हस्तशिल्प सेक्टर और समाज सेवा में अतुलनीय योगदान के लिए EPCH नेतृत्व को राष्ट्रीय अटल पुरस्कार

नई दिल्ली – 19 सितम्बर 2025– हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) यह साझा करते हुए गर्व महसूस कर रही है कि उसके तीन विशिष्ट पदाधिकारियों — ईपीसीएच के मुख्य संजोयजक अवधेश अग्रवाल; नावेद उर रहमान, अध्यक्ष एमएचईए और सहयोजित सीओए सदस्य-ईपीसीएच नावेद-उर-रहमान और ईपीसीएच के अतिरिक्त कार्यकारी निदेशक राजेश रावत को सामाजिक सेवा में उनके उत्कृष्ट योगदान और भारत के हस्तशिल्प क्षेत्र को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बढ़ावा देने के उनके सतत प्रयासों के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रीय अटल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

यह पुरस्कार डॉ. सत्यनारायण जटिया, पूर्व मंत्री, श्याम जाजू, मुख्य संरक्षक अटल फाउंडेशन; अविनाश राय खन्ना, सदस्य, संसदीय समिति; लेखराज माहेश्वरी, राष्ट्रीय सलाहकार, अटल फाउंडेशन और राधे श्याम रंगा, सचिव, अतुल फाउंडेशन द्वारा अटल राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह के दौरान गरिमामयी उपस्थिति में प्रदान किया गया ।

इस अवसर पर ईपीसीएच के अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने कहा, “हमारे सहयोगियों को मिला यह सम्मान पूरे हस्तशिल्प समुदाय के लिए गर्व का क्षण है। हमारे सहयोगियों ने हस्तशिल्पियों के कल्याण को विस्तार देने, निर्यात को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। साथ ही, भारत की छवि को एक विश्वसनीय सोर्सिंग सेंटर के रूप में मजबूत करने में उनकी प्रतिबद्धता ने स्थायी प्रभाव डाला है।”

अपनी बात को विस्तार देते हुए डॉ. खन्ना ने कहा, “अवधेश अग्रवाल ने मुख्य संयोजक के रूप में ईपीसीएच की रणनीतिक पहलों का नेतृत्व करते हुए शिल्पकारों के हितों की पैरवी की है, निर्यातकों को समर्थन दिया है और भारत की वैश्विक उपस्थिति को मजबूत किया है। इसी तरह नावेद-उर-रहमान ने भारतीय हस्तशिल्प को नए बाजारों में बढ़ावा देने, नवाचार को प्रोत्साहित करने और युवा शिल्पकारों व उद्यमियों को भारत की शिल्प विरासत को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राजेश रावत ने अतिरिक्त कार्यकारी निदेशक के रूप में अपनी समर्पित सेवा के माध्यम से नीति निर्माण और उसके समर्थन, व्यापार सुविधा और आईएचजीएफ दिल्ली मेले जैसे प्रमुख आयोजनों के संचालन में उल्लेखनीय योगदान दिया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के हस्तशिल्प निर्यात को व्यापक पहचान और विजिबिलिटी मिली है।”

इस मौके पर ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने कहा, “ये पुरस्कार केवल तीन विशिष्ट व्यक्तियों को ही नहीं, बल्कि उस सेवा भावना और प्रतिबद्धता को सम्मानित करते हैं जिसके लिए ईपीसीएच जाना जाता है। ईपीसीएच ने नीति निर्माण, बाजार को बढ़ावा देने और शिल्पकारों को प्रोत्साहन और समर्थन की नीति अपनाई है। इन सभी पहलों में हमारे सहयोगियों के योगदान ने भारत के हस्तशिल्प निर्यात की नींव को मजबूत किया है और विकास के नए आयाम खोले हैं। राष्ट्रीय अटल पुरस्कार विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता का उत्सव है। ये उन व्यक्तियों को सम्मानित करता है जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भावना और मूल्यों को आत्मसात करते हैं। ईपीसीएच के इन नेतृत्वकर्ताओं को मिला यह सम्मान इस क्षेत्र की व्यहारिकता, प्रासंगिकता और आजीविका बनाए रखने, विरासत को संरक्षित करने के साथ ही भारत के निर्यात वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित करता है।”


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