जहरीले कफ सिरप से मौत के बाद मचा हड़कंप, बिक्री पर बैन!

टेन न्यूज़ नेटवर्क

National News (05/10/2025): मध्य प्रदेश और राजस्थान में कथित रूप से जहरीले कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद केंद्र सरकार ने बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में दवा निर्माण इकाइयों की रिस्क-बेस्ड जांच शुरू की है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इन राज्यों से खांसी, बुखार और एंटीबायोटिक जैसी कुल 19 दवाओं के सैंपल लिए गए हैं। शुक्रवार से शुरू हुई इस जांच का उद्देश्य दवा निर्माण प्रक्रिया में खामियों की पहचान करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम सुनिश्चित करना है। साथ ही NIV, ICMR, NEERI, AIIMS नागपुर और CDSCO के विशेषज्ञों की टीम बच्चों की मौत के पीछे वैज्ञानिक कारणों की जांच कर रही है।

‘Coldrif’ सिरप में पाया गया जहरीला रासायनिक तत्व, बिक्री पर लगा बैन

तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले में स्थित Sresan Pharma की निर्माण इकाई से लिए गए Coldrif Cough Syrup के सैंपलों में डायइथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) की मात्रा अनुमेय सीमा से अधिक पाई गई। यह वही जहरीला रासायनिक तत्व है, जो पूर्व में कई देशों में बच्चों की मौत का कारण बन चुका है। जांच के परिणाम सामने आने के बाद तमिलनाडु सरकार ने इस सिरप की बिक्री पर तुरंत रोक लगा दी और बाजार से स्टॉक हटाने का आदेश दिया। फैक्टरी में उत्पादन भी निलंबित कर दिया गया है। मध्य प्रदेश सरकार ने भी पूरे राज्य में Coldrif की बिक्री पर प्रतिबंध लगाते हुए कंपनी के अन्य उत्पादों की जांच के आदेश दिए हैं।

मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौत, राज्यों ने कड़े कदम उठाए

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में अब तक नौ बच्चों की संदिग्ध मौत हो चुकी है, जबकि 13 बच्चे अस्पतालों में भर्ती हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और कंपनी के सभी उत्पादों पर कार्रवाई होगी। वहीं राजस्थान में भी दो बच्चों की मौत के बाद जयपुर की Kaysons Pharma पर कड़ी कार्रवाई की गई है। राज्य सरकार ने कंपनी की 19 दवाओं की आपूर्ति रोक दी है और राज्य औषधि नियंत्रक को निलंबित कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी बैचों के नमूने जांच के लिए भेजे हैं।

हिमाचल और अन्य राज्यों में फार्मा यूनिट्स पर छापेमारी

हिमाचल प्रदेश के बद्दी और नालागढ़ में Coldrif सिरप विवाद के बाद औषधि निर्माण इकाइयों पर छापेमारी की जा रही है। कई यूनिट्स में कफ सिरप के उत्पादन को रोक दिया गया है और पांच फार्मा कंपनियों की अनुमति निलंबित कर दी गई है। इसी तरह उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के निर्देश पर मेडिकल स्टोर्स और अस्पतालों में दवाओं की जांच की जा रही है। केरल में भी एहतियात के तौर पर Coldrif सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी गई है, हालांकि जांच में यह पाया गया कि संदिग्ध बैच राज्य में नहीं बेचा गया था।

गुजरात और चेन्नई में भी जांच तेज़, मिलावट की पुष्टि

गुजरात सरकार ने भी राज्य में बिकने वाले सभी कफ सिरप की जांच का आदेश दिया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनमें हानिकारक तत्व मौजूद हैं या नहीं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बताया कि अब तक किसी भी सरकारी खरीद में इस कंपनी की दवाएं शामिल नहीं हैं, फिर भी एहतियाती जांच जारी है। वहीं, चेन्नई में Sresan Pharma की फैक्टरी का निरीक्षण करने पर नमूनों में मिलावट की पुष्टि हुई है। इसके बाद राज्य सरकार ने 1 अक्टूबर से इस सिरप की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।

केंद्र सरकार की सख्ती: राज्यों को जारी की एडवाइजरी

बढ़ती घटनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार की खांसी या सर्दी की दवा न दी जाए। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन DGHS ने कहा कि सामान्यतः पांच साल से कम उम्र के बच्चों को भी कफ सिरप की सिफारिश नहीं की जाती। रविवार, 5 अक्टूबर को केंद्र और राज्यों की एक उच्च स्तरीय बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित की जा रही है ताकि इस गंभीर मसले पर साझा रणनीति बनाई जा सके।

विशेषज्ञों की चेतावनी: “कफ सिरप से मौतें नई समस्या नहीं”

सर गंगाराम अस्पताल के बाल चिकित्सा आईसीयू के सह-निदेशक डॉ. धीरेन गुप्ता के अनुसार, “कफ सिरप से जुड़ी मौतें भारत ही नहीं बल्कि कई देशों में पहले भी हो चुकी हैं। इन दवाओं में कभी-कभी ऐसे रासायनिक तत्व मिल जाते हैं जो बच्चों के गुर्दों को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं।” उन्होंने कहा कि बच्चों में खांसी या सर्दी का उपचार केवल चिकित्सकीय परामर्श से ही किया जाना चाहिए। फिलहाल, देशभर में कफ सिरप की गुणवत्ता और सुरक्षा पर सघन जांच चल रही है और सरकार यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।।


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