएसआईआईडीसी और डीपीसीसी की संयुक्त टीमें अनधिकृत ईंधन इस्तेमाल करने वालों पर नज़र रख रही हैं। केवल ड्युअल-फ्यूल या उत्सर्जन-अनुपालक डीजी सेट्स के संचालन की अनुमति है, और वह भी केवल आवश्यक सेवाओं में। सरकार ने “कंसेंट मैनेजमेंट सिस्टम” को पुनः लागू किया है ताकि पुनर्विकास क्षेत्रों की इकाइयों में उत्सर्जन मानकों का पालन सुनिश्चित किया जा सके।
कचरा जलाने पर सख्त रोक, बायोमाइनिंग और वेस्ट टू एनर्जी की रफ्तार तेज़
खुले में कचरा या बायोमास जलाने से रोकने के लिए 443 टीमें 24×7 गश्त पर हैं। 2025 में किसी भी लैंडफिल साइट पर आग की घटना नहीं हुई है, क्योंकि अब वहां स्थायी वॉच टावर और हाइड्रेंट सिस्टम लगाए गए हैं। अब तक 136.27 लाख टन पुराने कचरे की बायोमाइनिंग की जा चुकी है, जबकि ओखला (जुलाई 2026), भलस्वा (दिसंबर 2026) और ग़ाज़ीपुर (दिसंबर 2027) के लिए लक्ष्य तय किया गया है। दिल्ली की मौजूदा 7,834 टीपीडी वेस्ट टू एनर्जी क्षमता में 7,000 टीपीडी नई क्षमता जुड़ने वाली है। इसके अलावा, 300 टीपीडी बायोगैस प्लांट चालू हैं और 1,050 टीपीडी अतिरिक्त क्षमता ओखला व गोयला में तैयार की जा रही है।
दिल्ली सरकार का संदेश: ‘साफ हवा हमारी साझा ज़िम्मेदारी’
विंटर एक्शन प्लान के साथ दिल्ली सरकार ने इस सर्दी प्रदूषण को नियंत्रण में रखने के लिए नागरिकों, संस्थानों और उद्योगों से सहयोग की अपील की है। सरकार का लक्ष्य है कि दिल्ली में स्मॉग की स्थिति दोहराई न जाए और आने वाले महीनों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में ठोस सुधार देखा जाए। मंत्री सिरसा ने कहा, “यह सिर्फ सरकार की नहीं, बल्कि पूरे शहर की लड़ाई है। अगर हर नागरिक अपना योगदान दे, तो दिल्ली की हवा फिर से सांस लेने लायक बन सकती है।।”
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