डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में कुप्रबंधन और असम्मान: पवन खेड़ा ने उठाए गंभीर सवाल
नई दिल्ली (28 दिसंबर 2024): देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के राजकीय अंतिम संस्कार में असंवेदनशील व्यवहार और कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता पवन खेरा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इसे सरकार की असंवेदनशीलता और लोकतांत्रिक मूल्यों की अनदेखी का प्रतीक बताया।
मीडिया को सीमित पहुंच: पवन खेरा ने आरोप लगाया कि दूरदर्शन (डीडी) को छोड़कर किसी भी समाचार एजेंसी को कार्यक्रम कवर करने की अनुमति नहीं दी गई। डीडी ने भी मुख्य रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर ध्यान केंद्रित किया, जबकि डॉ. सिंह के परिवार को बमुश्किल कवर किया गया।
परिवार के लिए अपमानजनक व्यवस्थाएं: डॉ. सिंह के परिवार के लिए सिर्फ तीन कुर्सियां सामने की पंक्ति में रखी गईं। कांग्रेस नेताओं को उनकी बेटियों और अन्य परिवारजनों के लिए सीटों की व्यवस्था करने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ी। चिता के आसपास भी परिवार को पर्याप्त जगह नहीं दी गई, क्योंकि एक ओर सैनिकों ने स्थान घेर रखा था।
गार्ड ऑफ ऑनर के दौरान असंवेदनशीलता: खेरा ने कहा कि जब डॉ. सिंह की विधवा को राष्ट्रीय ध्वज सौंपा जा रहा था, उस समय प्रधानमंत्री और अन्य वरिष्ठ मंत्री खड़े होने की भी शिष्टता नहीं दिखा सके।
शव यात्रा में अव्यवस्था: अमित शाह के काफिले ने शव यात्रा को बाधित कर दिया, जिससे परिवार की गाड़ियां बाहर ही रह गईं। गेट बंद होने के कारण परिवार के सदस्यों को ढूंढकर वापस अंदर लाना पड़ा।
विदेशी राजनयिकों की अनदेखी: पवन खेरा ने यह भी कहा कि भूटान के राजा सहित अन्य प्रमुख विदेशी राजनयिकों को अलग बैठाया गया। जब भूटान के राजा खड़े हुए, तो प्रधानमंत्री मोदी ने खड़े होने का शिष्टाचार नहीं निभाया।
जनता की भागीदारी रोकी गई: आम जनता को अंतिम संस्कार स्थल पर प्रवेश करने से रोक दिया गया, जिससे वे बाहर से ही कार्यक्रम को देखने पर मजबूर हुए।
परिवार के पोतों के साथ भी दुर्व्यवहार: डॉ. सिंह के पोतों को अंतिम संस्कार की रस्में निभाने के लिए चिता तक पहुंचने में काफी संघर्ष करना पड़ा।
पवन खेरा ने कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह जैसे महान राजनेता, जिन्होंने अपने जीवनभर गरिमा और सादगी से देश की सेवा की, उनके अंतिम संस्कार में सरकार की यह असंवेदनशीलता और कुप्रबंधन शर्मनाक है। यह न केवल परिवार, बल्कि पूरे देश के लिए अपमानजनक है।”
गौरतलब है कि 28 दिसंबर (शनिवार) को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का दिल्ली के निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।।
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