नई दिल्ली, (27 दिसंबर, 2024): दिल्ली में बिजली के बढ़ते बिलों से परेशान जनता को बड़ी राहत मिली है। पावर परचेज एडजस्टमेंट चार्ज (PPAC) में भारी कटौती की घोषणा हुई है। दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने प्रेस वार्ता में बताया कि उनकी पार्टी के लगातार संघर्ष और उपराज्यपाल की पहल से यह संभव हो पाया है।
बीजेपी ने लंबे समय से यह मुद्दा उठाया था कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार बिजली कंपनियों के साथ मिलकर जनता से ज्यादा चार्ज वसूल रही है। इस पर रोक लगाने के लिए बीजेपी ने कई स्तरों पर विरोध प्रदर्शन किए और मांग की कि PPAC को कम किया जाए।
क्या है PPAC चार्ज?
बिजली कंपनियां बिजली खरीदने की लागत के आधार पर उपभोक्ताओं से PPAC वसूल करती हैं। पहले यह चार्ज BYPL के लिए 38.12%, BRPL के लिए 35.83%, और TPDDL के लिए 36.33% था। अब डीआरसी (दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन) के नए आदेश के अनुसार, यह चार्ज घटकर BYPL के लिए 13.63%, BRPL के लिए 18.19%, और TPDDL के लिए 20.52% रह गया है।
बीजेपी का विरोध और जीत
बीजेपी ने इस मुद्दे को अप्रैल में लोकसभा चुनाव के दौरान उठाया था और जुलाई में उपराज्यपाल को पत्र लिखकर इसकी जांच की मांग की थी। पार्टी कार्यकर्ताओं ने बिजली कंपनियों के दफ्तरों पर विरोध प्रदर्शन भी किए। अक्टूबर में, लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधियों ने राज्यपाल से मुलाकात कर यह मामला उठाया।
जनता को कैसे होगा फायदा?
PPAC चार्ज में 50% की कमी से दिल्ली के उपभोक्ताओं के बिजली बिल में राहत मिलेगी। वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि यह केवल बीजेपी के संघर्ष से संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार को भविष्य में महंगी बिजली खरीदने की आवश्यकता को पहले से प्रबंधित करना चाहिए ताकि जनता पर भार न पड़े।
वीरेंद्र सचदेवा ने उपराज्यपाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने दिल्ली की जनता की समस्या को समझा और समाधान की दिशा में कदम उठाया। उन्होंने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने बिजली कंपनियों के साथ मिलकर जनता को लूटा।
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