क्विक कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ CAIT ने उठाई आवाज़, पीयूष गोयल से हस्तक्षेप की मांग
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (29 दिसंबर 2024): कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर क्विक कॉमर्स कंपनियों द्वारा नियमों और कानूनों के उल्लंघन की ओर ध्यान दिलाया है। कैट ने आरोप लगाया है कि ये कंपनियां विदेशी निवेश (एफडीआई) का दुरुपयोग कर देश के खुदरा बाजार को विकृत कर रही हैं, जिससे छोटे दुकानदारों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। इस मुद्दे पर कैट ने हाल ही में एक श्वेत पत्र जारी किया था, जिसकी प्रति गोयल को भी भेजी गई है।
छोटे व्यापारियों के लिए बड़ा खतरा
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया ने क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स जैसे ब्लिंकिट, इंस्टामार्ट, ज़ेप्टो और स्विगी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ये कंपनियां एफडीआई के जरिए मिली धनराशि का उपयोग गलत तरीकों से कर रही हैं। उनका कहना है कि ये कंपनियां इन्वेंटरी पर नियंत्रण और मूल्य निर्धारण में मनमानी कर रही हैं, जिससे गली-मोहल्लों की छोटी किराना दुकानों को बाजार से बाहर किया जा रहा है।
भरतिया ने कहा, “ये कंपनियां प्रतिस्पर्धा को खत्म कर एक असमान बाजार बना रही हैं। इनके कारण देशभर में लगभग तीन करोड़ से अधिक किराना दुकानों का टिक पाना मुश्किल हो गया है। विदेशी पूंजी से संचालित इन कंपनियों की अनियंत्रित वृद्धि छोटे व्यापारियों के लिए गंभीर खतरा है।”
एफडीआई का दुरुपयोग और नियमों की अनदेखी
कैट ने आरोप लगाया कि क्विक कॉमर्स कंपनियां एफडीआई के जरिए जुटाए गए 54,000 करोड़ रुपये का उपयोग बुनियादी ढांचा निर्माण या दीर्घकालिक परिसंपत्तियों में नहीं कर रही हैं। इसके बजाय, यह धनराशि व्यापारिक घाटे को कवर करने, सप्लाई चेन पर नियंत्रण रखने और गहरे डिस्काउंट देने के लिए इस्तेमाल की जा रही है।
भरतिया ने यह भी बताया कि इन कंपनियों ने सैकड़ों डार्क स्टोर स्थापित किए हैं, जो नियमों के विपरीत है। उन्होंने कहा कि ये कंपनियां कुछ चुनिंदा विक्रेताओं के साथ विशेष सौदे कर स्वतंत्र खुदरा विक्रेताओं के लिए प्रतिस्पर्धा को खत्म कर रही हैं।
कंपटीशन एक्ट और उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री एवं चांदनी चौक से बीजेपी सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि ये कंपनियां कम्पटीशन एक्ट, 2002 का उल्लंघन कर रही हैं। इनका एकतरफा मूल्य निर्धारण, आपूर्ति और वितरण पर नियंत्रण छोटे विक्रेताओं को बाजार से बाहर कर रहा है। इसके अलावा, ये कंपनियां उपभोक्ताओं से विक्रेताओं की जानकारी छुपाकर उपभोक्ता अधिकारों का भी हनन कर रही हैं।
कैट ने की सख्त कदम उठाने की मांग
कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री से इन कंपनियों पर सख्त निगरानी लागू करने और उन्हें नियमों का पालन करने के लिए जवाबदेह बनाने की मांग की है। कैट ने कहा कि क्विक कॉमर्स कंपनियों की अनियंत्रित गतिविधियां छोटे व्यापारियों के अस्तित्व के लिए बड़ा खतरा हैं।
राष्ट्रीय व्यापारी सम्मेलन की घोषणा
कैट ने घोषणा की है कि इस मुद्दे सहित अन्य व्यापारिक चिंताओं पर चर्चा के लिए आगामी 6-7 जनवरी को दिल्ली में दो दिवसीय राष्ट्रीय व्यापारी सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन में छोटे व्यापारियों के हितों की रक्षा के लिए व्यापक रणनीति तैयार की जाएगी।
कैट ने यह भी संकेत दिया है कि व्यापारियों का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही पीयूष गोयल से मुलाकात कर इस मुद्दे पर चर्चा करेगा। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है।।
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