जीएसटी से दिल्ली सरकार का भरा खजाना: 6 महीनों में कितना हुआ कलेक्शन?

टेन न्यूज़ नेटवर्क

New Delhi News (08 October 2025): दिल्ली सरकार के राजस्व को इस वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में जबरदस्त बढ़ावा मिला है। अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच सरकार को वस्तु एवं सेवा कर (GST) से 22,443.21 करोड़ रुपये की ऐतिहासिक वसूली हुई है। यह पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में लगभग 1,400 करोड़ रुपये अधिक है। खास बात यह है कि यह वृद्धि उस समय दर्ज की गई है जब केंद्र सरकार ने कई आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों में कमी की थी। इसके बावजूद दिल्ली में व्यापारिक गतिविधियों के विस्तार और उपभोग में वृद्धि से सरकार के राजस्व में निरंतर इजाफा देखा गया है।

पिछले साल से बेहतर वसूली

राजस्व विभाग के मुताबिक, पिछले साल इसी अवधि में दिल्ली सरकार को 21,061.65 करोड़ रुपये की जीएसटी वसूली हुई थी, जबकि इस वर्ष यह आंकड़ा बढ़कर 22,443.21 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इस वृद्धि के बाद सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए जीएसटी संग्रह का लक्ष्य 48,500 करोड़ रुपये तय किया है, जो पिछले वर्ष के लक्ष्य से लगभग 5,000 करोड़ रुपये अधिक है। विशेषज्ञों का मानना है कि त्योहारी सीजन में बाजार की गतिविधियां बढ़ने के कारण आगामी महीनों में यह आंकड़ा और ऊपर जा सकता है।

सितंबर में 100 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वसूली दर्ज

दिल्ली सरकार के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2025 में जीएसटी संग्रह पिछले साल की तुलना में 100 करोड़ रुपये अधिक रहा। वर्ष 2024 के सितंबर माह में जहां 3,272.55 करोड़ रुपये की वसूली हुई थी, वहीं इस बार यह बढ़कर 3,373.45 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। अधिकारियों का कहना है कि यह वृद्धि बाजार में उपभोक्ताओं के भरोसे और टैक्स अनुपालन में सुधार का संकेत है। जीएसटी दरों में कमी के बावजूद कारोबारियों द्वारा सही टैक्स भुगतान से सरकार का खजाना और भर गया है।

एसजीएसटी से राजस्व में 16.15% की वृद्धि

हालांकि जीएसटी कलेक्शन में वृद्धि हुई है, लेकिन वैट से मिलने वाला राजस्व घटा है। इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल से सितंबर के बीच वैट संग्रह पिछले साल की तुलना में 166 करोड़ रुपये कम रहा। सरकार को वैट और सीजीएसटी से कुल 3,410.57 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। वहीं, राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) से 10,067 करोड़ रुपये का राजस्व मिला, जो पिछले साल की तुलना में 16.15 प्रतिशत अधिक है। अधिकारियों के अनुसार, डिजिटल लेनदेन और पारदर्शिता बढ़ने से एसजीएसटी वसूली में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है।

डीजल बिक्री में गिरावट बनी चिंता का कारण

राजस्व घटने का मुख्य कारण पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट वसूली में कमी बताई जा रही है। सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती संख्या, पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध, तथा पड़ोसी राज्यों चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में डीजल की कम कीमतों के कारण दिल्ली में डीजल बिक्री में लगभग 8 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। पेट्रोल पंप संचालक केंद्र सरकार से दिल्ली में डीजल पर वैट घटाने की मांग कर रहे हैं, ताकि बिक्री में गिरावट को रोका जा सके।

आबकारी और वाहन पंजीकरण से भी बढ़ी आमदनी

जीएसटी के अलावा दिल्ली सरकार को आबकारी विभाग से 4,192.86 करोड़ रुपये और वाहन पंजीकरण से 7.60 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। इससे सरकार के कुल राजस्व में विविधता आई है। वित्त विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पुनरुत्थान के दौर में है, और कर वसूली के यह आंकड़े उसी दिशा में एक सकारात्मक संकेत हैं। अगर यह रुझान जारी रहा, तो दिल्ली सरकार न केवल अपना जीएसटी लक्ष्य पूरा करेगी बल्कि वित्तीय वर्ष के अंत तक राजस्व अधिशेष की स्थिति में भी पहुंच सकती है।।


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