IHGF दिल्ली फेयर स्प्रिंग 2026 अब फरवरी में, विशेष फ़र्नीचर संस्करण की होगी शुरुआत

नई दिल्ली- 17 अगस्त 2025 – वैश्विक स्तर पर सराहे गए आईएचजीएफ दिल्ली मेला के 61वें संस्करण का आयोजन 14 से 18 फरवरी 2026 तक ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर ऐंड मार्ट में किया जाएगा। यह मेला हस्तशिल्प और हस्तनिर्मित उत्पादों की दुनिया की सबसे बड़ी प्रदर्शनियों में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त है, जो होम, लाइफस्टाइल, फैशन, फर्नीचर और फर्निशिंग उत्पादों के महत्वपूर्ण सोर्सिंग प्लेटफॉर्म के रूप में अपनी भूमिका को तत्परता से निभाता रहेगा। यह मेला विदेशी खरीदारों, खरीद एवं सोर्सिंग पेशेवरों के साथ-साथ बड़े पैमाने पर घरेलू खुदरा खरीदारों का भी स्वागत करता है; स्टेकहोल्डर, प्रतिभागी और आगंतुक इस बहुप्रतीक्षित व्यापार मेले के जरिए नए व्यापार अवसरों का पता लगाने की हमेशा प्रतीक्षा करते रहे हैं।

नई तारीखों की घोषणा करते हुए ईपीसीएच के अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने कहा कि, “आईएचजीएफ दिल्ली फेयर स्प्रिंग 2026 के 61वें संस्करण को ‘स्पेशल फर्नीचर एडिशन’ के रूप में पुनः स्थापित किया गया है। यह स्प्रिंग संस्करण में प्रदर्शित किए जाने वाले होम, लाइफस्टाइल, फैशन, फर्निशिंग एवं डेकोर के उत्पादों से बढ़कर होगा, जिससे यह हाल के वर्षों के सबसे बहुप्रतीक्षित संस्करणों में से एक बन जाएगा। परंपरागत तौर पर मार्च में आयोजित किए जाने वाले स्प्रिंग संस्करण को रणनीतिक तौर पर मध्य-फरवरी में नई तारीख को, 14 से 18 फरवरी 2026, आयोजित किया जा रहा है जिससे अंतरराष्ट्रीय सोर्सिंग कैलेंडर के साथ मेल बिठाया जा सके, सीधे तौर पर एम्बिएंते फ्रैंकफर्ट 2026 के साथ पंक्तिबद्ध करने के उद्देश्य से, जो कि होम और उपभोक्ता उत्पादों का एक प्रमुख वैश्विक मेला है।“

डॉ. खन्ना ने आगे कहा कि “यह फैसला विदेशी खरीदारों, बाइंग एजेंट्स एसोसिएशन और जयपुर, जोधपुर एवं सहारनपुर जैसे प्रमुख फर्नीचर उत्पादक केंद्रों के प्रमुख निर्यातकों से विस्तृत विचार विमर्श और उनकी प्रतिक्रियाओं के आधार पर लिया गया है। निर्यातकों ने पहले से आयोजित की जा रही मार्च की तारीखों पर अपनी चिंताएं व्यक्त की थीं, तब रमजान और होली जैसे त्योहारों के दौरान उत्पादन में मंदी और उस दौरान खरीदारों द्वारा सुदूर पूर्व से सामानों को खरीदने पर ध्यान देने की प्रवृत्ति का हवाला दिया गया था। एंम्बिएंते मेले के ठीक बाद आईएचजीएफ दिल्ली मेला के आयोजन से अंतरराष्ट्रीय खरीदारों, खास तौर पर फर्नीचर और घरेलू उत्पादों की खरीद करने वालों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित होगी।”

इस रणनीति के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए ईपीसीएच के महानिदेशक की भूमिका में मुख्य संरक्षक और आईईएमएल के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने कहा, “एम्बिएंते के तुरंत बाद आईएचजीएफ दिल्ली मेला आयोजित करके, हम वैश्विक सोर्सिंग की तेज गति का लाभ उठा रहे हैं। यह भारतीय निर्यातकों को समय पर ऑर्डर पाने और अंतरराष्ट्रीय मांग को आसानी और प्रभावी ढंग से पूरा करने में मदद पहुंचाएगा।” उन्होंने यह भी कहा, “61वें संस्करण में विशेष रूप से फर्नीचर पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, यह मेला ऐसे समय में, जब वैश्विक खरीदार आने वाले सीजन के लिए सक्रिय रूप से सोर्सिंग कर रहे होंगे, भारत की विनिर्माण क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए एक और सशक्त मंच प्रदान करेगा।”

ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक  आर. के. वर्मा ने कहा, “यह फैसला हस्तशिल्प क्षेत्र की बदलती जरूरतों के प्रति ईपीसीएच की संवेदनशीलता को दर्शाता है। मेले का पुनर्निर्धारण केवल नई तारीखों के बारे में नहीं है, बल्कि नए सिरे से फोकस करने के बारे में है। अतिरिक्त जगह, खास तौर पर भारतीय फर्नीचर प्रदर्शकों के लिए— स्थापित और उभरते दोनों प्रदर्शक शामिल होंगे पूरी तरह से समर्पित हॉल और थीम पर आधारित नजरिए के साथ; 61वें आईएचजीएफ दिल्ली मेला स्प्रिंग भारतीय फर्नीचर निर्यातकों को एक अधिक बिजनेस-केंद्रित और लाभकारी मंच प्रदान करेगा।”


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