कश्मीरी विस्थापितों के लिए दिल्ली सरकार का बड़ा कदम, राहत राशि को लेकर बड़ी घोषणा

टेन न्यूज़ नेटवर्क

New Delhi News (03/10/2025): दिल्ली की बीजेपी सरकार ने राजधानी में रह रहे कश्मीरी विस्थापितों के लिए बड़ा और ऐतिहासिक निर्णय लिया है। अब 1800 विस्थापित परिवारों को बिना किसी आय सीमा के राहत राशि दी जाएगी। सरकार ने घोषणा की है कि हर पंजीकृत परिवार के अधिकतम चार सदस्यों को प्रति सदस्य 3,250 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। यानी एक परिवार को हर महीने करीब 13,000 रुपये तक की आर्थिक सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसे विस्थापित समुदाय के अधिकार से जुड़ा मानवीय कदम बताया है।

आय सीमा की शर्त हुई खत्म

पहले तक राहत राशि प्राप्त करने के लिए 26,800 रुपये मासिक आय सीमा तय थी, जिसके चलते कई परिवार पात्रता से बाहर हो जाते थे। नए फैसले में यह शर्त पूरी तरह समाप्त कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि विस्थापित परिवारों की वर्तमान आय चाहे जितनी भी हो, उन्हें सरकार से राहत भत्ता मिलेगा। इस निर्णय से दिल्ली में रह रहे सभी पंजीकृत कश्मीरी परिवारों को समान रूप से लाभ मिलेगा और किसी को भी पुराने नियमों की जटिलताओं से जूझना नहीं पड़ेगा।

दशकों पुरानी समस्या का समाधान

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) ने कहा कि 1990 के दशक में आतंकवाद की वजह से अपने घर-आंगन छोड़ने पर मजबूर हुए कश्मीरी हिंदुओं को तीन दशक से अधिक समय बीत जाने के बाद भी राहत की प्रक्रिया में कई अड़चनें झेलनी पड़ीं। खासकर आय सीमा की शर्त और परिवार के रिकॉर्ड को अपडेट न कर पाने की समस्या ने कई विस्थापित परिवारों को परेशान किया। पिछले डेढ़ साल से राहत राशि का वितरण अटका हुआ था, जिससे प्रभावित परिवारों पर आर्थिक बोझ और बढ़ गया था।

‘विशेष अवसर योजना’ के तहत पारदर्शिता

दिल्ली सरकार ने इस ऐतिहासिक फैसले को लागू करने के लिए ‘स्पेशल अपॉर्च्युनिटी स्कीम’ शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत सभी विस्थापित परिवारों को अपने वर्तमान सदस्यों का विवरण दर्ज करने का एक मौका दिया जाएगा। इस प्रक्रिया में पुराने रिकॉर्ड को बिना किसी भय या पूर्व भुगतान की वसूली के अपडेट किया जा सकेगा। सरकार का दावा है कि इससे वर्षों से अटकी पारिवारिक सूचियों में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित होगी।

बकाया राहत भत्ता भी मिलेगा

सरकार ने घोषणा की है कि सभी प्रभावित परिवारों को सितंबर 2025 तक का बकाया राहत भत्ता भी दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस निर्णय से विस्थापित समुदाय को न केवल तत्काल आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि यह उनके प्रति सरकार के भरोसे और संवेदनशीलता को भी दर्शाएगा। दिल्ली सरकार का मानना है कि यह कदम जम्मू-कश्मीर में लागू राहत व्यवस्थाओं के अनुरूप समानता सुनिश्चित करेगा।

मानवीय आधार पर लिया गया निर्णय

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जोर देकर कहा कि यह फैसला कोई दान या उपकार नहीं, बल्कि विस्थापित समुदाय का अधिकार है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय उनकी दशकों पुरानी व्यथा और संघर्ष को सम्मानपूर्वक स्वीकार करता है। सरकार का उद्देश्य न केवल राहत वितरण की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना है बल्कि विस्थापित समुदाय की असाधारण पीड़ा पर मानवीय मरहम लगाना भी है। दिल्ली सरकार का यह फैसला विस्थापित परिवारों के जीवन में स्थायी बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।


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