New Delhi News (29/08/2025): नई दिल्ली में शुक्रवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई ने बॉम्बे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रहे आलोक अराधे और पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रहे विपुल मनुभाई पंचोली को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर शपथ दिलाई। दोनों की नियुक्ति के साथ ही सुप्रीम कोर्ट अब अपनी अधिकतम क्षमता यानी 34 जजों की फुल स्ट्रेंथ पर पहुंच गया है। खास बात यह है कि जस्टिस पंचोली 3 अक्टूबर 2031 को भारत के चीफ जस्टिस का पदभार संभालेंगे और 27 मई 2033 को वे रिटायर होंगे।
कॉलिजियम की सिफारिश और असहमति का मामला
गौरतलब है कि 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट की कॉलिजियम ने जस्टिस अराधे और जस्टिस पंचोली के नामों को प्रमोशन के लिए केंद्र को भेजा था। हालांकि, कॉलिजियम की सदस्य और सुप्रीम कोर्ट की एकमात्र महिला जज बी.वी. नागरत्ना ने जस्टिस पंचोली की नियुक्ति पर असहमति जताई थी। उन्होंने कई आधारों पर अपनी राय दर्ज की थी। इसके बावजूद कॉलिजियम के बहुमत ने दोनों नामों को अंतिम रूप दिया और केंद्र ने मंजूरी प्रदान की।
जस्टिस आलोक अराधे का न्यायिक सफर
जस्टिस आलोक अराधे का जन्म 13 अप्रैल 1964 को हुआ और उन्होंने 1988 में बतौर अधिवक्ता अपने करियर की शुरुआत की। उन्हें 2009 में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का अतिरिक्त जज नियुक्त किया गया और 2011 में स्थायी जज बनाया गया। वे बाद में जम्मू-कश्मीर और कर्नाटक हाई कोर्ट में भी कार्यरत रहे। 2022 में कर्नाटक हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बने और जुलाई 2023 में तेलंगाना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए गए। जनवरी 2025 में वे बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने और अब सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में अपनी नई पारी शुरू कर चुके हैं।
जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली की पृष्ठभूमि
जस्टिस पंचोली का जन्म 28 मई 1968 को अहमदाबाद में हुआ। वे 1991 में बार काउंसिल में शामिल हुए और गुजरात हाई कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की। 2014 में उन्हें गुजरात हाई कोर्ट का अतिरिक्त जज नियुक्त किया गया और 2016 में स्थायी जज बनाया गया। उन्होंने लंबे समय तक सरकारी वकील और अतिरिक्त लोक अभियोजक के तौर पर भी काम किया। इसके अलावा वे 21 वर्षों तक अहमदाबाद के सर एल.ए. शाह लॉ कॉलेज में विजिटिंग फैकल्टी रहे। बाद में उन्हें पटना हाई कोर्ट में स्थानांतरित किया गया, जहां 2023 में उन्होंने मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला।
न्यायपालिका में मजबूती की नई तस्वीर
जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस विपुल पंचोली की नियुक्ति से सुप्रीम कोर्ट की न्यायिक क्षमता और मजबूत हुई है। जहां जस्टिस अराधे का अनुभव कई हाई कोर्ट्स में प्रशासनिक व न्यायिक जिम्मेदारियों से जुड़ा रहा है, वहीं जस्टिस पंचोली की पृष्ठभूमि अकादमिक और प्रशासनिक दोनों क्षेत्रों से जुड़ी रही है। दोनों की मौजूदगी से सुप्रीम कोर्ट के फैसलों में विविध दृष्टिकोण और गहराई आने की उम्मीद जताई जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम न्यायपालिका को और सशक्त करेगा और आने वाले वर्षों में न्यायिक प्रणाली की कार्यक्षमता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा।
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