महाकुंभ-2025 की तैयारियों पर गौहत्या का साया: संतों ने उठाए सवाल, सरकार को दी चेतावनी!
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (02 दिसंबर, 2024): महाकुंभ-2025 की तैयारियों के बीच उत्तर प्रदेश में बढ़ती गौहत्या और गंगा की पवित्रता पर सवाल उठाते हुए साधु-संतों ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। नई दिल्ली के प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में महामंडलेश्वर कंप्यूटर बाबा ने कहा कि गंगा में गौमांस और खून के अवशेष मिलने से महाकुंभ की पवित्रता पर गंभीर संकट खड़ा हो गया है।
उन्होंने गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर में हाल ही में पकड़े गए 340 टन गौमांस का हवाला देते हुए इसे सनातन धर्म पर बड़ा हमला बताया। बाबा ने कहा कि अवैध तरीके से गौमांस की सप्लाई जारी है, जिससे गंगा नदी दूषित हो रही है। उनका आरोप है कि सरकार केवल गौ संरक्षण के नाम पर कार्यक्रम करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर गायों की रक्षा नहीं हो रही।
कम्प्यूटर बाबा ने सरकार से तीन प्रमुख मांगें रखीं:
1. गंगा को गौमांस और खून से मुक्त रखने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
2. गौतस्करी में लिप्त मीट फैक्ट्रियों को बुलडोज़ कर दोषियों पर रासुका लगाई जाए।
3. उत्तर प्रदेश में गाय को ‘राजमाता’ का दर्जा दिया जाए।
संतों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें 16 दिसंबर 2024 तक पूरी नहीं हुईं, तो वे गाजियाबाद में गौ धर्म संसद आयोजित करेंगे और बड़ा आंदोलन करेंगे।
प्रेस वार्ता में मौजूद संतों ने कहा कि अगर गंगा में गौमांस और खून के अवशेष मिलते रहे, तो साधु-संतों के लिए महाकुंभ में स्नान करना असंभव हो जाएगा। उन्होंने सवाल किया कि अगर गंगाजल आचमन के योग्य नहीं रहा, तो भक्तों के पुण्य कैसे बचेंगे?
संतों ने सभी हिंदू संगठनों और अखाड़ों से अपील की कि वे महाकुंभ में गंगा स्नान के लिए मार्गदर्शन दें। कम्प्यूटर बाबा ने कहा कि अगर आंदोलन के दौरान कोई अप्रिय घटना होती है, तो इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
यह मामला अब सरकार और संतों के बीच टकराव का कारण बनता दिख रहा है। महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन की पवित्रता और गंगा की स्वच्छता बनाए रखने के लिए सरकार की अगली कार्रवाई पर सबकी नजरें टिकी हैं।
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