IG पूरण सिंह सुसाइड केस: FIR में DGP समेत कई वरिष्ठ अधिकारी नामजद

 

टेन न्यूज नेटवर्क

Haryana News (10 October 2025): हरियाणा पुलिस और प्रशासनिक तंत्र को झकझोर देने वाले आईजी पूरण कुमार सुसाइड मामले ने अब गंभीर मोड़ ले लिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चंडीगढ़ सेक्टर-11 थाने में आईजी पूरण कुमार के 8 पन्नों के सुसाइड नोट के आधार पर पहली बार राज्य के मौजूदा डीजीपी और कई पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। दर्ज एफआईआर में हरियाणा पुलिस के डीजीपी शत्रुजीत कपूर, पूर्व डीजीपी मनोज यादव, पूर्व डीजीपी के. अग्रवाल, पूर्व मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद, पूर्व एसीएस राजीव अरोड़ा, एडीजीपी संदीप खरवार, एडीजीपी अमिताभ ढिल्लों, एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर संजय कुमार, एडीजीपी माता रवि किरण, पंचकूला पुलिस आयुक्त सुभाष कविराज, अंबाला रेंज के आईजी पंकज नेरो, रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया और आईपीएस कला रामचंद्रन को नामजद किया गया है।

सुसाइड नोट ने खोले कई बड़े नाम

पुलिस के अनुसार, 8 पन्नों के सुसाइड नोट में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी और आईपीएस कुलविंदर सिंह के नाम का भी उल्लेख किया गया है। एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता की धारा 108, एससी/एसटी एक्ट और अन्य प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ है। इस मामले की जानकारी देर रात करीब 10:45 बजे मात्र दो पंक्तियों के प्रेस नोट के माध्यम से सार्वजनिक की गई। सूत्रों के अनुसार, यह पूरा मामला प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय तक पहुंच चुका था, जिसके बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी किया और सात दिन के भीतर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने सीनियर IAS से की मुलाकात

बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी स्वयं इस मामले में सक्रिय नज़र आए। वे दोपहर करीब 12:30 बजे अपने प्रधान सचिव राजेश खुल्लर और सीआईडी आईजी सौरभ सिंह के साथ सीनियर आईएएस अधिकारी अवनीत पी. कुमार के चंडीगढ़ सेक्टर-24 स्थित आवास पर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने वहां दिवंगत अधिकारी के परिवार को सांत्वना दी और लगभग एक घंटे तक अलग से चर्चा की। इस दौरान अवनीत पी. कुमार ने सीएम को दो पन्नों का ज्ञापन सौंपा, जिसमें लिखा गया था कि सुसाइड नोट और औपचारिक शिकायत के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी और हरियाणा पुलिस के उच्च अधिकारी जांच को प्रभावित कर रहे थे।

परिवार ने सुरक्षा और निष्पक्ष जांच की रखी मांग

अवनीत पी. कुमार द्वारा दिए गए ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि आरोपी अधिकारी परिवार को बदनाम करने और फंसाने की साजिश कर सकते हैं। उन्होंने मांग की कि सभी नामजद अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए गिरफ्तार किया जाए। साथ ही उन्होंने अपने परिवार को आजीवन सुरक्षा प्रदान करने की भी अपील की। सूत्रों के अनुसार, इस ज्ञापन के बाद मुख्यमंत्री ने तुरंत चंडीगढ़ पुलिस और मुख्य सचिव को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।।


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